माफ़ करो: बच्चों को संस्कार की बात कही, फिर भी जिसे पहनना है, पहने फटी जींस

फटी जींस बयान से विवादों में घिरे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मांगी माफी, कही अपनी बात

फटी जींस वाले बयान पर चौतरफा विवादों से घिरे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने माफी मांगी है। उनका कहना है कि उनका ये बयान संस्कारों के परिपेक्ष्य में था। अगर किसी को फटी जींस पहननी ही है तो वह पहनें
देहरादून 19 मार्च। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने फटी जींस संबंधी विवादास्पद बयान पर अपनी सफाई दी है। तीरथ ने कहा कि उन्होंने संस्कार, संस्कृति व परिवेश के परिप्रेक्ष्य में यह बात कही थी। यदि उनकी इस बात से किसी को दुख पहुंचा है, तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान से करने के मामले में भी अपना पक्ष रखा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पिछले कुछ दिनों से अपने दो विवादित बयानों के लिए इंटरनेट मीडिया में चर्चा में हैं। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने फटी जींस को लेकर दिए गए बयान के संबंध में कहा कि युवाओं से संबंधित कार्यक्रम में उन्होंने संस्कारों को लेकर यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह एक सामान्य ग्रामीण परिवेश से आते हैं। जब वह स्कूल जाते थे और उनकी पैंट फट जाती थी, तो उन्हें यह डर लगता था कि स्कूल कैसे जाएंगे। गुरु का अनुशासन का डर रहता था कि वे दंड देंगे। वह अनुशासन व संस्कार था। उस समय पैंट पर पैबंद लगा कर जाते थे। आज के समय में युवा हजारों रुपये की जींस खरीद कर लाता है। उस पर भी कैंची मार देता है। उनके कहने का अर्थ यह था कि बच्चों में किताबी ज्ञान नहीं, संस्कार भी डालना चाहिए। उनके कहने का कोई गलत अर्थ नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी भी बेटी है। जो बात वह करेंगे, वह घर पर भी लागू होगी। घर में संस्कारयुक्त वातावरण बनाना चाहिए। उन्हें जींस से कोई एतराज नहीं। वह जो खाकी पहनते थे, वह भी जींस का रूप था। उन्होंने जो बात कही, वह फटी जींस के लिए कही थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान के रूप में पूजे जाने संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि राम हमारे आदर्श है। भगवान राम ने जिस तरह समाज के लिए काम किया, निशाचर प्रकृति के लोग जो समाज में विकृति फैला रहे थे, उन्हें समाप्त कर वह आदर्श बन गए और पूजनीय हो गए। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश हित व राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं, उस रूप में वह हमारे आदर्श हैं। जो राक्षस प्रवृति के लोग है, जो देश को अपना नहीं मानते, उन्होंने एक ही भाव लेकर सबको दरकिनार किया। इसी रूप में वह हमारे आदर्श हैं। उन्हें पूजा जाना चाहिए।
अपने फैसलों के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई फैसले बदले। कोविड के समय बहुत सारी संस्थानों और बहनों ने सेवा का काम किया। इस दौरान उनमें से कई पर मुकदमें दर्ज हो ए। जिन्होंने चोरी नहीं की, डकैती नहीं की, उन पर मुकदमा क्यों दर्ज होना चाहिए। इसलिए मुकदमें वापस लिए जा रहे हैं। जहां तक विकास प्राधिकरण की बात है, तो जो प्राधिकरण ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्र में जरूरी नहीं थे, उन्हें समाप्त किया जा रहा है। जो बड़े नगर निगम व नगर पालिका हैं, वहां ये यथावत बने रहेंगे। इसके लिए एक कैबिनेट समिति भी बनाई गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *