सुप्रीम कोर्ट की कमेटी जांच करेगी अडाणी-हिंडेनबर्ग मामले की
सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी केस में एक्सपर्ट कमेटी बनाई:नंदन नीलेकणी समेत 6 मेंबर, गौतम अडाणी बोले- सच की जीत होगी
नई दिल्ली02 फरवरी।अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 6 मेंबर्स एक्सपर्ट कमेटी बना दी है। रिटायर्ड जज एएम सप्रे इस कमेटी के हेड होंगे। उनके साथ इस कमेटी में जस्टिस जेपी देवधर, ओपी भट, एमवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल होंगे। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने गुरुवार को यह आदेश दिया।
इस कमेटी को मामले की जांच सौंपने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, यानी सेबी से भी स्टॉक्स की कीमतों में हेरफेर की जांच रिपोर्ट तलब की है। सेबी को 2 महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि कमेटी बनाने से मार्केट रेगुलेटर सेबी की स्वतंत्रता और इसकी जांच प्रोसेस में कोई बाधा नहीं आएगी।
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने ट्वीट कर फैसले का स्वागत किया हैं। उन्होंने कहा- ‘अडाणी ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता है। सच की जीत होगी।’
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी इन 2 पहलुओं की जांच करेगी:
शेयर मार्केट का रेगुलेटरी फ्रेमवर्क मजबूत करने के उपाय सुझाएगी। यानी मार्केट में होने वाली ट्रेडिंग की निगरानी और पुख्ता की जाएगी।
अडाणी ग्रुप के शेयर्स में तेज गिरावट से जुड़े विवादों की जांच करेगी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद ग्रुप के शेयर्स गिरे थे।
कमेटी के अलावा सेबी भी 2 पहलुओं की जांच करेगी:
क्या सिक्योरिटीज कॉन्ट्रेक्ट रेगुलेशन रूल्स के नियम 19 (A) का उल्लंघन हुआ?
(B) क्या मौजूदा कानूनों का उल्लंघन कर स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुआ?
मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़ा है नियम 19 (A)
कॉन्ट्रेक्ट रेगुलेशन रूल्स का नियम 19 (A) शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों की मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़ा है। भारतीय कानून में किसी भी लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25% शेयरहोल्डिंग पब्लिक यानी नॉन इनसाइडर्स की होनी चाहिए।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया था कि गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी विदेश में शेल कंपनियों को मैनेज करते हैं। इनके जरिए भारत में अडाणी ग्रुप की लिस्टेड और प्राइवेट कंपनियों में अरबों डॉलर ट्रांसफर किए गए। इसने अडाणी ग्रुप को कानूनों से बचने में मदद की।
सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश भी दिए हैं:
1-सेबी के चेयरपर्सन को एक्सपर्ट कमेटी को सभी जरूरी जानकारी देनी होगी
2-केंद्र सरकार से जुड़े एजेंसियों को कमेटी के साथ सहयोग करना होगा
3-कमेटी अपने काम के लिए बाहरी विशेषज्ञों से परामर्श ले सकती है
4-कमेटी मेंबर्स का पेमेंट चेयरपर्सन तय करेंगे और केंद्र सरकार वहन करेगी
5-केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक सीनियर ऑफिसर को नॉमिनेट करेंगी
6-ये कमेटी को लॉजिस्टिकल असिस्टेंस देने के लिए नोडल ऑफिसर के रूप में काम करेंगे
7-कमेटी के सभी खर्चों को केंद्र सरकार ही वहन करेगी
ये हैं एक्सपर्ट कमेटी में शामिल 6 मेंबर
ग्रुप के सभी 10 शेयरों में तेजी
आज अडाणी ग्रुप के सभी 10 शेयरों में तेजी देखने को मिली। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1.52% चढ़ा। इसके अलावा अडाणी ट्रांसमिशन, विल्मर, पावर, ग्रीन एनर्जी और NDTV के शेयरों में करीब 5-5% की तेजी रही। वहीं अडाणी पोर्ट्स में 3.06%, टोटल गैस में 3.86%, अंबुजा सीमेंट में 4.50% और ACC में 1.39% की तेजी देखने को मिली।
अडाणी-हिंडनबर्ग केस में SC पहुंचीं 4 याचिकाएं
इस मामले में अभी तक 4 जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। एडवोकेट एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर की हैं। मामले में पहली सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने 10 फरवरी को की थी।
याचिकाओं में FIR दर्ज करने और जांच की मांग
मनोहर लाल शर्मा ने याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और FIR की मांग की है। इसके साथ ही इस मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक की भी मांग की गई थी।
विशाल तिवारी ने SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग की। तिवारी ने अपनी याचिका में लोगों के उन हालातों के बारे में बताया जब शेयर प्राइस नीचे गिर जाते हैं।
जया ठाकुर ने इस मामले में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की भूमिका पर संदेह जताया है। उन्होंने LIC और SBI की अडाणी एंटरप्राइजेज में भारी मात्रा में सार्वजनिक धन के निवेश की भूमिका की जांच की मांग की है।
मुकेश कुमार ने अपनी याचिका में SEBI, ED, आयकर विभाग, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस से जांच के निर्देश देने की मांग की है। मुकेश कुमार ने अपने वकीलों रूपेश सिंह भदौरिया और महेश प्रवीर सहाय के जरिए ये याचिका दाखिल कराई है।
SC ने केस के मीडिया कवरेज पर रोक से इनकार किया
इससे पहले बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वह मीडिया को रिपोर्टिंग से नहीं रोक सकता। वहीं कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले की जांच के लिए कमेटी के गठन को लेकर अपना फैसला सुरक्षित कर चुकी है और जल्द ही इसे सुनाया जाएगा।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से निवेशकों को नुकसान
याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे ‘निवेशकों को भारी नुकसान’ हुआ। इसमें ये भी कहा गया है कि रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे।