सिली सोल्स का मालिक डि’गामा परिवार, बताया अकेले मालिक, लाइसेंस प्रक्रिया जांच शुरू

‘वो बार सिर्फ हमारा है, इसमें ईरानी परिवार का कोई अधिकार नहीं’ : कॉन्ग्रेस नेताओं के झूठ की खुली पोल, बार मालिकों ने आरोपों को बताया ‘निराधार

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सिली सोल्स बार के मालिकों ने बताया सच

गोवा ‘सिली सोल्स’ बार के मालिकाना अधिकार मामले में अब कॉन्ग्रेस के झूठ की पोल खुलने लगी है। कॉन्ग्रेस अब तक जहाँ दावे कर रही थी कि बार की मालकिन स्मृति ईरानी की बेटी जोएश ईरानी हैं,वहीं गोवा के स्थानीय डगामा परिवार ने दावा किया है कि वो बार उनका है और उस पर सिर्फ उनका अधिकार है। इसका ईरानी फैमिली से कोई लेना-देना नहीं है।

29 जुलाई 2022 को बार मालिक मर्लिन एंथनी डि’गामा और उनके बेटे डीन डि’गामा ने एक्साइज कमिश्नर नारायण एम गढ़ के शो कॉज नोटिस पर अपना ये जवाब दिया है। उन्होंने इसमें स्पष्ट कहा है कि उनके इस बिजनेस में उनके साथ कोई साथी नहीं है और उन्होंने किसी भी तरह एक्‍साइज ड्यूटी एक्‍ट 1964 के नियमों का कोई उल्‍लंघन नहीं किया है।

उन्होंने गोवा के एक्टिविस्ट आयरेज रॉड्रिगेज की शिकायत को पूर्ण रूप से निराधार बताते हुए जानकारी दी कि साल 2021 में एंथनी डि’गामा की मृत्यु के बाद बार श लाइसेंस कानूनी ढंग से उनके उत्तराधिकारी यानी कि डीन को दिया जाना था। ऐसे में जब इस वर्ष डीन एंथनी ने अपना लाइसेंस रीन्यू कराने को दिया तो उन्होंने साथ में एंथनी की मृत्यु का प्रमाण पत्र भी जमा करवाया। तभी, उनसे एक अंडरटेकिंग देने को कहा गया और बताया गया कि इसके बाद लाइसेंस 6 महीने में उनके नाम ट्रांस्फर हो जाएगा।

डि’गामा परिवार के मुताबिक, इसी मामले को लेकर गोवा एक्साइज कमिश्नर ने नोटिस भेजा था, लेकिन गोवा के एक्टिविस्ट आयरेज ने इसे आधार बनाकर ईरानी परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया।

वकील ने बताया,

“हम पुर्तगाली नागरिक संहिता से शासित हैं। संहिता में, संपत्ति का स्वामित्व संयुक्त रूप से पति और पत्नी के नाम पर अनुच्छेद 1117 (पुर्तगाली नागरिक संहिता, 1867 के) के अनुसार है। कानून की दृष्टि से प्रशासन हमेशा पति के नाम पर होता है। लेकिन जब किसी पति या पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो प्रशासन स्वत: ही उसके जीवनसाथी को चला जाता है। तो, यहाँ पति या पत्नी स्वतः ही संपत्ति के प्रशासक बन जाते हैं। इसमें कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है।”

बता दें कि अब इस पूरे मामले में 22 अगस्त को अगली सुनवाई होगी। गोवा परिवार के वकील बेन्नी नजरेथ ने साफ किया कि रेस्टोरेंट से स्मृति ईरानी का कोई संबंध नहीं है। इसके मालिक केवल डि’गामा परिवार है।

 बार मालिक का आया बयान, स्मृति इरानी की बेटी पर आरोप लगाकर बुरी फंसी कांग्रेस!

कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी पर ऑलआउट अटैक करते हुए आरोप लगाया था कि गोवा के Silly Souls Cafe and Bar को उनकी बेटी चलाती हैं। हालांकि शुक्रवार को एक्‍साइज कमिश्‍नर के सामने एक स्‍थानीय परिवार ने बताया कि बार का मालिकाना हक उनके पास है।

हाइलाइट्स
1-गोवा में रेस्तरां और बार को लेकर उठा था विवाद
2-कांग्रेस ने स्मृति इरानी की बेटी पर बार चलाने का लगाया था आरोप
3-स्मृति इरानी ने आरोप किए थे खारिज, कांग्रेस पर किया साजिश का दावा
4-गोवा के एक परिवार ने किया दावा, बार स्मृति इरानी की बेटी का नहीं

दरअसल, एक्‍साइज कमिश्‍नर नारायण एम. ने प्रॉपर्टी के मालिकों- मर्लिन एंथनी डी’गामा और उनके बेटे डीन डी’गामा को कारण बताओ नोटिस भेजा था। जवाब में उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने गोवा एक्‍साइज ड्यूटी एक्‍ट 1964 के नियमों का कोई उल्‍लंघन नहीं किया है। वकील आयरेज रॉड्रिगेज की शिकायत पर यह नोटिस जारी हुआ था। शिकायत में आरोप था कि बार का लाइसेंस जून में किसी एंथनी डी’गामा के नाम पर रीन्‍यू किया गया जिनकी मई 2021 में मौत हो चुकी थी। बीएमसी से जारी डेथ सर्टिफिकेट भी शिकायत के साथ नत्‍थी था। कांग्रेस ने इसी को आधार बनाकर इरानी के इस्‍तीफे की मांग की थी।

आरोपों को बताया गलत

अपने लिखित जवाब में, जिसमें बताया गया था कि एंथनी डी’गामा मेरलिन के पति थे, मां और बेटे ने कहा कि शिकायत में आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। जवाब में कहा गया, ‘यह स्पष्ट है कि स्वामित्व के हस्तांतरण की आवश्यकता होने का प्रश्न इस तथ्य के मद्देनजर उत्पन्न नहीं होता है कि प्रतिवादी संख्या 1 (मेरलिन) उक्त घर और संपत्ति का संयुक्त मालिक है और प्रतिवादी संख्या 2 (डीन) प्रतिवादी संख्या का वैध वकील है।

‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ पिछले सप्ताह उस समय विवादों में था, जब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की बेटी का इस संपत्ति से संबंध है। इरानी की बेटी ने इन आरोपों से इनकार किया। इरानी की बेटी के वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल न तो इस रेस्तरां की मालिक हैं और न ही इसका संचालन करती हैं।

29 जुलाई को हुई सुनवाई

आबकारी आयुक्त नारायण गैड ने नोटिस में कहा था कि वह 29 जुलाई (शुक्रवार) को पूर्वाह्न 11 बजे अल्टिन्हो स्थित गोवा राज कर भवन में शिकायत की सुनवाई करेंगें। आबकारी आयुक्त ने रॉड्रिग्स की दायर शिकायत पर 21 जुलाई को रेस्तरां को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। रॉड्रिग्स ने अपनी शिकायत में कहा कि गोवा में आबकारी नियम में केवल मौजूदा रेस्तरां को बार लाइसेंस जारी किया जा सकता है, लेकिन इस मामले में नियमों का उल्लंघन किया गया है।

वकील ने लगाए ये आरोप

यह भी आरोप लगया कि एंथनी डी’गामा के नाम पर लाइसेंस को मंजूरी दी गई, जबकि उसके आधार कार्ड के आधार पर वह मुंबई निवासी है। रॉड्रिग्स ने यह भी आरोप लगाया कि जून में मापुसा में स्थानीय आबकारी कार्यालय ने कानून का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए ‘डी’गामा के नाम पर लाइसेंस नवीनीकरण किया, जबकि मुंबई नगर निगम से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार, उसकी 17 मई, 2021 को मौत हो चुकी है।’

‘विभाग को किया था ट्रांसफर का आवेदन’

20 अगस्त, 2021 से परिवार की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी रखने वाले मर्लिन और डीन ने शराब लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए 22 जून को आवेदन में एंथनी का मृत्यु प्रमाणपत्र भी दिया था। इसमें कहा गया है कि डीन को एक अंडरटेकिंग देने को कहा गया था कि लाइसेंस छह महीने में हस्तांतरित कर दिया जाएगा।

पुर्तगाली नागरिक संहिता नियम लागू

परिवार के वकील बेनी नाजरेथ ने कहा, ‘हम पुर्तगाली नागरिक संहिता में शासित हैं। संहिता में, संपत्ति का स्वामित्व संयुक्त रूप से पति और पत्नी के नाम पर अनुच्छेद 1117 (पुर्तगाली नागरिक संहिता, 1867 के) के अनुसार है। कानून की दृष्टि से प्रशासन हमेशा पति के नाम पर होता है। लेकिन जब किसी पति या पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो प्रशासन स्वत: ही उसके जीवनसाथी को चला जाता है। तो, यहां पति या पत्नी स्वतः ही संपत्ति के प्रशासक बन जाते हैं। इसमें कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या रेस्तरां का इरानी या उनके परिवार के सदस्यों से कोई संबंध है, नासरत ने कहा, ‘नहीं, बिल्कुल कुछ नहीं, मालिक डी’गामा हैं।’

आबकारी आयुक्त ने निर्धारण के लिए दो मुद्दे तैयार किए, क्या आबकारी लाइसेंस झूठे और अपर्याप्त दस्तावेज जमा करके और तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके प्राप्त किया गया था, और क्या आबकारी अधिकारियों की ओर से प्रक्रियात्मक अनियमितताएं थीं?

क्या है पूरा मामला

23 जुलाई को, कांग्रेस नेताओं ने इरानी की बेटी के कथित रूप से चलाए जा रहे अवैध रेस्तरां और बार को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की थी। बाद में उन्होंने एक कथित शो के एक वीडियो क्लिप का हवाला दिया जिसमें इरानी की बेटी का युवा उद्यमी के रूप में साक्षात्कार किया गया था, और सिली सोल्स कैफे एंड बार को उनके रेस्तरां के रूप में पेश किया गया था। इरानी ने पलटवार करते हुए कहा था कि उनकी 18 साल की बेटी एक छात्रा है और उसे सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उसकी मां ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो बार हराया।

कांग्रेस नेताओं  को दिल्ली HC का समन

29 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूचा को समन भेज कॉन्ग्रेस नेताओं से उनके उन ट्विट्स को डिलीट करने को कहा था जिसमें उन लोगों ने स्मृति ईरानी की बेटी पर इल्जाम लगाए थे। दिल्ली कोर्ट ने कहा था कि अगर ये लोग ट्वीट डिलीट नहीं करते तो ट्विटर इन पर कार्रवाई करे।

स्मृति ईरानी ने मानहानि का किया केस

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इन नेताओं को लीगल नोटिस भेजा था। उन्होंने 2 करोड़ रुपए की मानहानि केस दायर करते हुए आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस नेताओं ने उनकी बेटी को जबरन इस पूरे केस में घसीटा और झूठी जानकारी देकर उन्हें व उनकी बेटी को बदनाम करने की कोशिश की। वह डि’गामा परिवार के बयान आने से पहले बार-बार दोहरा रही थीं कि उनकी बेटी कोई बार नहीं चलाती है और न ही एक्साइज डिपार्टमेंट से उन्हें कोई शो कॉज नोटिस आया है।

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