अडाणी-हिंडेनबर्ग प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट विशेषज्ञ समिति ने कहा-कोई गड़बड़ नहीं
Supreme Court’s Expert Panel On Adani-Hindenburg Says Can’t Conclude Currently That Sebi Failed
Gautam Adani: क्या गौतम अडानी को मिल गई हरी झंडी? जानिए सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने क्या कहा
अमेरिका की रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस मामले पर देश में बहुत हंगामा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक एक्सपर्ट पैनल गठित किया था। साथ ही सेबी भी इस मामले की जांच कर रहा है।
हाइलाइट्स
1-अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में छेड़छाड़ के आरोप
2-इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक पैनल बनाया था
3-मार्केट रेगुलेटर सेबी इन आरोपों की जांच कर रहा है
नई दिल्ली19 मई: अडानी ग्रुप (Adani Group) पर लगे आरोपों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट्स का एक पैनल बनाया था। उसका कहना है कि शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों की जांच में मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के स्तर पर असफलता का निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है। पैनल ने समूह की संबंधित इकाइयों के बीच लेनदेन के खुलासे के संबंध में भी यह बात कही। विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी को जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट पेश की तो उसके बाद भारतीय शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अरबपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले ग्रुप पर ‘शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हालांकि ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया है।
छह सदस्यों वाले पैनल ने कहा, ‘सेबी ने जो स्पष्टीकरण दिया है और जो डेटा सामने आए हैं, उनसे पहली नजर में यह निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है कि कीमतों में छेड़छाड़ के आरोपों में रेगुलेटरी फेल्योर हुआ है।’ सेबी ने 13 ऐसे खास ट्रांजैक्शंस की पहचान की है जिन्हें संदिग्ध माना गया है। इनकी जांच हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के पैनल की अगुवाई पूर्व जस्टिस एएम सप्रे कर रहे हैं। पैनल का कहना है कि सेबी इन ट्रांजैक्शंस के बारे में डेटा इकट्ठा कर रहा है और उसे समयबद्ध तरीके से इस मामले की जांच करनी है। सेबी ने अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच के लिए और छह महीने का समय मांगा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे 14 अगस्त तक यह काम पूरा करने को कहा।
समिति ने क्या कहा
रेगुलेटरी फेल्योर के सवाल पर पैनल ने कहा कि इस निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है। पैनल ने कहा कि आर्टिफिशियल ट्रेडिंग का कोई पैटर्न सामने नहीं आया है और ट्रेडिंग में गड़बड़ी का भी कोई पैटर्न नहीं मिला है। सेबी ने पाया कि कुछ कंपनियों ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले शॉर्ट पोजीशन ली थी और शेयरों की कीमत में गिरावट के बाद इसका फायदा उठाया था। कमेटी ने कहा कि मार्केट ने अडानी ग्रुप के स्टॉक्स को re-priced और re-assessed किया है। ये शेयर 24 जनवरी से पूर्व की स्थिति में नहीं लौटे हैं लेकिन अपनी नई कीमत पर स्थिर हैं। समिति ने कहा कि डेटा के मुताबिक 24 जनवरी, 2023 के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में रिटेल इनवेस्टर्स का निवेश बढ़ा है। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस दौरान पूरे शेयर मार्केट में वैसी उथलपुथल नहीं रही। समिति ने कहा कि अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी उतारचढ़ाव रहा। इसकी वजह हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट रही।
Rahul Gandhi Speech Writers Bjp Hits Back After Expert Panel Report On Adani Made Public
Adani-Hindenburg Case: ‘राहुल गांधी की स्पीच लिखने वालों,’ अडानी मामले में एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट के बाद भाजपा ने तानी कांग्रेस पर बंदूक
Rahul Gandhi In Parliament
राहुल गांधी संसद में
अडानी मामले में एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट आने के बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। उसने कहा है कि राहुल गांधी के स्पीच राइटर्स को अब कुछ और शिगूफा सोचना होगा जिससे कांग्रेस नेता की झूठ की दुकान चलती रहे। अडानी मामले में एक्सपर्ट पैनल को कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
नई दिल्ली 19: अडानी ग्रुप के लिए शुक्रवार का दिन खुशियों का उपहार लेकर आया। सुप्रीम कोर्ट के एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद उसके शेयर दौड़ पड़े। पैनल ने कह दिया है कि वह समूह के शेयरों में तेजी को लेकर किसी तरह के रेगुलेटरी फेलियर की बात नहीं कह सकता है। आसान शब्दों में कहें तो जांच में उसे किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे को उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को खूब टारगेट करते रहे हैं। एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) हमलावर हो गई है। पार्टी ने कहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की स्पीच लिखने वालों को उनके लिए झूठ की मशीन को चालू रखने की खातिर कुछ और अजीबोगरीब सोचना होगा।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की थी। विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ए एम सप्रे ने की थी। इसमें ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल थे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। समूह ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया था।
हिंंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद तेजी से गिरे थे शेयर
सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति ने अब कहा है कि वह अडानी समूह के शेयरों में हुई तेजी को लेकर किसी तरह की नियामकीय विफलता का निष्कर्ष नहीं निकाल सकती है। समिति ने यह भी कहा है कि सेबी विदेशी संस्थाओं से धन प्रवाह के उल्लंघन की अपनी जांच में कोई सबूत नहीं जुटा सका है। इस साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों की मार्केट वैल्यू में 100 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई थी
बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने गौतम अडानी के साथ पीएम मोदी की नजदीकी को जोड़कर बीजेपी को आड़े हाथों लिया था। पूरा विपक्ष इस मामले पर संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने पर अड़ा था। सरकार ने इस मांग को निरस्त कर दिया था। लेकिन, 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। इस मकसद यह देखना था कि कहीं कोई रेगुलेटरी फेलियर तो नहीं हुआ है। शीर्ष अदालत ने निवेशकों के हितों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया था।
… ताकि झूठ की मशीन चलती रहे
पैनल की रिपोर्ट आने के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘भारत के लोगों ने ‘चौकीदार चोर है’ के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस को किनारे कर दिया। राफेल के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भी लोगों ने यही किया। अब सुप्रीम कोर्ट के एक्सपर्ट पैनल ने भी साफ कर दिया है कि अडानी मामले में यह निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है कि कीमतों में हेराफेरी के आरोप में नियामकीय विफलता रही है।’ अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी के भाषण लिखने वालों को अब कुछ और सोचना होगा ताकि उनकी झूठ की मशीन चलती रही।
बाजार नियामक सेबी अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा था। उसके समानांतर शीर्ष अदालत ने समिति की नियुक्ति की गई थी। हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। अडानी समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था।