उत्तराखंड विस मानसून सत्र:दूसरे दिन अनुपूरक बजट,आठ विधेयक

Uttarakhand Assembly Monsoon Session 2024 In Gairsain 2nd Day Supplementary Budget Present
विधानसभा में दूसरे दिन पांच हजार करोड़ का अनुपूरक बजट, आठ विधेयक भी आए, विधायकों का बढ़ा वेतन 
सत्र के दूसरे दिन बजट पेश होने के साथ ही विपक्ष ने सदन में सत्र की अवधि कम होने का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश भर में उत्तराखंड विधानसभा की सबसे कम अवधि है।

बजट पेश करने जाते वित्त मंत्री
उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को प्रदेश सरकार ने सदन पटल पर अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 5013.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। वहीं इसके साथ ही आठ विधेयक भी सदन पटल पर रखे गए।

सत्र के दूसरे सदन में आठ विधेयक हुए पेश
1-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन विधेयक 2024
2-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024
3-उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024
4-उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024
5-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक
6-उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2024
7-उत्तराखंड कामगार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024
8-विनियोग विधेयक 2024

विभागवार किसको कितना बजट- धनराशि (लाख रुपये में)
विधानसभा- 369
मंत्री परिषद- 327
न्याय प्रशासन- 1906
निवार्चन-306
राजस्व एवं सामान्य प्रशासन- 97968
वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय अन्य सेवाएं-20712
आबकारी-230
पुलिस एवं जेल-16694
शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण तथा संस्कृति-100375
चिकित्सा एवं परिवार कल्याण-41263
जलापूर्ति, आवास एवं नगर विकास-57139
सूचना-22670
कल्याण योजनाएं-20088
श्रम और रोजगार-1587
कृषि कर्म एवं अनुसंधान-11015
सहकारिता-3251
ग्राम्य विकास-20983
सिंचाई एवं बाढ़-9302
उर्जा-18510
लोक निर्माण कार्य-16400
उद्योग-2345
परिवहन-4816
खाद्य-82
पर्यटन -6587
वन-4018
पशुपालन संबंधी कार्य-5273
औद्योगिक विकास – 193
अनुसूचित जातियों का कल्याण- 10978
अनुसूचित जनजातियों का कल्याण- 5919
उत्तराखंड में विधायकों की बल्ले-बल्ले, वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी,विधेयक हुआ पास,जानें अब कितनी मिलेगी सैलरी
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन में अनुपूरक और विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी विधेयक सदन से पास हो गया.. अभी तक उत्तराखंड में विधायकों को वेतन भत्तों में 2.90 लाख रुपए मिलते हैं.इस खबर में जानें अगर विधेयक पास हो गया तो विधायकों का वेतन कितना हो जाएगा.

उत्तराखंड विधानसभा सत्र का दूसरा दिन

उत्तराखंड के विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी का विधेयक
उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन है. आज सदन के पटल पर अनुपूरक बजट के साथ-साथ 8 विधेयक भी पेश किए गए. जिसमें जेलों में सुधार विधेयक, विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी विधेयक भी शामिल है. विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी विधेयक पर भी मुहर लगी.

विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी विधेयक टेबल  : 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को अब प्रतिमाह वेतन-भत्ते के रूप में लगभग चार लाख रुपये मिलेगे. बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों के साथ ही उनके वैयक्तिक सहायक के वेतन में वृद्धि की संस्तुति की थी. अभी तक विधायकों को वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह लगभग 2.90 लाख रुपए मिलते हैं.

विधायकों की सेवा शर्तों पर विचार को गठित हुई थी गठित: पंचम विधानसभा का गठन होने के बाद गत वर्ष विधायकों की सदन एवं निर्वाचन क्षेत्र, सेवा शर्तों पर विचार को विधायक प्रीतम सिंह पंवार की अध्यक्षता में तदर्थ समिति गठित की गई थी. समिति ने सभी पहलुओं पर विमर्श के बाद अपना प्रथम प्रतिवेदन सौंपा, जिसे सरकार ने बुधवार को मॉनसून सत्र के पहले सदन में प्रस्तुत किया. विधायकों के वेतन भत्तों में अलग-अलग मदो में 1 लाख रुपए तक की बढ़ोत्तरी की गई है.

इनके वेतन और भत्तों पर भी होगा फैसला: संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि तदर्थ समिति की कई संस्तुतियों को नामंजूर किया गया तो वहीं कुछ संस्तुतियों को मान लिया गया है. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विधायकों के वाहन चालकों का अब तक 12 हजार रुपए वेतन था, जिसे अब बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया है. वहीं इसके अलावा रेलवे के लिए दिए जाने वाले भत्ते का इस्तेमाल न होने पर वह भत्ता विधायकों को भुगतान कर दिया जाएगा जो कि तकरीबन 70 हजार है. वहीं इसके अलावा  विधायकों के वेतन में भी वृद्धि की गई  है. बताया जा रहा है कि विधायकों का वेतन दो लाख 72 हजार से बढ़कर चार लाख किया गया है

विपक्ष ने उठाया सवाल, सत्र की अवधि कम क्यों ?
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने सदन में सत्र की अवधि कम होने का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश भर में उत्तराखंड विधानसभा की सबसे कम अवधि है। प्रदेश सरकार ने कहा, सदन को संचालित करने को बिजनेस के आधार पर सत्रावधि तय की जाती है।

मंगलौर विधानसभा से कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सदन में सत्र की अवधि को लेकर व्यवस्था का प्रश्न उठाया। विपक्ष ने विस कार्य संचालन नियमावली और देश के विधानसभाओं पर शोध पत्र का हवाला देते हुए सरकार से सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की।

विपक्ष ने कहा, 2022 से 2024 तक विस सत्र मात्र 22 दिन चला है। 2017 से 2023 तक देश की विधानसभाओं का सत्र अवधि का औसत 22 दिन है, जबकि उत्तराखंड औसत 12 दिन है। सत्र को भी एक दिन में बिना चर्चा के पारित किया जाता है। पिछले तीन साल में कभी भी सोमवार का दिन नहीं आया, जिसमें मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों के विषयों पर जवाब मिल सके।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, सरकार नहीं चाहती कि सत्र की अवधि बढ़ा कर सवालों का जवाब दे। विपक्ष की भूमिका सदन चलाने में सहयोग की है, लेकिन सरकार नियमों का ताक पर सदन को चलाना चाहती है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, सदन को चलाने के लिए बिजनेस के आधार सत्र की अवधि तय की जाती है। सरकार भी चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले।

 

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