ग्लेशियर में मंदिर बनाने से बवाल,प्रशासनिक जांच शुरू

15 हजार फीट की ऊंचाई पर बने देवी कुंड मंदिर का नवनिर्माण, कहीं विरोध तो कहीं समर्थन, सामने आए योगी चैतन्य आकाशDevi Kund Temple Controversy

Bageshwar Nanda Devi Kund बागेश्वर में सुंदरढुंगा ग्लेशियर स्थित देवी कुंड के पास बने मंदिर निर्माण  तूल पकड़ रहा है. इस मामले में वाछम गांव के लोग योगी चैतन्य आकाश के साथ खड़े नजर आए, जबकि बदियाकोट के ग्रामीण उनके खिलाफ मुखर हैं और योगी चैतन्य आकाश देव कुंड को स्विमिंग पूल बनाने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं इस मामले में योगी चैतन्य आकाश ने भी अपनी बात रखी है.
Devi Kund Temple dispute in Bageshwar
बागेश्वर देवी कुंड मंदिर विवाद

15 हजार फीट की ऊंचाई पर बने देवी कुंड मंदिर का नवनिर्माण

बागेश्वर (उत्तराखंड) 17 जुलाई 2024:बागेश्वर में सुंदरढुंगा ग्लेशियर पर 5,000 मीटर (15 हजार फीट) से अधिक की ऊंचाई पर देवी कुंड के पास बने मंदिर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. इको सेंसेटिव जोन में इस मंदिर को योगी चैतन्य आकाश ने नवनिर्मित किया है. जहां वाछम के ग्रामीण मंदिर के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों के बढ़ने की बात कह रहे हैं. जबकि बदियाकोट के ग्रामीण मंदिर के बनने से नाराज हैं. नाराज ग्रामीणों का कहना है कि देवी कुंड के पास मंदिर का निर्माण अवैध है. मंदिर के बनने से वहां बाहरी लोगों का ज्यादा आना जाना होगा, जो सही नहीं है. उन्होंने देवी कुंड में योगी के नहाने पर भी आपत्ति जताई है. वहीं इस मामले में योगी चैतन्य आकाश ने अपनी सफाई पेश की है.

देवी कुंड के पास बना मंदिर

मंदिर का किया गया नवनिर्माण: मंदिर के वाछम में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि यहां मंदिर पौराणिक काल से बना हुआ है, उसे बस अब नया रूप दिया गया है. वाछम के ग्रामीण जीतू दानू ने कहा कि कुछ लोग अब इसके बनने पर राजनीति करने लगे हैं, जो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि बाबा जी (योगी चैतन्य आकाश) ने मंदिर का निर्माण नहीं किया है, मंदिर नवनिर्माण ग्रामीणों ने किया है, जो वर्षों पुराना था. बाबा ने बस उनका सहयोग किया है. मंदिर निर्माण पूर्व  समिति गठित की गई थी. उसके बाद मंदिर निर्माण को सभी ने सहयोग किया है, बिना जानकारी लोग कुछ भी बोल रहे हैं.
सुंदरढुंगा ग्लेशियर स्थित देवी कुंड
देवी कुंड को योगी ने बनाया स्विमिंग पूल: वहीं, दूसरी ओर बदियाकोट के ग्रामीण दानू ने कहा कि मंदिर निर्माण की जगह बाबा को क्षेत्र विकास को स्कूल खोलना चाहिए, जिससे वहां विकास हो. उन्होंने कहा कि देवी कुंड को बाबा ने स्विमिंग पूल बना दिया है. जबकि ग्रामीण बड़े पर्वों पर उस कुंड से जल स्नान करते हैं. बदियाकोट के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी अनुराधा पाल को ज्ञापन दे पूरे मामले में जांच की मांग की है.
पूजा करते योगी चैतन्य आकाश

योगी चैतन्य आकाश ने कहा:उधर,योगी चैतन्य आकाश ने कहा कि वो इस क्षेत्र में केवल मां भगवती के आशीर्वाद से पहुंचे हैं. उनका कहना है कि, देवी कुंड के पास मंदिर नवनिर्माण को लेकर उन्हें दिव्य निर्देश प्राप्त हुए थे. उन्होंने कहा कि मंदिर तो देवभूमि में हर जगह हैं, जहां नजर जाती है वहां-वहां देवताओं का वास है. आज तक देवीकुंड के पास किसी ने ध्यान नहीं दिया, वहां पर्यटक आते हैं और गंदगी फैलाते हैं. इसे लेकर अब ग्रामीणों ने नियम भी बना दिया था. मां भगवती के वास वाले क्षेत्र में किसी को भी इस तरह नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर बनते समय वहां स्वास्तिक भी नजर आया, जो अद्भुत है, यही माता का आशीर्वाद है.

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जांच के दिए आदेश: फोन पर बातचीत में बागेश्वर जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. अभी तक जो उनके संज्ञान में आया है, वहां पर पुराने छोटे मंदिर को कुछ गांव वालों ने शायद किसी की मदद से निर्माण कराया है, लेकिन यह मामला गंभीर है. अनुराधा पाल ने कहा कि मामले की जांच के आदेश परगनाधिकारी को दिए  हैं. परगनाधिकारी ने एक टीम वहां भेजी है. क्योंकि क्षेत्र दुरुस्थ है इसलिए अभी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता. हम इसकी भी जांच करवा रहे हैं कि आखिरकार इस मंदिर की मरम्मत और इसका स्वरूप किसने बदलवाया. बता दें कि, ये पूरा क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन में आता है, जहां निर्माण कार्य नहीं हो सकता.

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