अपनी अविश्वसनीयता भी भुना गये डॉ. हरक

थमा  का सियासी तूफान, 24 घंटे बाद मान गए हरक सिंह रावत, मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बनी बात

मंत्री पद से इस्तीफे की धमकी देने के 24 घंटे बाद कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत मान ही गए। शनिवार शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर मिले। बता दें कि हरक सिंह रावत शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए थे।

देहरादून। कैबिनेट मंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत की मंत्री पद से इस्तीफे की धमकी के बाद से डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार और भाजपा संगठन को आखिरकार 24 घंटे बाद हरक को मनाने में कामयाबी मिल गई। कोटद्वार मेडिकल कालेज के विषय को लेकर नाराज चल रहे हरक सिंह बीते रोज कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए थे। इसके बाद से वह ‘भूमिगत’ थे। यद्यपि, शनिवार सुबह सरकार और संगठन की ओर से दावा किया गया कि हरक की नाराजगी दूर कर ली गई है, लेकिन उनके मीडिया से दूरी बनाने और सामने न आने से तमाम तरह के संशय भी गहराने लगे थे। शाम करीब सात बजे मंत्री हरक सिंह अपने करीबी विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

इस्तीफा की धमकी देते हुए कैबिनेट छोड़कर चले गए थे हरक

भाजपा में शुक्रवार रात तब हलचल मच गई, जब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देते हुए सचिवालय में चल रही कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए। वे कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित विषय कैबिनेट में न आने से नाराज थे। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले इस घटनाक्रम से सरकार और पार्टी संगठन सकते में आ गए। रात से ही डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए गए। केंद्रीय नेतृत्व भी सक्रिय हुआ। देर रात सरकार और संगठन ने हरक सिंह के नाराज होने की बात तो स्वीकारी, लेकिन यह भी साफ किया कि मंत्री न तो इस्तीफा देंगे और न पार्टी छोड़ेंगे।

सुबह से तेज हो गए थे डैमेज कंट्रोल के प्रयास

शनिवार सुबह भी डैमेज कंट्रोल के प्रयास तेज किए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनप्रतिनिधि के सामने अपने क्षेत्र के विकास का दबाव होता है। इसी क्रम में हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर कर दी गई है। कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए पांच करोड़ की राशि जारी कर दी गई है। इससे पहले विधायक उमेश शर्मा काऊ ने बताया कि रात में हरक सिंह रावत की पार्टी के केंद्रीय नेताओं और मुख्यमंत्री से भी बात कराई गई। अब नाराजगी वाली कोई बात नहीं है।

हरक अपने क्षेत्र में मेडिकल कालेज से जुड़े विषय पर थे नाराज

इस बीच विजय संकल्प यात्रा छोड़कर देहरादून पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि हरक सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल कालेज से जुड़े विषय पर नाराज थे। इसका समाधान कर दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि हरक सिंह से फोन पर उनकी तीन बार बातचीत हुई है। सबकुछ ठीक है। कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि हरक सिंह रावत नाराज नहीं हैं। उनके जैसे नेताओं की क्षेत्र को जरूरत है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी साफ किया कि अब हरक सिंह की नाराजगी दूर कर दी गई है।

पता नहीं चल पा रहा था कि हरक हैं कहां

इस सबके बावजूद शनिवार को दिनभर ही यह प्रश्न तैरता रहा कि यदि हरक की नाराजगी दूर कर ली गई है और मामला सुलझा लिया गया है तो हरक सिंह सामने क्यों नहीं आ रहे। 24 घंटे से ये पता नहीं चल पा रहा था कि हरक हैं कहां। सुबह के वक्त कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व डा धन सिंह रावत भी उनके निवास पर गए, लेकिन हरक नहीं मिले। ऐसे में हरक के मीडिया से दूरी बनाने और सामने न आने से रहस्य गहराने लगा था। ये आशंका जताई जाने लगी कि हरक की नाराजगी दूर नहीं हुई है और उनके द्वारा कुछ शर्तें रखी गई हैं। यह भी माना जा रहा था कि हरक की रणनीति रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के देहरादून दौरे में सामने आने की है।

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