राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री धामी की 14 घोषणाएं

उत्तराखंड स्थापना दिवस: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं की झड़ी, राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोत्तरी सहित ये हुईं घोषणाएं

देहरादून 09, नवंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा की है। कहा कि 3100 पेंशन पाने वाल लाभार्थियों को अब 4500 पेंशन मिलेगी, जबकि 5000 पेंशन पाने वाले आंदोलनकारियों को अब 6000 पेंशन दी जाएगी। कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के हर गांव को लिंक मार्गो से जोड़ा जाएगा।

09 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयाेजित रैतिक परेड में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के प्रमुख प्रत्येक शहरों को हेली सेवा से जोड़ने को सरकार रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस की शुरूआत की गई है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य बनाया था, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने की राह पर बढा रहे हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार उत्तराखंड के लिए बीते पांच साल में एक लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट स्वीकृत कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार साल 2025 तक सभी गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने और सभी शहरों को हवाई नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है।

उड़ान योजना में हेली सेवा शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन के अनुसार सिखों के पवित्र धर्म स्थल हेमकुंड साहब को रोपवे और केदारनाथ धाम को केबल कार से जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने एनएचएम कर्मियों को एकमुश्त 10 हजार रुपये देने की भी घोषणा की है। महिलाओं और बालिकों को सौगात देते हुए कहा कि महिला-बालिकाओं के लिए हर जिले में छात्रावास बनाया जाएगा।

मुुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणाएं

1-पेंशन : जिन उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को पहले प्रतिमाह 3100 पेंशन प्राप्त हो रही थी, उन्हें अब 4500, जबकि जिन्हें 5000 प्रति माह पेंशन मिल रही थी, उन्हें अब 6000 प्रति माह पेंशन मिलेगी।
2-छात्रावास : जनपद मुख्यालय पर अध्ययनरत छात्राओं के लिए बालिका छात्रावास और जिलों में जरूरत के अनुसार कामकाजी महिलाओं के लिए भी अलग छात्रावास बनाए जाएंगे।
3-हीमोग्लोबिन जांच : 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों की निशुल्क हीमोग्लोबीन जाँच और 104 हेल्पलाइन के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श मिलेगा।
4-निशुल्क दवा : आरोग्य उत्तराखंड में क्रोनिक डीजीज के इलाज में ली जाने वाली दवाइयां निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएंगी।

5-नशा मुक्ति केंद्र : देहरादून और हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की जाएगी। राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन डेवलपमेंट की स्थापना।

6-प्रोत्साहन राशि : कोविड-19 में सराहनीय कार्य को देखते हुए एनएचएम कर्मियों को एकमुश्त 10,000 प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।
7-रोजगार : राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
8-सेवाएं : ई-डिस्ट्रिक्ट में ‘अपणि सरकार’ पोर्टल के माध्यम से अब 32 की जगह 75 सेवाएं संचालित होंगी, सेवा का अधिकार में भी अब 190 सेवाएं शामिल होंगी।
9-खेल नीति : खेल नीति-2021 तुरन्त लागू की जाएगी।
10-वेलनेस : उत्तराखंड में स्वास्थ्य, पर्यटन बढ़ावा देने के लिए जीएमवीएन, केएमवीएन पर्यटक आवास गृहों में आयुष वेलनैस सेंटर खोले जाएंगे।.

11-ईजा-बोई शगुन योजना में सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु अस्पतालों में 48 घण्टे रुकने वाली प्रसूता महिला को रूपए 2000 उपहार धनराशि भेंट की जायेगी।

12. जी रैया चेली-जागी रैया नौनी योजना में 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को टी.एच.आर. सुविधा प्रदान की जायेगी। 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों में सेनेटरी नैपकीन वेण्डिंग मशीन की स्थापना की जायेगी।

13. राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन डेवलपमेंट की स्थापना की जायेगी।
14. राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने हेतु राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों व आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए प्रदेश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हैं। इनमें से बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो चुका और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। योजना है कि 2025 तक उत्तराखंड के प्रत्येक गांव को लिंक मार्गों के माध्यम से बड़े राजमार्गों और ऑल वेदर रोड से जोड़ सकें जिससे पहाड़ों पर औद्योगिक विकास को आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सके और पलायन की समस्या से उत्तराखंड को मुक्ति दिलाकर पहाड़ की जवानी को पहाड़ के काम लाया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धर्म स्थल हेमकुंड साहब को शीघ्र ही रोपवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इसी योजना में 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम तक केबल कार से पहुंचा जा सकेगा।

राज्य सरकार नैनीताल में स्थित कैंचीधाम के विकास के लिए भी काम कर रही है जिसके अंतर्गत 60 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्य किए जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाएं भी समय-समय पर हमारी परीक्षाएं लेती रही हैं। पिछले दिनों अतिवृष्टि से आई आपदा इसका एक उदाहरण है, जिसमें कई लोगों ने जान गंवाईं, जो अत्यन्त दुखद है।

राज्य सरकार आपदाओं का सामना त्वरित गति से करने को संकल्पबद्ध है। परिणामस्वरुप गत दिनों आई आपदा का सामना हम सही प्रकार से कर सके और समय से राहत व बचाव कार्य संचालित कर कई लोगों की जान भी बचा सके। उन्होंने आपदा के समय हमेशा आगे रहकर लोगों की मदद करने को पुलिस, एसडी आरएफ समेत सभी सम्बन्धित विभागों की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन महाभियान चलाया जा रहा है। हाल ही में हमारे देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज का पड़ाव पार किया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड, 18 वर्ष से अधिक सभी नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। शत-प्रतिशत दूसरी डोज का लक्ष्य भी शीघ्र ही पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा कार्यकाल दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित रहा है। यह पहली सरकार है जिसने पलायन को गम्भीरता से लिया और रिवर्स पलायन को साकार करने को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश को पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है। सीमांत तहसीलों के लिए ’’मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना’’ शुरू की है तथा सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ’’एक जनपद दो उत्पाद’’ योजना द्वारा स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने कोशिश की है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अपेक्षा के अनुसार हम वर्ष 2025 तक जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा, तब हम उसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए हम ’’विकल्परहित संकल्प’’ के मंत्र को ध्यान में रखकर दिन-रात कार्य कर रहे हैं ताकि अन्त्योदय के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त कर उत्तराखंड को सच्चे अर्थों में देवभूमि बना सकें।

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