सुरक्षा को खतरा:20हजार से एक लाख तक में बिक रही रोहिंग्या दुल्हनें

 

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20,000 में खरीद रहे दुल्हन! जम्मू कश्मीर में फैल रहा रोहिंग्या का ‘मकड़जाल’ कितना खतरनाक?
Rohingyas in Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में ‘दुल्हन’ खरीदी जा रही हैं। रोहिंग्या शरणार्थियों को अच्छे जीवन का लालच देकर मानव तस्करी के जरिए लाकर जबरन बेचा जा रहा है। एक दिन पहले ही कोलकाता में रेलवे पुलिस ने एक शख्स को दो बच्चियों के साथ गिरफ्तार किया है। वह इन बच्‍च‍ियों को कश्‍मीर ले जाने की फ‍िराक में था।

52 साल के अफजल (काल्पनिक नाम) की फैमिली लंबे टाइम से शादी के लिए लड़की ढूंढने में लगी थी, लेकिन दुल्हन नहीं मिली। वजह…उसका मानसिक तौर पर कमजोर होना। वो खुद उठकर पानी भी नहीं पी सकता। अचानक से एक दिन मोहल्ले को पता चला कि उसकी शादी हो गई। बातें खुलीं तो निकला कि लड़की रोहिंग्या है। 20,000 में कोई उसे यहां बेच गया। ऐसे ढेरों मामले जम्मू-कश्मीर में देखने को मिल रहे हैं।

देशभर में रोहिंग्याओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। जम्मू-कश्मीर में शादी के जरिए ये जाल फैल रहा है।

एक दिन पहले ही कोलकाता में रेलवे पुलिस ने अब्दुल रहमान नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया। वह बांग्लादेश का रोहिंग्या मुस्लिम है और कई साल से कश्मीर में मजदूरी करता है। उसके साथ करीब 12-12 साल की दो बच्चियां थीं, जिन्हें वो अपने साथ कश्मीर ले जा रहा था। ये बच्चियां खुशकिस्मत थीं जो पुलिस को भनक लग गई। लेकिन आए दिन न जाने ऐसी कितनी ही रोहिंग्या लड़कियों को अवैध तरीके से जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई राज्‍यों में लाकर बिना उनकी मर्जी के जबरदस्ती की ‘दुल्हन’ बना दिया जा रहा है।

20,000 से एक लाख तक में ‘बिक’ रहीं दुल्हन
जम्मू कश्मीर में यह रैकेट लंबे समय से चल रहा है। पहले बांग्लादेश और अब म्यांमार से भी रोहिंग्या लड़कियों को झूठे वादे और सपने दिखाकर यहां लाया जाता है। बाद में उनकी शादी उनकी उम्र से दोगुने शख्स से करा दी जाती है। यही नहीं दिव्यांग या मानसिक रूप से अक्षम लोग, जिनकी शादी जम्मू-कश्मीर में नहीं हो पाती है, वो भी इस अवैध तरीके से दुल्हन खरीद रहे हैं। पिछले महीने ही जम्मू कश्मीर पुलिस ने ऐसे कई नेटवर्क की पहचान की थी, जो NGOs की ओट में यह काम कर रहे थे। दिसंबर, 2024 तक प्रशासन के मुताबिक कम से कम 24 रोहिंग्या लड़कियां जम्मू में और 124 कश्मीर में ‘दुल्हन’ बन चुकी हैं। जानकारों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के लिए यह एक खतरनाक स्थिति हो सकती है। पाकिस्तान इसका फायदा उठा सकता है।

 

आखिर क्यों खतरनाक है ये स्थिति
200 रोहिंग्या मुसलमान थे जम्मू में 15 साल पहले
11,000 से ज्यादा रोहिंग्या होने का अनुमान है अब
आर्मी कैंप, रेलवे स्टेशन, पुलिस लाइन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के पास भी इनकी बस्तियां
मानव तस्करी, ड्रग्स तस्करी और कई अन्य अपराधों में रोहिंग्या के शामिल होने के आरोप
पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में बढ़ते रोहिंग्या की संख्या का फायदा उठा सकता है

कैसे चलता है रैकेट
कई लड़कियां अच्छी लाइफ की तलाश में हमेशा के लिए अपनी जिंदगी नरक बना चुकी हैं। बांग्लादेश और म्यांमार में रोहिंग्या बस्तियों में NGO की आड़ में तस्कर लड़कियों की पहचान करते हैं। कम उम्र की लड़कियों पर इनकी नजर ज्यादा रहती है। इन्हें झांसा दिया जाता है कि कोलकाता, गुवाहाटी जैसे शहरों में आपको काम दिलाया जाएगा। फिर बस-ट्रेन के जरिए चोरी-छिपे इन्हें जम्मू-कश्मीर या अन्य राज्यों में ले जाया जाता है। फिर इन लड़कियों को बेच दिया जाता है।

 

कई राज्यों में भेजा जा रहा
मानव तस्करी में लगे लोग हर जगह फैले हैं। खासतौर से जहां रोहिंग्या मुसलमानों की बस्ती हैं। तस्कर लड़कियों को पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा के अवैध तरीके से रास्ते भारत में लाते हैं। फिर यहां से देश के अलग-अलग राज्यों में इन्हें भेजा जाता है। असम पुलिस ने हाल ही में इसे लेकर चिंता जताई थी। पुलिस के मुताबिक रोहिंग्या खासतौर से जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद और केरल जाते हैं।

 

राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक
रोहिंग्या मुसलमान अवैध तरीके से राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक बनवा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में अपनी लड़कियों की शादी कराकर भी रोहिंग्या वहां की नागरिकता हासिल करने की कोशिश में जुटे रहते हैं। पिछले दिसंबर में ही पुलिस को 61 से ज्यादा आधार कार्ड जम्मू में और 97 आधार कार्ड कश्मीर में मिले। ये सभी आधार कार्ड अवैध तरीके से बनवाए गए थे। जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस.पी.वैद के मुताबिक यहां के लोकल लोगों से रोहिंग्या लड़कियों की शादियां लंबे समय से हो रही हैं। कश्मीर से ज्यादा ये जम्मू में देखने को मिल रहा है।

UNHRC की दखलअंदाजी बंद हो: पूर्व डीजीपी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद्य का कहना है कि यह स्थिति सही नहीं है। हमें इन्हें वापस भेजना चाहिए। वह कहते हैं कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या की संख्या तेजी से बढ़ी है। यह सही नहीं है। हमें भी अमेरिका, यूरोप की तरह सख्त कदम उठाना चाहिए। खासतौर से UNHRC की दखलअंदाजी पूरी तरह से बंद होनी चाहिए।
SP Vaid.

रोहिंग्या महिलाओं को सहने पड़ रहे अत्याचार

बांग्लादेश और म्यांमार में पहले ही रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति सही नहीं है। हाल में बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद तो हालात और भी खराब हुए हैं। ऐसे में अच्छे जीवन की तलाश में रोहिंग्या महिलाएं एक ऐसे मकड़जाल में फंस जा रही हैं, जिनसे बाहर निकलना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। अल-जजीरा ने अपनी एक रिपोर्ट में ऐसी कुछ महिलाओं की आपबीती सुनी।

उनकी आपबीती रोंगटे खड़े करने वाली है। एक महिला बताती है, उसे कहा गया कि बंगाल में नौकरी दिलाएंगे। फिर बस और ट्रेन से लंबा सफर कर कश्मीर ले आए। अपने से तीन गुना उम्र के शख्स के साथ शादी करा दी गई। वापस जाने की बात करो तो पति बहुत मारता है। तस्करों के चंगुल में फंसी ऐसी ही दूसरी महिला ने बताया कि उसे तस्करों ने बंधक बनाकर रखा। वॉशरूम तक जाने नहीं दिया। जमकर पीटा गया और खूब पैदल चलाया गया।

कौन था पहला रोहिंग्या

साल 2009 में पहली बार जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं का आना शुरू हुआ। देश में जो संख्या कभी 200 थी, वो अब 50,000 के पार हो चुकी है। अकेले जम्मू-कश्मीर में ही 11,000 से ज्यादा रोहिंग्या हैं। जम्मू कश्मीर में बसने वाला पहला रोहिंग्या सईद हुसैन था, जिसे 2009 में यहां की राज्य सरकार ने बसाया था। दिल्ली, हरियाणा, असम, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में रोहिंग्याओं की संख्या बढ़ रही है।

 

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