मोदी के उत्तराखंड में शिलान्यास और लोकार्पण के ये हैं 18000 करोड़ के 18 प्रकल्प
PHOTOS में देखें दिल्ली-देहरादून कॉरीडोर: मोदी ने किया शिलान्यास , कंप्लीट होने पर देहरादून से ढाई घंटे में दिल्ली पहुंच सकेंगे
देहरादून 04 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान 11 डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास और सात प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इन प्रोजेक्ट्स की लागत लगभग 18,000 करोड़ रुपए हैं।
जिन 11 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया उनमें दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से देहरादून तक) शामिल है। इसे लगभग 8,300 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। यह दिल्ली से देहरादून की दूरी को कम कर देगा और यात्रा समय छह घंटे से घटाकर लगभग 2.5 घंटे कर देगा। इसमें हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत से कनेक्टिविटी को 7 प्रमुख इंटरचेंज होंगे।
अक्षरधाम (स्टार्टिंग पॉइंट) से देहरादून तक दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर की पूरी लंबाई को चार सेक्शन में डिवाइड किया गया है:
सेक्शन 1
सेक्शन 1 को 6एल सर्विस रोड के साथ 6 लेन में डेवलप किया जा रहा है। इसे 2 पैकेजों में डिवाइड किया गया है। पैकेज 1 दिल्ली पोर्शन 14.75 किलोमीटर का होगा। इसमें से 6.4 किमी एलिवेटेड है। पैकेज 2 उत्तर प्रदेश पोर्शन 16.85 किमी को होगा। इसमें से 11.2 किमी एलिवेटेड है। यह सेक्शन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) के पास अक्षरधाम मंदिर से शुरू होगा और गीता कॉलोनी, खजूरीखास, मंडोला आदि से होकर गुजरेगा।
सेक्शन 2
यह बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों से होकर गुजरता है। डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार है। भूमि अधिग्रहण की प्रोसेस अभी जारी है।
सेक्शन 3
यह सहारनपुर बाईपास से शुरू होकर गणेशपुर पर खत्म होगा। पूरी लंबाई को हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 4 लेन में पूरा किया है। 100 किमी/घंटा की न्यूनतम गति प्राप्त करने के लिए अंडरपास और सर्विस रोड की योजना बनाई जा रही है।
सेक्शन 4
छह लेन का सेक्शन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में एक रिजर्व फॉरेस्ट से होकर गुजरता है। 20 किमी में से, 5 किमी ब्राउनफील्ड एक्सपेंशन है और 15 किमी रिअलाइनमेंट है जिसमें एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर (12 किमी) और एक टनल (स्ट्रक्चर 340 मीटर) शामिल है। वाइल्डलाइफ कंसर्न के कारण राइट-ऑफ-वे (ROW) 25 मीटर तक सीमित है। इस सेक्शन के लिए सभी फॉरेस्ट और वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस ले लिए गए हैं।
अक्षरधाम से EPE सेक्शन के बीच शास्त्री पार्क में प्रस्तावित इंटरचेंज
अक्षरधाम से EPE जंक्शन (6-लेन मेन हाइवे और 6-लेन सर्विस रोड) के बीच प्रस्तावित हाइवे सेक्शन
EPE से सहारनपुर तक ग्रीनफील्ड सेक्शन में प्रस्तावित हाईवे लेआउट
अनरिस्ट्रिक्टेड वाइल्ड लाइफ मूवमेंट के लिए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्ड लाइफ एलिवेटेड कॉरिडोर (12 किमी) होगा।
दत काली मंदिर, देहरादून के पास 340 मीटर लंबी सुरंग भी होगी
सहारनपुर से गणेशपुर के बीच गणेशपुर में सड़क का प्रस्तावित लेआउट (6-लेन मेन हाइवे 4-लेन सर्विस रोड के साथ)
EPE जंक्शन से सराहनपुर के बीच ग्रीनफील्ड सेक्शन में प्रपोज्ड वेसाइड एमिनिटी
गणेशपुर-देहरादून सेगमेंट में वाहनों-जानवर की टक्कर से बचने के लिए कई एनिमल पास बनाए जाएंगे। दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में 500 मीटर के इंटरवेल पर रेन वाटर हार्वेसटिंग और 400 से ज्यादा वाटर रिचार्ज पॉइंट होंगे।
सहारनपुर के हलगोआ से हरिद्वार के भद्राबाद को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट का निर्माण 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट दिल्ली से हरिद्वार का यात्रा समय कम करेगा।
मनोहरपुर से कांगड़ी तक हरिद्वार रिंग रोड प्रोजेक्ट में 1600 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह प्रोजेक्ट हरिद्वार शहर के लोगों को, विशेष रूप से पीक टूरिस्ट सीजन में ट्रैफिक जाम से राहत देगा और कुमाऊं क्षेत्र के साथ सम्पर्क में भी सुधार करेगा।
देहरादून-पोंटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) रोड प्रोजेक्ट में लगभग 1700 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ये इन दोनों शहरों के बीच दूरी को कम करेगा और समय बचाएगा। नाजिमाबाद-कोटद्वार रोड वाइडनिंग प्रोजेक्ट, यात्रा के समय को कम करेगा और लैंसडाउन से सम्पर्क में भी सुधार करेगा।
वर्ल्ड फेमस लक्ष्मण झूले के पास गंगा नदी पर एक पुल भी बनाया जाएगा। लक्ष्मण झूले का निर्माण 1929 में किया गया था, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। नए पुल पर पैदल चलने वालों के लिए कांच का डेक होगा, साथ ही हल्के वजन के वाहनों को भी पार करने की अनुमति होगी।
प्रधानमंत्री ने देहरादून में चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट की भी आधारशिला भी रखी है। इसके अलावा देहरादून में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से वाटर सप्लाई, रोड और ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास किया।
श्री बद्रीनाथ धाम और गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट वर्क की आधारशिला रखी गई। इसके साथ ही हरिद्वार में 500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से नया मेडिकल कॉलेज भी बनेगा।
सात प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने सात प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी किया। इन प्रोजेक्ट्स में लामबगड़ (जो बद्रीनाथ धाम के रास्ते में है) में लैंडस्लाइड मिटिगेश प्रोजेक्ट और NH-58 पर शकनिधर, श्रीनगर और देवप्रयाग में क्रॉनिक लैंडस्लाइड ट्रीटमेंट शामिल हैं।
चारधाम रोड कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में देवप्रयाग से श्रीकोट तक और NH-58 पर ब्रह्मपुरी से कोडियाला तक सड़क चौड़ी करने के प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया ।
1700 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से यमुना नदी पर बने 120 मेगावाट के व्यासी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन देहरादून में हिमालय कल्चर सेंटर के साथ किया ।
प्रधानमंत्री ने देहरादून में इत्र और सुगंध प्रयोगशाला (सुगंधित पौधों के लिए केंद्र) का भी उद्घाटन किया ।
यह रिसर्च इत्र, साबुन, सैनिटाइजर, एयर फ्रेशनर, अगरबत्ती आदि सहित विभिन्न उत्पादों को बनाने के लिए उपयोगी साबित होगा।