ज्ञान:स्वास्थ्य को नतीजा चाहिए तो टहलना छोड़, अपनाएं तेज चाल
सिर्फ टहलना काफी नहीं:ब्रेन पर बढ़ती उम्र का असर कम करना हो या हड्डियों को मजबूत बनाना, रोजाना 30 मिनट ब्रिस्क वॉक करें
लोग अक्सर वजन कम करने के लिए वॉक(टहलना) करते हैं। लेकिन कई दिनों तक रोजाना घंटों वॉक के बाद भी कोई असर नहीं होता। दरअसल, पैदल चलने भर से होना भी कुछ नहीं। इसके लिए तो ब्रिस्क वॉकिंग(तेज चाल) करनी होगी। ब्रिस्क वॉकिंग यानी ऐसी चाल जो तेज चलने से ज्यादा हो और दौड़ने से कम। टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रिस्क वॉक से बढ़ती उम्र के चलते होने वाली मेमोरी लॉस ( विस्मृति,स्मृति हानि) भी रोका जा सकता है। इसके लिए हफ्ते में 5 दिन ब्रिस्क वॉक करना होगी। इससे शरीर में रक्त संचार ( ब्लड सर्कुलेशन) बढ़ता है और दिमाग पर बढ़ती उम्र का असर रोका जा सकता है।
< तो सबसे पहले जानिए आखिर ब्रिस्क वॉक है क्या
ब्रिस्क वॉक एक सरल और सहज व्यायाम (एक्सरसाइज) है, जिसे किसी भी उम्र के व्यक्ति आसानी से कर सकते हैं। हालांकि, ब्रिस्क वॉक अलग इसलिए है, क्योंकि इसमें तेजी से चलना होता है। आसान शब्दों में कहे तो दौड़ने और पैदल चलने के बीच की मुद्रा को ब्रिस्क वॉक कहा जाता है। इसमें व्यक्ति को न तो धीरे चलना होता है और न ही दौड़ना होता है।
मेमोरी के लिए ऐसे काम करती है ब्रिस्क वॉक
अमेरिकी लोगों पर एक साल तक हुई शोध ( रिसर्च ) में सामने आया कि ब्रिस्क वॉक से मेमोरी पर बुरा असर पड़ने से रोका जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है, वॉक करने से इंसान के दिमाग में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है। इस कारण ब्रेन की कोशिकाओं में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं। नतीजा, दिमाग स्वस्थ रहता है।
ब्रिस्क वॉक जरूरी क्योंकि मेमोरी घटने का इलाज नहीं
शोधकर्ताओं का कहना है, यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि डिमेंशिया ( वृद्धावस्था का एक रोग जिसमें स्मृति गायब हो जाती है) कारण होने वाले मेमोरी लॉस का अब तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। रोजाना की ब्रिस्क वॉक मेमोरी को घटने से रोकने के साथ उसे और बेहतर बनाने का काम करती है। अमेरिका में 65 साल या इससे अधिक उम्र के 20 से 25 प्रतिशत लोग घटती मेमोरी से जूझते हैं।
आखिर क्यों है घटती मेमोरी
टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा मस्तिष्क सिकुड़ता है। लेकिन, हम लोग अब तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि ऐसा होता क्यों है। इसकी वजह न्यूरॉन के इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजने की घटती क्षमता हो सकती है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, युवा एरोबिक एक्सरसाइज करते हैं, इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन और ब्लड बेहतर सर्कुलेट होता है। वहीं, वृद्धों में एक्टिविटी उम्र बढ़ने के साथ घटती जाती है।
ब्रिस्क वॉक कैसे करें
इसके लिए आप स्पोर्ट्स शूज का इस्तेमाल करें। इससे आपको आराम मिल सकता है। तेज चलने के क्रम में अच्छे जूते पहनना बेहद जरूरी है। आप ब्रिस्क वॉक पार्क या मैदान में कर सकते हैं। इसमें तेजी से चलना होता है, जिससे शरीर के सभी अंगों में खिंचाव पैदा होता है।
ब्रिस्क वॉकिंग क्यों जरूरी है?
ब्रिस्क वॉकिंग यानी तेज चलना, यह बाकी प्रकार की एक्सरसाइज के विपरीत है, जिनमें बहुत अधिक पैराफरनेलिया की आवश्यकता होती है। ब्रिस्क वॉकिंग यानी तेज चलना और जब आप ऐसा करते हैं तो शरीर से पसीना निकलने लगता है और आप ज्यादा से ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
मेमोरी बढ़ाने के अलावा ब्रिस्क वॉक के कई लाभ
स्ट्रेस को दूर करता है
ब्रिस्क वॉक करने से स्ट्रेस दूर होता है। जब आप ब्रिस्क वॉक करते हैं तो कुछ ही सेकंड के भीतर दिमाग एक हार्मोन रिलीज करने लगता है, जिससे नेचुरल तरीके से मूड फ्रेश हो जाता है।
स्मोकिंग की लत से छुटकारा
दौड़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है। सोच पॉजिटिव होती है और स्मोकिंग जैसी बुरी लत से मन हटने लगता है।
डायबिटीज का रिस्क कम होता है
हफ्ते में 4-5 दिन तक 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक डायबिटीज का रिस्क 12 फीसदी तक कम कर देती है।
वजन पर कंट्रोल
ब्रिस्क वॉक एक बेस्ट कैलोरी बर्नर है। हफ्ते में कम से कम 5 दिनों तक 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक से 340 कैलोरी बर्न होती है।
दिल का ख्याल
एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग हफ्ते में 6 किलोमीटर चलते हैं, उन्हें दिल की बीमारी का खतरा 45 फीसदी तक कम होता है।
हड्डियां मजबूत होती हैं
ब्रिस्क वॉक से हड्डियों पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से जरूरी मिनरल्स हड्डियों तक पहुंचते हैं और हड्डियां मजबूत बनती हैं।
उम्र बढ़ती है
रिसर्च के मुताबिक हफ्ते में एक घंटे की ब्रिस्क वॉक जीवनकाल का औसतन तीन साल बढ़ा देती है।
कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण
ब्रिस्क वॉक करने से गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।
ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण
ब्रिस्क वॉक करते वक्त धमनियां फैलती व संकुचित होती हैं। इससे धमनियां स्वस्थ रहती हैं और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।