उत्तरांचल विवि में छात्र की मौत को विवि पर हत्या का मुकदमा,पुलिस पर भी आरोप

उत्तरांचल विश्वविद्यालय में एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन हॉस्टल वार्डन और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। छात्र के परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है और विश्वविद्यालय प्रशासन इसे छिपाने की कोशिश कर रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

प्रेमनगर थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। (सांकेतिक तस्वीर)

बिहार के गया जिले का रहने वाला था बीए-एलएलबी छात्र

देहरादून15 जनवरी 2025। बिहार के गया जिले के एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने उत्तरांचल विश्वविद्यालय के प्रशासन, होस्टल वार्डन व एक अन्य के विरुद्ध गैर इरादातन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। परिजनों का आरोप है कि बेटे की हत्या की हुई है, विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना छिपाने को इसे सड़क दुर्घटना दर्शाने का प्रयास किया है। मुकदमे के बाद प्रेमनगर थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

पुलिस को दी लिखित शिक़ायत में  पार्षद ओम प्रकाश सिंह निवासी पुलिस लाइन थाना रामपुर जिला गया (बिहार) ने बताया कि उनका बेटा सत्य प्रकाश उत्तरांचल विश्वविद्यालय प्रेमनगर के हॉस्टल में रहकर बीएएलएलबी में पढ रहा था। उन्होंने इसी वर्ष बेटे का एडमिशन करवाया था।
15 दिसंबर सुबह करीब 4 बजे उनके बेटे के मोबाइल नंबर से किसी युवराज ने फाेन किया कि सत्य प्रकाश की हालत बहुत खराब है और वह दून अस्पताल में भर्ती है। उसने जल्द से जल्द देहरादून पहुंचने को कहा। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने युवराज से कहा कि आप इलाज करवाओ और अपना मोबाइल नंबर दो, इलाज को वह रुपये भेज रहे हैं।

फोन काट उन्होंने तत्काल हास्टल वार्डन को फोन किया कि बेटे सत्य प्रकाश से बात कराओ तो वार्डन ने कहा कि इतनी सुबह तो वह सो रहा होगा। बार-बार कुशल पूछने व बात करवाने को कहने पर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। फिर दूसरे मोबाइल नंबर से बेटे के गंभीर होने की बात कही गई लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
हास्टल वार्डन ने  घंटों बाद उन्हें सूचना दी कि उनके बेटे की मृत्यु हो चुकी है। इस मामले में प्रेमनगर थाना पुलिस ने युवराज, विश्वविद्यालय प्रशासन व हास्टल वार्डन के विरुद्ध गैर इरादातन हत्या का मुकदमा लिखा है।

पुलिस मामले की जांच में जुटी जांच
एक दिन के आउटपास पर छह दिन तक बाहर कैसे?
शिकायतकर्ता ने बताया कि दाखिले के समय कालेज प्रशासन ने बताया था कि हास्टल में रहने वाले छात्र सुरक्षित रहते हैं। बिना परिजनों की अनुमति उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जाता। नौ दिसंबर को सत्यप्रकाश एक दिन के आउटपास पर बाहर गया था, क्योंकि उसका दोस्त बीमार था और वह उसका इलाज कराने गया था। इस दिन हास्टल से उनकी पत्नी को जानकारी दी गई थी।
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि 14 दिसंबर देर रात सत्य प्रकाश की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई तो छात्र के हास्टल के छह दिन बाहर रहने की सूचना परिजनों को क्यों नहीं दी गई? आरोप है कि छुट्टी की एक दिन की अप्लीकेशन में छेड़छाड़ करके इसे छह दिन दर्शाया गया है। अप्लीकेशन पर ओवरराइटिंग कर साक्ष्यों से छेड़छाड़ की गई है।
हत्या करने का आरोप
शिकायतकर्ता का आरोप है कि बेटे से अनहोनी में वार्डन, विश्वविद्यालय के संबंधित पदाधिकारियों एवं अन्य के सहयोग से जानबूझकर गलत सूचना देकर गुमराह करने की कोशिश की गई है। सत्य प्रकाश की मृत्यु एक षड्यंत्र दिखता है, तथा हत्या  को अलग रूप देने का सुविचारित  षड़यंत्र  है। हास्टल के वार्डन को पता ही नहीं कि बच्चा कहां है जबकि बिना परिजनों की अनुमति बच्चे को हास्टल से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। उनके बेटे के आइ फोन मोबाइल के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। मोबाइल को फार्मेट मारा गया है।
गुहार लगाने के बावजूद पुलिस ने बोर्ड से नहीं कराया पोस्टमार्टम
ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि बेटे की मौत को संदिग्ध देखते हुए उन्होंने कई बार पुलिस प्रशासन से चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम करवाने की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें इधर-उधर घुमाने के बाद भी पैनल से पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण लीवर में चोट बताया जा रहा है जबकि बेटे के शरीर पर एक भी चोट का निशान नहीं था। यदि सड़क दुर्घटना होती तो शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोट के निशान होने चाहिए थे।

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