इतिहास: नवाबों की तरह मनमोहन सिंह से मिला था हत्यारा यासीन मलिक
कश्मीर फाइल्स: ठाठ से प्रधानमंत्री आवास आया, मुस्कुराते हुए फोटो खिंचाई… हत्यारे यासीन मलिक की तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वो मुलाकात
अमित शुक्ला |
इन दिनों बस हर जगह फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की चर्चा है। इस फिल्म के रिलीज होते ही यासीन मलिक के बारे में भी बातें होने लगी हैं। पिछले किस्से भी याद किए जाने लगे हैं। कभी इस हत्यारे यासीन ने पीएम आवास में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की थी। इस मुलाकात का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है।
The Kashmir Files: फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की इन दिनों हर चौक-चौराहे पर चर्चा है। निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म के जरिये कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के नरसंहार और पलायन की दर्दनाक कहानी बयां की है। यादों के झरोखों में कई किस्सों पर जमी धूल दोबारा साफ होने लगी है। एक बार फिर से उन किरदारों की बात चल पड़ी है जो इस कत्लेआम के इर्द-गिर्द थे। ऐसा ही एक किरदार है यासीन मलिक (Yasin Malik)। वही यासीन मलिक जिसने भारतीय वायुसेना के चार निहत्थे अधिकारियों की हत्या की बात कैमरे पर कबूली थी। कश्मीरी हिंदू जस्टिस नीलकंठ गंजू की निर्मम हत्या की थी। भारत के खिलाफ जो हमेशा जहर उगलता रहा। घाटी में युवाओं को बरगलाकर उनके हाथ में किताबों की जगह एके-47 थमाई । जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ (JKLF) के उसी चीफ की कभी भारत सरकार ने मेहमान नवाजी की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह (Ex PM Manmohan Singh) ने यासीन मलिक को मिलने के लिए प्रधान मंत्री आवास पर बुलाया था।
बात 2006 की है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यासीन मलिक को मिलने के लिए बुलाया था। यह मुलाकात नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास में हुई थी। जम्मू-कश्मीर के नेताओं, अलगाववादियों और अन्य संगठनों के साथ जनसंपर्क कार्यक्रम में मनमोहन सिंह ने यह मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के दौरान यासीन मलिक के साथ मनमोहन सिंह पूरी गर्मजोशी से मिले थे। हत्यारे के साथ हाथ मिलाया था। हंसते हुए फोटो खिंचवाई थी। यासीन पूरे ठाठ बाट के साथ पूर्व प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचा था।
प्रधानमंत्री आवास से निकलकर मीडिया से बातचीत की थी। फिर नवाबों की तरह अपनी कार में बैठकर चलता बना था।
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एनडीए सरकार आते ही तस्वीर बदल गई। यासीन की हवा निकाल दी गई। वह टेरर फंडिंग के मामले में फिलहाल सलाखों के पीछे है। मोदी सरकार ने जेकेएलएफ पर बैन लगा दिया था। तमाम दूसरे अलगाववादी नेताओं पर भी टेरर फंडिंग का शिकंजा कसा हुआ है।
यही यासीन मलिक कभी भारत सरकार को उसके खिलाफ कानूनी मुकदमा शुरू करने की चुनौती देता था। यासीन मलिक के गुनाहों की फेहरिस्त लंबी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में फिल्म कश्मीर फाइल्स का हवाला देते हुए मनमोहन सिंह और यासीन मलिक की इसी मुलाकात का जिक्र किया था।
Congress Party must answer why a separatist, who had accepted that he killed an Indian Air Force officer, was invited by the then Prime Minister of India and shook hands with him.
– Smt @nsitharaman in Lok Sabha. pic.twitter.com/Pg3lCec3Xf
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) March 14, 2022
‘तब के मुख्यमंत्री हिन्दुओं को उनके नसीब पर छोड़कर विदेश चले गए’, कश्मीर फाइल्स के बहाने निर्मला सीतारमण ने साधा कांग्रेस पर निशाना
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वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि कश्मीरी पंडितों को जब ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस नीत सरकार थी और उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को दर्शाने वाली फिल्म कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) का जिक्र करते हुए सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस विषय पर विपक्षी पार्टी के ट्विटर हैंडल से कही गई बातें सच्चाई से इनकार के उसके रूख को प्रदर्शित करती हैं। निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के लिये वित्त वर्ष 2022-23 के बजट और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए ये बात कही।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कश्मीर फाइल्स के बारे में बात करते समय उस समय की सच्चाई को याद करना चाहिए कि जब हिन्दुओं पर इतना कुछ घट रहा था तो वे इससे कैसे निकले। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी जो बातें आ रही है, वे स्थिति से इनकार को प्रदर्शित करती हैं।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह बात कही गई कि कश्मीरी पंडित खुद अपनी मर्जी से और दिल्ली में कुछ फायदा उठाने के लिये अपने आप वहां से चले गए। वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि कश्मीरी पंडितों को जब ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस नीत सरकार (National Conference) थी और उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी।
वित्त मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि तब के मुख्यमंत्री हिन्दुओं को उनके नसीब पर छोड़कर विदेश चले गए। सीतारमण ने यह भी कहा कि वायु सेना के एक अधिकारी की हत्या में कथित रूप से शामिल एक व्यक्ति की एक पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकात की तस्वीर भी सामने आई थी।