आंदोलनकारी छह पहलवानों को ट्रायल छूट,इसी को तो सारा ड्रामा

विनेश-बजरंग और साक्षी को ट्रायल में छूट:पहलवान योगेश्वर दत्त भड़के, बोले- क्या धरने का मकसद यही था, ये कुश्ती का काला दिन

पहलवान विनेश फोगाट और योगेश्वर दत्त।

पानीपत 23 जून।भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट दी गई है।

इन पहलवानों को छूट देने पर ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त नाराज हो गए। उन्होंने कहा- क्या धरना देने वाले खिलाड़ियों का यही मकसद था? कुश्ती के लिए यह काला दिन है। इंडिया के पूर्व कोच कृपा शंकर ने भी इस फैसले का विरोध किया है।

योगेश्वर के बयान पर विनेश फोगाट ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि योगेश्वर पहलवानों और कोचों को महिला रेसलर्स के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा। सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का झूठा खा रहा है। योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया को लीक किए।

दरअसल, भारतीय ओलिंपिक संघ के एडहॉक पैनल ने 6 आंदोलनकारी पहलवानों के लिए आगामी एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप की चयन प्रक्रिया को सिर्फ एक मुकाबले की प्रतियोगिता कर दिया है।

इन पहलवानों को इन दोनों प्रतियोगिताओं की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए सिर्फ ट्रायल के विजेताओं को हराने की जरूरत होगी। छह पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा शामिल हैं। यह पहलवान 5 से 15 अगस्त के बीच ट्रायल के विजेताओं से भिड़ेंगे।

अब योगेश्वर दत्त ने कही ये 4 बड़ी बातें पढ़िए…

1. एडहॉक कमेटी ने बिना नियमों के लिया फैसला

मुझे आज ही न्यूज के माध्यम से पता लगा है कि IOA ने जो एडहॉक कमेटी बनाई थी, उन्होंने एक निर्णय लिया है जो भी यह 6 पहलवान जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे, इनको ट्रायल में छूट दी गई है। इनके बस फाइनल ट्रायल होगा। जो पहलवान इनकी वेट कैटेगरी में विजेता होगा, उनके साथ इनकी बस फाइनल ट्रायल होगी।

मुझे नहीं पता कि आईओए की इस एडहॉक कमेटी ने ऐसे ट्रायल लेने के क्या मापदंड अपनाए हैं। अगर आपको ऐसे ही ट्रायल लेने हैं, तो रवि दहिया है जो ओलिंपिक का मेडलिस्ट है, दीपक पूनिया है जो भी गोल्ड मेडलिस्ट है व ओलिंपिक में चौथा स्थान पर रहा था।

अंशु मलिक है, वर्ल्ड की सिल्वर मेडलिस्ट व ओलंपियन है। सोनम मलिक है। इनके अलावा और भी बहुत से पहलवान हैं, जो इस देश में नंबर वन है। लेकिन इन 6 ही पहलवानों को ट्रायल में छूट देना, मेरी समझ से बाहर है। यह सरासर गलत है, ऐसा तो आज तक जो पहले पैनल थे, उसने भी नहीं किया है।

2. अन्य पहलवानों से अपील- इसके खिलाफ उठाएं आवाज

योगेश्वर दत्त ने कहा कि हमारे जितने भी पहलवान हैं, उनसे अपील है कि आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। मैं यह नहीं कह रहा कि आप धरना दीजिए, प्रदर्शन कीजिए। आप खूब मेहनत कीजिए, पर आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। आप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, खेल मंत्री, IOA को पत्र लिखिए और एडहॉक कमेटी के इस फैसले से उन्हें अवगत कराइए।

इतिहास में कभी भी किसी फेडरेशन ने ऐसे फैसले नहीं किए हैं। हां, उन्होंने बिना ट्रायल के भी टीम भेजी हैं, लेकिन नंबर वन टीम भेजी है। ट्रायल में छूट भी दी गई है, लेकिन वह सभी के लिए नहीं दी गई है। छूट उसी को दी गई जो आउटस्टैंडिंग पहलवान था और करंट में जिसने अच्छा प्रदर्शन किया हो। यह पहलवान तो 1 साल से भी ज्यादा समय से मैट से दूर हैं।

3. खाप पंचायतों और किसान संगठनों से इस फैसले पर मंथन करने को कहा

योगेश्वर दत्त ने कहा कि सभी खाप पंचायतें, किसान संगठन इस फैसले को जरूर देखिए। क्योंकि आपने इन पहलवानों का साथ दिया था। इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए आपका बहुत बड़ा योगदान रखा है।

यह जो फैसला है या किसके लिए अच्छा और किसके लिए बुरा है। अब आप उस प्रदर्शन की हकीकत को जानिए कि वह यौन शोषण के खिलाफ हुआ था या ट्रायल में छूट के लिए किया गया था।

4. ये फैसला तानाशाही वाला है, मैं गलत के खिलाफ जरूर बोलूंगा

हरियाणा में कुश्ती की कष्ट निवारण समिति बनी थी, जिसके मुखिया कोच रणबीर ढाका और ज्ञान कोच हैं, जोकि एडहॉक कमेटी का भी हिस्सा हैं। उनके रहते हुए इस तरह का फैसला लिया गया है, वे भी इस पर विचार करें।

यह फैसला बिल्कुल तानाशाही वाला लिया गया है। मैंने कुश्ती के लिए यह सब बातें बोली है, जहां भी कुश्ती के साथ कुछ गलत होगा, मैं जरूर बोलूंगा। इसमें मेरा कोई भी निजी स्वार्थ नहीं है।

बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट दी गई है।

विनेश फोगाट ने कही 4 बड़ी बातें पढ़िए…

1. पहलवानों ने आपबीती बताई तो हंसने लगा योगेश्वर

विनेश फोगाट ने कहा कि योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हंसी दिमाग में अटक गई। वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों कमेटियों का हिस्सा था। जब कमेटी के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बता रही थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हंसने लगता। जब 2 महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आईं तो बाहर आकर उनको कहने लगा कि कुछ ना होगा बृजभूषण का। जाके अपनी प्रैक्टिस करो।

2. महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया को लीक किए

एक दूसरी महिला पहलवान को बड़े भद्दे तरीके से बोला कि ये सब तो चलता रहता है। इसको इतना बड़ा इशू मत बनाओ। कुछ चाहिए हो तो मुझे बताओ। कमेटी की बैठक के बाद योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया को लीक कर दिए। उसने कई महिला पहलवानों के घर फोन करके यह भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो। वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के खिलाफ बयान दे रहा था, उसके बावजूद उसे दोनों कमेटियों में रखा गया।

3. कभी जिंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे

वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा। सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का झूठा खा रहा है। समाज में कोई भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है तो योगेश्वर जरूर उल्टियां करता है। पहले किसानों, जवानों, छात्रों, मुसलमानों, सिखों पर घटिया टिप्पणियां कीं और अब महिला पहलवानों को बदनाम करने में लगा हुआ है। समाज से गद्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मुंह गिरे हो तुम और मैं चैलेंज करती हूं कि कभी जिंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे, क्योंकि समाज जहरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसके कभी पैर नहीं लगने देता।

4. योगेश्वर को बताया जयचंद

कुश्ती जगत को आपका बृजभूषण के तलवे चाटना हमेशा याद रहेगा। महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना जोर मत लगाओ, बहुत पक्के इरादे हैं इनके। ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगवाने से कमर न टूट जाए। रीढ़ तो पहले ही बृजभूषण के पैरों में रख चुके हो। तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो। जालिम के हक में खड़े हो उसकी चापलूसी कर रहे हो। जब तक कुश्ती में योगेश्वर जैसे जयचंद रहेंगे, यकीनन जालिमों के हौंसले बुलंद रहेंगे।

इंडिया के पूर्व कोच कृपा शंकर ने भी किया विरोध

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