बड़ी मुश्किल से पैदा होते हैं ‘सुशील पहलवान’, फिर एक झटके में बन जाते हैं गैंगस्टर
वर्षों में बनते हैं ’पहलवान सुशील‘, एक झटके में हो जाते अपराधी
पहलवान सुशील पर एक लाख के इनामी अभियुक्त हैं।
सुशील कुमार रोहतक के पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में फंस गए हैं। सागर का परिवार सोनीपत में रहता है। उसका कुश्ती के प्रति जुनून देखकर ही उसके पिता ने अपना परिवार सोनीपत शिफ्ट किया था ताकि वहां कुश्ती के गुर सीख सके
पानीपत, जगदीश त्रिपाठी। आज पूरा हरियाणा सकते में है। सुशील कुमार हरियाणा के युवाओं के लिए रोल माडल हैं। उन्हें आदर्श मानकर यहां के युवा अभ्यास करते हैं। तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में सोना-चांदी बटोरते हैं। देश का मस्तक ऊंचा करते हैं। देश की प्रतिष्ठा को गौरवान्वित करते हैं। उनकी तमन्ना होती है सुशील कुमार बनने की।
दरअसल इकलौते सुशील कुमार ही ऐसे पहलवान हैं,जो ओलंपिक में दो बार पदक जीतकर लाए। पहले कांस्य और फिर दूसरे ओलंपिक में पदक का रंग बदला और रजत पदक जीतकर लाए। अब वही सुशील कुमार रोहतक के पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में फंस गए हैं। फिलवक्त सागर का परिवार सोनीपत में रहता है। उसका कुश्ती के प्रति जुनून देखकर ही उसके पिता ने अपना परिवार सोनीपत शिफ्ट किया था, ताकि वहां कुश्ती के गुर सीख सके। फिर इसीलिए उसे बाद में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम भेजा। वहां उसने जान गंवा दी।
सागर की मौत के बाद सुशील कुमार ने पहले सफाई दी कि उनका इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं । लेकिन दिल्ली पुलिस ने जब सागर हत्याकांड की जांच शुरू की तो सुशील भूमिगत हो गए। पुलिस को कुछ ऐसी वीडियो क्लिप मिलीं, जिसमें कुछ लोग सागर और उसके साथियों को बुरी तरह पिटाई करते दिख रहे हैं। उनमें सुशील कुमार भी हैं। पुलिस ने दावा किया कि उसके पास पुष्ट साक्ष्य हैं। पुलिस सुशील की तलाश में हरिद्वार के एक आश्रम तक भी पहुंची, जो हरियाणा के ही एक योगगुरु का है। सुशील ने वकीलों के माध्यम से अग्रिम जमानत की अर्जी डाली। लेकिन वह भी खारिज हो गई। अब वह एक लाख के इनामी अभियुक्त हैं।
इस आपराधिक घटना में जो एकमात्र युवक गिरफ्तार हुआ है, वह प्रिंस दलाल है। प्रिंस भी झज्जर(हरियाणा) निवासी है। वैसे सुशील कुमार पहले ऐसे पहलवान नहीं, जिन्होंने बाद में अपराध का रास्ता अपनाया हो। हरियाणा के अनेक ऐसे पहलवान हैं जो अपराध के दलदल में फंसे। अभी यह सिलसिला रुका नहीं है। हां,ओलंपिक तक पहुंचकर अपराध की दुनिया में उतरने वाले सुशील पहले हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि हरियाणा में पिछले डेढ़ दशक से ओलंपिक अथवा कामनवेल्थ गेम्स जैसी प्रतिस्पर्धाओं में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिल जाती है। अधिकतर पुलिस में चले जाते हैं। कुछेक को रेलवे अपना लेता है।
सुशील भी रेलवे कर्मचारी हैं। यदि सुशील के अतीत पर नजर डालें तो उन्होंने जो यश-प्रतिष्ठा हासिल की है, उसे पाने में वर्षों लगे हैं। लेकिन तीसरी बार ओलंपिक में न जा पाने के बाद वह ऐसे रास्ते पर चल पड़े जो जेल तक जाता है। दरअसल, रियो ओलंपिक में देश की तरफ से कौन जाएगा, इस मामले पर विवाद हो गया। कारण था कि जब क्वालीफाइ करने को प्रतिस्पर्धा हो रही थी तो सुशील उसमें किसी कारणवश अनुपस्थित रहे। सुशील के वर्गभार 74 किलोग्राम में एक अन्य पहलवान नरसिंह यादव ने क्वालीफाइ किया। यादव वाराणसी निवासी और महाराष्ट्र पुलिस के कर्मचारी हैं। वैसे अब उनकी ससुराल भी हरियाणा के हिसार में हो गई है। चूंकि 74 किलो में नरसिंह यादव क्वालीफाइ कर चुके थे, इसलिए बाद की स्पर्धाओं में नियमानुसार 74 किलो की कोई अन्य प्रविष्टि नहीं भेजी गई ।
लेकिन इसके अतिरिक्त भी एक नियम है,यदि पहलवान साल भर पहले अथवा छह महीने पहले ही क्वालीफाई कर लेते हैं तो ओलंपिक रवानगी से तीन दिन अथवा एक सप्ताह पहले उनकी फिटनेस देखी जा सकती है। आखिर फिटनेस तो कोई छोटी सी चोट या बीमारी से भी बिगड़ सकती है। इसीलिए टीम रवानगी के पहले अंतिम ट्रायल का प्रविधान है। सुशील ने अंतिम ट्रायल की मांग उठाई। मांग जायज थी, लेकिन ठुकरा दी गई। सुशील ने नरसिंह को मुकाबला करने को भी कहा। नरसिंह कन्नी काट गए। लेकिन ओलंपिक में जाने से पहले नरसिंह यादव डोप टेस्ट में फंस गए। नरसिंह सोनीपत के राई में स्पोट्र्स अथारिटी आफ इंडिया (साई) के उत्तरी क्षेत्र में प्रैक्टिस करते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि साई में सुशील ने उनके पेय पदार्थ में स्टेरायड मिलवा दिया। रियो ओलंपिक में नरसिंह के प्रकरण की सुनवाई हुई तो स्पष्ट हो गया कि उन्होंने लगातार तीन सप्ताह स्टेरायड लिया है। उन पर चार वर्ष का प्रतिबंध लग गया।
घटनाक्रम से सुशील का जो व्यक्तिगत नुकसान हुआ, वह तो हुआ ही, देश का भी नुकसान हुआ। रियो ओलंपिक में सुशील कुमार पदक ला सकते थे। इसके बाद सुशील नेपथ्य में चले गए। लेकिन ऐसा नहीं था। दिल्ली पुलिस बताती हैं कि सुशील हरियाणा के गैंगस्टरों के साथ मिलकर विवादित मकानों, संपत्तियों आदि पर कब्जा करने लगे। उनके असर और रसूख के कारण उनका नाम लेने से लोग कतराते थे। लेकिन एक दिन तो नाम सामने आना ही था। जिस घटना के कारण नाम सामने आया, वह भी विवादित संपत्ति का ही विवाद था। सुशील एंड कंपनी जिस विवादित मकान पर कब्जा करती थी,वहां सुशील अपने जूनियर पहलवानों को रहने को कह देते थे। समय आने पर उनसे खाली करा लेते। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। सागर और उसके साथियों ने वह विवादित फ्लैट खाली करने के बजाय कब्जा जमाए रखा। उनको सबक सिखाने को सुशील कुमार ने अपने अन्य जूनियर पहलवानों को भेजा। वे उस फ्लैट में रह रहे सागर सहित चारों युवकों को साथ लेकर छत्रसाल स्टेडियम पहुंचे। वहां सागर को इतना पीटा गया कि उसकी जान चली गई। उसके बाद से ही सुशील की तलाश जारी है।
पहलवान सुशील कुमार की सुरक्षा को लेकर टेंशन में है फैमिली
‘सर प्लीज, वापस आ जाओ। हम सभी आपकी सुरक्षा चाहते हैं। सबकी हालत खराब है। बहन और बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। सबको आपकी फिक्र है.. जल्दी से जल्दी वापस आ जाइये!’ यह संदेश डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान सुशील कुमार को उनके साले लव सहरावत ने फेसबुक पर संडे रात करीब 9:30 बजे पोस्ट किया था। लव खुद दिल्ली और हरियाणा से बीसीसीआई की जूनियर क्रिकेट खेल चुके हैं। वह 1982 एशियाड के गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान महाबली सतपाल के बड़े बेटे हैं। सुशील की पत्नी सावी सोलंकी महाबली की बेटी और लव की बहन है।
लव की इस मार्मिक अपील पर गौर करें तो वह अपने जीजा सुशील की सुरक्षा को चिंतित हैं। छत्रसाल स्टेडियम में 4-5 मई की रात ग्रीको रोमन शैली के पहलवान सागर (23) के कत्ल के अलावा सोनीपत के जयभगवान उर्फ सोनू महाल ( 35) और अमित कुमार (27) की भी पिटाई हुई । दोनों सागर हत्याकांड के चश्मदीद गवाह भी हैं। सोनीपत के गांव पिनाना निवासी सोनू कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कमांडर रहे संदीप उर्फ काला जठेड़ी के मामा का लड़का बताया जाता है। सोनू और काला ने मिलकर कई वारदातें की है और दोनों कई मुकदमों में भी पार्टी हैं।
सूत्रों का दावा है कि छत्रसाल स्टेडियम में मारपीट के दौरान हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद सुशील ने काला जठेड़ी से संपर्क साधा था। पूर्व वर्ल्ड चैंपियन पहलवान नहीं चाहता था कि सोनू महाल पुलिस को उसके खिलाफ बयान दे, लेकिन काला जठेड़ी ने उलटा सुशील को धमकी दे डाली। पुलिस सूत्रों का दावा है कि विवादास्पद प्रॉपर्टी और जबरन वसूली के कई मामलों में काला जठेड़ी गैंग लोगों को धमकाता था तो सुशील सेटलमेंट करता था,इसलिए पहलवान को भरोसा था कि गैंगस्टर उसकी बात टालेगा नहीं। लेकिन काला जठेड़ी,सागर के कत्ल से ज्यादा सोनू महाल की पिटाई से नाराज है।
सोनू, खुद कॉन्ट्रैक्ट किलर बताया जा रहा है, जो विदेश से गैंग ऑपरेट कर रहे काला जठेड़ी का राइट हैंड है। वह मार्च 2012 में भोंडसी जेल से कैदियों को गुड़गांव ले जा रही वैन पर हमला करने वालों में भी शामिल था। हमले में तीन कैदियों की हत्या हुई, दो पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। हरियाणा पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, सोनू ने मई 2010 में रोहतक के सांपला में पहला मर्डर किया था। रोहिणी जिले में इसके खिलाफ कई मुकदमे हैं। यमुनापार के जीटीबी अस्पताल से 25 मार्च को जितेंद्र मान उर्फ गोगी गैंग के शार्प शूटर कुलदीप मान उर्फ फज्जा को फरार करवाने में भी जठेड़ी का हाथ था। हालांकि पुलिस ने फज्जा को बाद में मार गिराया ।
पिछले साल फरार हो गया था काला जठेड़ी
काला जठेड़ी 2 फरवरी 2020 को फरीदाबाद में पेशी के बाद गुड़गांव पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। पुलिस का दावा है कि वह विदेश से गैंग ऑपरेट कर रहा है। बैंकॉक में बैठा वीरेंद्र प्रताप उर्फ कालू राणा भारत में गुर्गों और काला जठेड़ी के बीच कड़ी का काम करता है। लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग का विस्तार अब पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक है। इससे दिल्ली के गोगी समेत कई गैंग जुड़ गए हैं। ऐसे में सुशील को पुलिस से ज्यादा काला जठेड़ी गैंग से खतरा है। पहलवान के अंडरग्राउंड होने की एक वजह ये भी है। संभवतः यही डर सुशील के साले लव सहरावत को भी हो।
सुशील की गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम!
उधर, सुशील कुमार की गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम है। केस में सुशील समेत सात के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट है। अब तक सिर्फ एक आरोपित प्रिंस दलाल गिरफ्तार है, जो बहादुरगढ़ के असौदा गांव का रहने वाला है। इसके मोबाइल में ही पुलिस को वारदात की विडियो मिली थी। नॉर्थ वेस्ट जिले के मॉडल टाउन थाने में 5 मई को दर्ज एफआईआर नंबर 218 में मर्डर (302), गैर इरादतन हत्या के प्रयास (308), गंभीर चोट पहुंचाना (325), रास्ता रोकना (341), अपहरण (365), जान से मारने की धमकी (506), सरकारी आदेश का उल्लंघन (188), महामारी में किसी के जीवन को संकट में डालना (269), आपराधिक साजिश (120बी), समान आशय (34) और आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाई गई है
सागर हत्याकांड: नीरज बवाना गैंग की शरण में सुशील पहलवान, दिल्ली में गैंगवार की आशंका
दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर राणा की हत्या में आरोपित दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील का पुलिस अभी तक पता नहीं लगा सकी । वहीं पहलवानों की इस वर्चस्व की लड़ाई में सागर राणा की मौत का बदला लेने को गैंगवार की आशंका बनी हुई है। पहलवान सुशील कुमार नीरज बवाना गैंग तो मृतक पहलवान सागर राणा संदीप उर्फ काला जेठड़ी के गैंग के संपर्क में था। जेठड़ी गैंग सागर की मौत का बदला लेने की साजिश रच रहा है। सुशील के गुरुग्राम में छिपे होने की आशंका से इन दोनों गैंग की शहर में टकराव की उम्मीद तो है, लेकिन दोनों ही गैंग शहर में सक्रिय नहीं हैं। पहलवान सागर राणा की हत्या मेें आरोपित सुशील कुमार के फरार होने के बाद से ही उसके गुरुग्राम में छुपे होने के भी कयास लगे हैैं। इसे लेकर शहर की क्राइम ब्रांच पुलिस अलर्ट मोड पर है और शहर में सर्च ऑपरेशन चलाए गए हैं।
अब इस मामले में एक और नया मोड़ आया है। अपराधी प्रवृति के इन पहलवानों के गुटों की वर्चस्व की लड़ाई में दिल्ली और राजस्थान में सक्रिय दो गैंग में संघर्ष की आशंका बनी है।
बताया जा रहा है कि मृतक पहलवान सागर राणा शहर के जेठड़ी गैंग के संपर्क में था। यह गैंग अब पहलवान सुशील व इसे समर्थन दे रहे नीरज बवाना के गैंग से बदला लेने पर उतारू हो गया है।
दोनों ही गैंग शहर में सक्रिय नहीं हैं इसलिए यहां इनके संघर्ष को लेकर कोई खतरा नहीं है। पहलवान सुशील के मामले में दिल्ली पुलिस जो मदद मांगेगी, वो दी जाएगी।
-प्रीतपाल, एसीपी क्राइम