उत्तराखंड में शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की जरूरत :नीति आयोग

देहरादून 09 अक्टूबर। बीजापुर गेस्ट हाउस ,गढ़ीकैंट देहरादून में शनिवार को डॉक्टर राजीव कुमार ,उपाध्यक्ष ,नीति आयोग, भारत सरकार एवं अन्य सदस्यों द्वारा उत्तराखंड  के उद्योगपतियों एवं औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ उत्तराखंड में उद्योगों का विकास, समस्याएं एवं समाधान जैसे विषयों पर संवाद किया गया।

इस अवसर पर विभिन्न उद्योगपतियों द्वारा उत्तराखंड राज्य में औद्योगिक विकास एवं हिमालय क्षेत्रों में इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट हेतु अतिरिक्त बजट की मांग उठाई गई।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं का संज्ञान लेते हुए उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाए एवं जगह-जगह पर छोटे उद्योग स्थापित किए जाने की जरूरत है।
बीजापुर गेस्ट हाउस, गढ़ीकैंट देहरादून में शनिवार को डॉक्टर राजीव कुमार उपाध्यक्ष, नीति आयोग, भारत सरकार एवं अन्य सदस्यों द्वारा उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों से शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं एवं उनके समाधान पर चर्चा की।

इस अवसर पर डॉक्टर राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए अध्यापकों हेतु ट्रेनिंग सेंटर खोलने पर काम करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में छात्रों के स्किल और कम्युनिकेशन डेवलपमेंट पर काम किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को पर्यावरण एवं प्रकृति से भी जोड़ा जाए।

उत्तराखंड के दौरे पर नीति आयोग उपाध्यक्ष: सीएम का अनुरोध, मिलता रहे जीएसटी का मुआवजा

उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर आए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार के समक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विकास से जुड़े कई मुद्दों को उठाया।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार व मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार से अनुरोध किया कि सीमित संसाधनों वाले उत्तराखंड राज्य को जीएसटी की प्रतिपूर्ति (मुआवजा) बरकरार रखा जाए। जून 2022 में प्रतिपूर्ति की अवधि खत्म हो रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग आबादी को शामिल करने की भी वकालत की।

उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर आए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार के समक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विकास से जुड़े कई मुद्दों को उठाया। शुक्रवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य स्थापना के 21 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने लक्ष्य दिया कि जब उत्तराखंड 25 वर्ष का होगा तो आदर्श विकसित राज्य हो।

केंद्र व राज्य सरकार मिलकर उत्तराखंड के तेजी से विकास के लिए काम कर रही हैं। सतत विकास और अंत्योदय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब तक समाज में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ नहीं पहुंचता है, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। लोगों को विकास योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आसानी से मिले, इसके लिए सरलीकरण पर फोकस किया गया है। उद्योगों में सिंगल विंडो सहित तमाम प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।

बैठक में राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग के समक्ष राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस अवसर पर नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नीलम पटेल, अनुराग गोयल, नीति आयोग उपाध्यक्ष के निजी सचिव रवींद्र प्रताप सिंह, सलाहकार अविनाश मिश्रा, डाक्टर प्रेम सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, आनंद बर्द्धन, सचिव नियोजन डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम आदि मौजूद थे।

सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए अधिक बजट मिले
मुख्यमंत्री ने नीति आयोग से सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए उत्तराखंड को अधिक धनराशि आवंटित करने की मांग रखी है। चीन और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं जुड़ी होने से उत्तराखंड की सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थिति है। जिससे सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य को ज्यादा धन की आवश्यकता है।

जीएसटी प्रतिपूर्ति बरकरार रखी जाए

अगले साल जून 2022 में जीएसटी प्रतिपूर्ति समाप्त हो रही है। इससे राज्य के लिए वित्तीय समस्या खड़ी हो जाएगी। जीएसटी प्रतिपूर्ति करने की व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में एम्स की स्थापना करने के साथ ही लखवाड़ व्यासी परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, सौंग बांध समेत अन्य प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी दिलाने के लिए आयोग से सहयोग का आग्रह किया।

हर ब्लाक के एक गांव में हो नेचुरल फार्मिंग : डॉक्टर राजीव कुमार

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार ने उत्तराखंड सरकार को सभी 95 विकासखंडों के एक-एक गांव में नेचुरल फार्मिंग का सुझाव दिया। उन्होंने कहा किसानों की आय बढ़ाने के लिए नेचुरल फार्मिंग एक बेहतर विकल्प है। उत्तराखंड दौरे पर आए डॉ. कुमार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ राज्य के विकास पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड के विकास में आयोग एक पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार को हरसंभव सहायता देने और विकास में मददगार बनने के लिए नीति आयोग तत्पर है।

उन्होंने माना कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को और सरल बनाने की जरूरत है। इस संबंध में राज्य सरकार के जो सुझाव हैं, उन्हें नीति आयोग को भेजा जाए। इस पर केंद्र से बात की जाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय पार्कों में हाथियों और बाघों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए वहन क्षमता (केरिंग केपेसिटी) का आंकलन करने पर सहमति व्यक्त की है। शनिवार को सचिवालय स्थित वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में राज्य के सुनियोजित विकास पर हुई बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि बैठक में उठाए गए मुद्दों पर राज्य सरकार के पक्ष पर आयोग केंद्र सरकार के मंत्रालयों से बात करेगा। राज्य के संबंधित अधिकारी भी इसका लगातार फॉलोअप करें। राज्य के विकास के लिए सेक्टर वार व समग्र प्लान बनाया जाए।

उत्तराखंड में जिलावार सतत विकास लक्ष्य निर्धारित करने का सरकार का अच्छा कदम है। जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सतत विकास के महत्वपूर्ण संकेतकों पर विशेष ध्यान दिया जाए और इनकी लगातार मानीटरिंग जरूरी है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर प्रक्रियाओं का सरलीकरण करने की आवश्यकता है। निवेशकों को विभिन्न विभागों से जो स्वीकृति या अनुमति लेनी होती हैं, उनका जहां तक संभव हो सरलीकरण किया जाए।

नेचुरल फार्मिंग पर फोकस किया जाए

आर्गेनिक फार्मिंग के साथ ही नेचुरल फार्मिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इससे किसानों की आय को दोगुनी करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक में एक गांव को प्राकृतिक कृषि के लिए समर्पित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा की बेहतर स्थिति है। लेकिन उच्च शिक्षा के लिए बेहतर शिक्षण संस्थाएं कम हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा राज्य में ही प्राप्त हो सके, इस ओर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के पुनर्जीवन पर भी काफी काम किया जा सकता है। इसमें नीति आयोग नमामि गंगे से राज्य को सहायता को दिलाने के लिए प्रयास करेगा।

स्थानीय संसाधनों के उपयोग पर बल

 

उन्होंने कहा कि पर्यटन में अधिक से अधिक स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया जाए। स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक जोड़ने के लिए सुनियोजित योजना की जरूरत है। डॉक्टर कुमार ने कहा कि कृषि में उच्च कीमत देने वाली औषधीय खेती, मसाले, फूलों की खेती को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने उद्योग को लॉजिस्टिक सुविधा के लिए इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लेने का सुझाव दिया। आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल करने की जरूरत है। राज्य सरकार की ओर से जो भी सुझाव हैं, उन्हें नीति आयोग को भेजा जाए। केंद्र सरकार से सरलीकरण की बात की जाएगी।

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