रक्षा प्रौद्योगिकी विकास को आईआईटी जोधपुर और डीआरडीओ में हुआ सहमति करार

आईआईटी जोधपुर में डीआरडीओ ने की डीआरडीओ-इंडस्ट्री-एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आईआईटी जोधपुर ने डीआरडीओ से सहमति करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें शिक्षा, उद्योग जगत और डीआरडीओ अनुसंधान प्रयोगशालाओं के परस्पर सहयोग से विभिन्न कार्यक्षेत्रों में लक्षित अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता का केंद्र स्थापित किया जाएगा।

देहरादून, 22 अक्टूबर 2022। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ 20 अक्टूबर 2022 को एक सहमति करार (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें आईआईटी जोधपुर में डीआरडीओ-इंडस्ट्री-एकेडेमिया उत्कृष्टता का केंद्र (डीआईए-सीओई आईआईटी जोधपुर) स्थापित किया जाएगा। इस अवसर की शोभा बढ़ाते हुए मौजूद भारत के रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह के समक्ष गांधीनगर में प्रोफेसर शांतनु चौधरी निदेशक आईआईटी जोधपुर और डीआरडीओ के सचिव ने सहमति करार किए।

डीआरडीओ के साथ आईआईटी जोधपुर के सहमति करार के बारे में आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने बताया कि इस सहमति करार से आईआईटी जोधपुर और उद्योग जगत के बीच मजबूत संबंध बनेगा जिसमें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रौद्योगिकी का विकास किया जाएगा। यह केवल वर्तमान भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भावी प्रौद्योगिकियों के विकास में सहायक होगा जो आधुनिक युद्धक्षेत्र की व्यवहारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रेरित होगा।’’

डीआरडीओ के अनुदान से स्थापित आईआईटी जोधपुर में उत्कृष्टता का केंद्र दोनों संगठनों के सहयोग से निर्धारित कार्य क्षेत्रों में अनुसंधान करेगा। डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के सहयोग और फिर उद्योग जगत एवं अन्य शैक्षिक अनुसंधान संस्थानों के साथ मिल कर आईआईटी जोधपुर के फैकल्टी और विद्यार्थी शोध करेंगे।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यक्षेत्रों में लक्षित अनुसंधान किए जाएंगें
•डेजर्ट वेलफेयर टेक्नोलॉजीज
•फ्यूचरिस्टिक ओमनी मोबिलिटी सिस्टम्स
•इन्फॉर्मेशन और वारगेमिंग टेक्नोलॉजी़ के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

इसके साथ ही यह सेंटर डीआरडीओ के निर्धारित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पहलों पर भी कार्य करेगा।

आईआईटी जोधपुर विभिन्न रणनीति और युद्ध कौशल से सीधे जुड़े कई डोमेन में विशेषज्ञता रखता है जैसे कि डेजर्ट ऑपरेशंस के लिए टेक्नोलॉजीज , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी-वर्चुअल रियलिटी, मोबिलिटी तथा स्वदेशी और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के विकास में उपयोगी रोबोटिक्स जो वारगेमिंग तथा सूचना युद्ध और फ्युचरिस्टिक ओमनी मोबिलिटी सिस्टम जो जमीन, हवा और पानी जैसे विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में कार्य सक्षम हैं। आईआईटी जोधपुर अपने इन गुणों की वजह से सीओई की स्थापना के लिए डीआरडीओ के सामने सबसे अच्छा विकल्प बन गया है।

डीआईए – सीओई, आईआईटी जोधपुर का नेतृत्व एक निदेशक करेंगें। निदेशक की नियुक्ति केंद्र की गवर्निंग काउंसिल करेगी, जिसकी अध्यक्षता डीआरडीओ के अध्यक्ष और निदेशक करेंगें और आईआईटी जोधपुर सह-अध्यक्षता करेगी। गवर्निंग काउंसिल के सदस्य आईआईटी जोधपुर के निदेशक के नामित वरिष्ठ शिक्षाविद, आईआईटी जोधपुर के डीन (शोध एवं विकास) और रजिस्ट्रार होंगें। अनुसंधान सलाहकार बोर्ड में आईआईटी जोधपुर के सदस्य भी होंगे।

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