आजम को झटका, जौहर ट्रस्ट की 70 हैक्टेयर भूमि होगी सरकार के नाम
Rampur News: आजम खां को लगा झटका, UP सरकार के नाम होगी जौहर यूनिवर्सिटी की 70 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन
: आजम खान की जौहर ट्रस्ट की करीब 70 से ज़्यादा हेक्टेयर ज़मीन अब योगी सरकार की हो जाएगी। अपर जिलाधिकारी कोर्ट ने आदेश दिया है कि करीब 70.05 हेक्टेयर जमीन सरकार के नाम पर की जाए।
हाइलाइट्स:
समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खां को लगा बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश सरकार के नाम की जाएगी जौहर विश्वविद्यालय की 70 हेक्टेयर जमीन
समाजवादी पार्टी सरकार में जौहर ट्रस्ट के नाम खरीदी गई थी सैकड़ों बीघा जमीन
रामपुर 16 जनवरी। जौहर यूनिवर्सिटी मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां
को शनिवार को अपर जिलाधिकारी कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने जौहर ट्रस्ट की 70.05 हेक्टेयर जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया है। यह जमीन अभी तक आजम खां की जौहर ट्रस्ट के नाम पर थी।
आपको बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी ने नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 70 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खरीदी थी, जबकि अनुमर्ति सिर्फ 12.5 एकड़ जमीन खरीदने की थी। अपर जिलाधिकारी कोर्ट ने जौहर ट्रस्ट को नियमों का पालन ना करने का दोषी मानते हुए फैसला सुनाया है। सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि अब तहसील के अभिलेखों में ये भूमि आजम खां की जौहर ट्रस्ट से काटकर प्रदेश सरकार के नाम पर दर्ज की जाएगी।
जौहर विवि के लिए ली गई थी सैकड़ों बीघा जमीन
रामपुर के सांसद आजम खां ने एसपी सरकार के दौरान सैकड़ों बीघा जमीन जौहर ट्रस्ट के नाम पर ली थी। यह मामला अपर जिलाधिकारी कोर्ट में चल रहा था। आरोप लगे थे कि अनुमति की कई शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रशासन की ओर से जौहर ट्रस्ट को आवंटित जमीनों की जांच अपर जिलाधिकारी केंद्रीय से कराई गई थी। आरोप है कि समाजवादी पार्टी शासन के दौरान जौहर ट्रस्ट को जमीन देते वक्त स्टांप शुल्क में इस शर्त पर माफी दी गई थी कि जमीन पर चैरिटेबिल कार्य होंगे।
जौहर यूनिवर्सिटी
10 सालों में नहीं हुआ चैरिटी का कोई काम
जांच रिपोर्ट के अनुसार, जौहर ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय का काम चल रहा है, लेकिन लेकिन पिछले 10 सालों में चैरिटी का कोई कार्य न होने की बात भी सामने आई है। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ट्रस्ट को एक सीमा में ही जमीन आवंटित की जा सकती है, लेकिन इस मामले में नियम-कायदों का उल्लंघन किया गया। तत्कालीन परगनाधिकारी केंद्रीय ने जौहर ट्रस्ट मामले में जांच की थी। इस पर अपर जिलाधिकारी कोर्ट में वाद दायर कराया गया था। अपर जिलाधिकारी जेपी गुप्ता की कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाया है.