हिंदू महिलाओं, देवी-देवताओं की बेकदरी से नाराज़ युवकों ने बनाई सुल्ली-बुल्ली एप
महिलाओं को सबसे कम दाम में बेचने की बोली:जो जितनी खूबसूरत, उतनी कम में होती थी नीलामी, 100 से ज्यादा फीमेल बनीं टारगेट
जयपुर/नागौर( रणवीर चौधरी)11 जनवरी।पुलिस ने मोबाइल ऐप बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स को चलाने वाले कई शातिरों पर शिकंजा कसा है। बुल्ली बाई ऐप को लेकर कई खुलासे हुए हैं। हमने दिल्ली पुलिस साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा से लेकर कार्रवाई में शामिल रही टीम से जानकारियां जुटाई तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए।
सबसे कम पैसे की बोली लगाने वाला नीलामी जीतता था
असल में,बुल्ली बाई ऐप बनाने के पीछे एक घिनौनी हरकत थी। विरोधी विचारधारा और दूसरे धर्म की युवतियों पर भद्दे कमेंट कर अपनी भड़ास निकालने के लिए इसे बनाया गया। इसके जरिए धर्म विशेष की कई हस्तियों, महिला पत्रकारों से लेकर कई हाई प्रोफाइल महिलाओं को बदनाम करने के लिए उनकी ऑनलाइन बोली लगाई जाती थी। बोली लगाते समय भद्दे कमेंट और गालियां तक दी जाती थीं। सबसे कम पैसे की बोली लगाने वाला ही ऑक्शन जीतता था। ऑक्शन होने के बाद उस महिला की प्रोफाइल फोटो के स्क्रीन शॉट ट्विटर पर अपलोड किए जाते थे। जांच में सामने आया है कि ऐप पर एंटी हिंदू विचारधारा वाली कुछ हिंदू महिलाओं की भी बोली लगाई गई।
बदले की भावना से बनाया ग्रुप
बुल्ली बाई ऐप के मास्टरमाइंड नीरज विश्नोई ने पूछताछ में बताया कि सोशल मीडिया पर दूसरे समुदाय के युवकों ने हिंदू देवी-देवताओं के नाम से कई अश्लील ग्रुप बना रखे थे। वहां हिन्दू महिलाओं को टारगेट किया जाता था। लोग अश्लील कमेंट करते थे। इसका बदला लेने के लिए उसने बुल्ली ऐप तैयार किया। इसके लिए पहले से चल रहे सुल्ली डील्स की कोडिंग को कॉपी किया। ग्राफिक्स को एडिट करके ठीक वैसा ही ऐप तैयार किया।
गिटहब पर बनाया बुल्ली बाई ऐप
आईटी एक्सपर्ट अखिलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि ‘बुल्ली बाई’ ऐप माइक्रोसॉफ्ट के मालिकाना हक वाली ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट गिटहब पर बनाया गया था। नीरज ने गिटहब पर बुल्ली बाई ऐप को नवंबर 2021 में डेवलप किया था। इसके बाद दिसंबर में ऐप को अपडेट किया था। गिटहब में ऐप डेवलप करने के लिए मेल आईडी से लॉगिन करना होता है। मेल आईडी ट्रेस न हो इसके लिए नीरज ने स्विजरलैंड की कंपनी प्रोटोन से एन्क्रिप्टेड मेल आईडी बनाई। प्रोटोन मेल से बनने वाली मेल आईडी एन्क्रिप्टेड होती है। इसे ट्रेस नहीं किया जा सकता । कंपनी मेल आईडी बनाने वाले की जानकारी पुलिस को भी नहीं देती है।
ओवर स्मार्ट बनना मास्टरमाइंड को भारी पड़ा
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (साइबर सेल) के पी एस मल्होत्रा ने बताया कि बुल्ली बाई ऐप के मास्टरमाइंड नीरज विश्नोई ने ऐप बनाते समय प्रोटोन मेल, वीपीएन जैसी टेक्नोलॉजी काम ली थी। उसे विश्वास हो गया था कि पुलिस उसे कभी पकड़ नहीं पाएगी, लेकिन इसी ओवर स्मार्टनेस से पकड़ा गया। उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने ट्विटर पर जाल बिछाया था। वह पुलिस को चैलेंज करने के कमेंट ट्ववीटर पर करता था। हमारी तरकीब काम कर गई और उसे ट्रेस कर पकड़ लिया। मल्होत्रा ने बताया कि पुलिस की स्पेशल टीम नीरज को ट्रेस कर रही थी और नीरज पुलिस को चैलेंज करने के लिए लगातार ट्वीट करता रहा। उसने पुलिस को चैलेंज भी किया था कि पुलिस उसकी फ्लाइट के टिकट करवाती है तो वह सरेंडर कर देगा। स्पेशल सेल ने 6 जनवरी को उसका वीपीएन ब्रेक कर उसे ट्रेस कर लिया। नीरज ने ऐप पर 100 से ज्यादा महिलाओं की प्रोफाइल बनाई थी। इनमें अधिकतर सेलिब्रिटी, पत्रकार व एक्टिविस्ट थी। पुलिस अब बोली लगाने वाले लोगों की आईडी की भी जांच कर रही है।