विधानसभा में 10 साल की भर्तियों की जांच को कमेटी, सचिव कक्ष सील,लंबी छुट्टी पर भेजा
उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर में भर्तियाें पर जांच शुरू करवा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने अब तक के अध्यक्षों के स्टैंड पर एक तरह से सवाल उठा दिया है। पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और गोविंद सिंह कुंजवाल की बढेंगीं मुश्किलें
देहरादून 03 सितंबर। उत्तराखंड में बैकडोर भर्तियों से सदन की गरिमा के प्रतिकूल ठहराते हुए, अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने अब तक के अध्यक्षों के स्टैंड पर एक तरह से सवाल उठा दिया है। ऋतु ने साफ तौर पर विशेषाधिकार को सही फ्रेम में रखने की वकालत कर खासकर अपने पूर्ववर्ती प्रेमचंद अग्रवाल और गोविंद सिंह कुंजवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
इसमें भी मौजूदा सरकार में मंत्री होने के नाते प्रेमचंद सीधे खतरे की परिधि में है। ऋतु खंडूड़ी ने साफ तौर पर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के कुछ विशेषाधिकार हो सकते हैं लेकिन विशेषाधिकार के नाम पर हर चीज को उचित नहीं ठहरा सकते। इसे सही फ्रेम में देखने की जरूरत है। उन्होंने सचिव मुकेश सिंघल को भी छुट्टी पर भेज दिया है।
इन दोनों ही मामलों पर पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का रुख अलग रहा है। प्रेमचंद विशेषाधिकार और नियम की आड़ में ना सिर्फ भर्तियों को उचित ठहरा रहे थे, बल्कि सचिव को तीन- तीन प्रमोशन देने के लिए भी नियमों का हवाला दे रहे थे। अब भर्तियों पर अध्यक्ष का रुख साफ होने के बाद राजनीतिक तौर पर प्रेमचंद के लिए खतरा बढ़ गया है।
चुन चुनकर भाजपा और संघ के करीबियों को नौकरी दिए जाने की बात सामने आने के बाद, पार्टी पर इस मामले में राजनीतिक रूप से भी फैसला लेने का दबाव बढ़ गया है। पूर्व में हुई बैकडोर भर्ती और नियमों का तर्क, वर्तमान अध्यक्ष के खारिज कर दिए जाने से उनका नैतिक आधार कमजोर हो गया है।
सचिव सिंघल का दफ्तर सील
स्पीकर खंडूड़ी ने प्रेस कांफ्रेंस के तत्काल बाद ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल का दफ्तर अपनी मौजूदगी में सील करा दिया। बाकायदा इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। स्पीकर खंडूड़ी ने बताया कि जांच अफसर जब कहेंगे, तब ही सील को उनकी मौजूदगी में खोला जाएगा। सूत्रों ने बताया कि बैकडोर भर्तियों से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज सिंघल अनुभाग के बजाय अपने दफ्तर में ही रखवाते थे.
विधानसभा में बैकडोर भर्ती पर अध्यक्ष के तीखे तेवर, ऋतु खंडूड़ी
Uttarakhand Assembly Recruitments Scam Investigation Orders three member Committee Speaker Ritu Khanduri
10 साल की विधानसभा भर्तियों की जांच को तीन सदस्यीय कमेटी, स्पीकर ऋतु खंडूड़ी बोलीं- न खाऊंगी न खाने दूंगी
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बैक डोर भर्तियों को लेकर विधानसभा की गरिमा को आहत पहुंची है। इसलिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच समिति वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच करेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी सचिव मुकेश सिंघल का दफ्तर सील कराते हुए
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभा भर्तियों में घोटाले के मामले में तीन सदस्य विशेषज्ञों की कमेटी गठित की है। यह कमेटी एक माह के भीतर विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच रिपोर्ट देगी। समिति में पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र सिंह को सदस्य शामिल किया गया। ये सभी उत्तरांखड में सचिव कार्मिक रहे हैं।
विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को जांच तक लंबी छुट्टी पर भेजा गया है, लेकिन उन्हें जांच समिति को सहयोग करने के लिए वह उपस्थित रहेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बैक डोर भर्तियों को लेकर विधानसभा की गरिमा को आहत पहुंची है। इसलिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जितने भी बदलाव करने पड़े करुंगी। उन्होंने सही जांच का भरोसा दिलाया। कहा कि न खाऊंगी और न खाने दूंगी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सचिव विधानसभा का कक्ष भी सील करा दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में भर्तियों को लेकर जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच समिति वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच करेंगे। इसके साथ ही 2000 और 2011 तक विधानसभा में भर्तियों के लिए उत्तर प्रदेश की सेवा नियमावली लागू थी। जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ समिति इसकी भी जांच करेगी।
वहीं विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यह मामले से भटकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुझे कमेटी पर भरोसा नहीं है। जबकि इसके विपरीत उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूडी की बेटी है। जिनकी छवि एक बहुत ही ईमानदार व्यक्ति के रूप में देखी जाती है। मैं उम्मीद करता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष अपने पिता की ही तरह ईमानदारी का उदाहरण स्थापित करेंगीं ।
मुख्यमंत्री ने किया स्वागत
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने विशेष जांच समिति गठित करने के फैसले का स्वागत किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, उनको विश्वास है कि जांच समिति हर तथ्य स्पष्ट करेगी. सरकार राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने को दृढ़ है.
बैक डोर भर्ती की होगी जांच
बता दें कि, ये जांच दो चरणों में की जाएगी. साल 2000 से 2011 तक और 2012 से 2022 तक दोनों ही कार्यकाल में हुई भर्तियों की जांच की जाएगी. पहले साल 2012 से अब तक विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच होगी. इसके बाद राज्य गठन के बाद से होने वाली भर्तियों की जांच होगी.
ऋतु खंडूड़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें:
बैक डोर भर्ती की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठन का फैसला लिया.एक महीने में जांच रिपोर्ट देने का निर्णय.सचिव को एक महीने के अवकाश पर भेजने के निर्देश
युवाओं को ऋतु खंडूड़ी ने नियुक्ति को लेकर निष्पक्ष जांच का दिलाया भरोसा
नियुक्तियों को लेकर पहले 2012 से अब तक की होगी जांच
इसके बाद राज्य स्थापना के बाद वाली दूसरी नियुक्तियों की भी होगी जांच
विधानसभा सचिवालय में हुई बैक डोर नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर जांच कराने का आग्रह किया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष आज ही विदेश दौरे के बाद सीधे देहरादून पहुंची और प्रेस वार्ता को संबोधित किया. खंडूरी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा की गरिमा को बचाये रखने उनका कर्तव्य है.
विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति
बता दें कि, विधानसभा में भर्ती को जमकर भाई भतीजावाद हुआ है. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगी हैं. यही नहीं , मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की भी पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.बिना किसी परीक्षा पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पा गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट हुये हैं.
विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां
अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला. इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.