उत्तरांखड प्रवास के पहले दिन मां से मिले योगी आदित्यनाथ, गुरु मूर्ति का अनावरण
तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर योगी आदित्यनाथ, अपनी मां के पैर छूकर लिया आशीर्वाद
Yogi Adityanath Uttarakhand Tour: UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 3 दिवसीय दौरे पर मंगलवार को उत्तराखंड पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने अपनी मां से मुलाकात की.
तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर योगी आदित्यनाथ, अपनी मां के पैर छूकर लिया आशीर्वाद
UP CM Yogi Adityanath Uttarakhand Tour: देहरादून 03 मई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को उत्तराखंड पहुंचे. उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का यह पहला उत्तराखंड दौरा है. मंगलवार को योगी आदित्यनाथ देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया.
मां से मिले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
उत्तराखंड पहुंचकर योगी आदित्यनाथ ने अपनी मां से भी मुलाकात की. इस दौरान की तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए सिर्फ एक शब्द लिखा ‘मां’.
योगी आदित्यनाथ पांच साल बाद पहुंचे अपने पैतृक गांव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज पांच साल बाद अपने पैतृक गांव पंचूर पहुंचे हैं। सीएम योगी ने मां सावित्री देवी के चरण छूकर आशीष लिया। साथ ही मां से कुशलक्षेम पूछी। वहीं अपने तीन बहनों और दो भाइयों से भी मिलेे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मां के पैर छूकर आशीष लिया।
संन्यास लेने के बाद किसी संन्यासी के लिए जीवन में सामाजिक रिश्ते बदल जाते हैं, मगर मां का रिश्ता सदैव बना रहता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अब उनके भाई, बहन व अन्य लोग महाराज कहकर संबोधित करते हैं, मगर मां सावित्री देवी के लिए वह आज भी वही अजय हैं, जो उनके आंचल में पले और बढ़े।
योगी ने अपनी मां के पैर छूकर लिया आशीष
इसीलिए पांच साल बाद जब योगी अपनी जन्मदात्री से मिले तो उनके मुख से भी मां का संबोधन निकला। योगी ने अपनी मां के पैर छूकर आशीष लिया। मां का ममतामयी हाथ सिर पर आया तो योगी आदित्यनाथ भावुक हो गए।
11 फरवरी 2017 को आए थे गांव, एक रात भी थे रुके
मंगलवार को अक्षय तृतीया का पुण्य पर्व 83 वर्षीय सावित्री देवी के लिए सबसे महत्वपूर्ण था। वह इसलिए कि उनसे मिलने उत्तर प्रदेश से उनके पुत्र अजय बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) आ रहे थे। योगी आदित्यनाथ आखिरी बार 11 फरवरी 2017 को अपने गांव आए थे। तब भी वह एक रात अपने पैतृक घर में प्रवास किया था। मंगलवार को वह करीब पांच वर्ष बाद अपने गांव पहुंचे थे।
सबसे पहले अपनी मां सावित्री देवी के पास पहुंचे
शाम छह बजे जब योगी आदित्यनाथ अपने पैतृक आवास पर पहुंचे तो यहां वह देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं थे, बल्कि इस घर में जन्मे और पले-बढ़े अजय थे। घर पहुंचने पर योगी आदित्यनाथ सबसे पहले अपनी वयोवृद्ध मां सावित्री देवी के पास पहुंचे। उन्होंने मां के चरण छूए तो मां का आशीष भरा हाथ योगी के सिर पर आ गया।
योगी ने मां से पूछा कि क्या वह उन्हें पहचान रही हैं
योगी आदित्यनाथ ने मां से पूछा कि क्या वह उन्हें पहचान रही हैं, मां की ओर से जब कोई जवाब नहीं आया तो योगी आदित्यनाथ ने इस वाक्य को तीन बार दोहराया, जिसके बाद मां ने सिर हिलाकर अपनी भावनाएं व्यक्त की। योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद मां की कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान योगी आदित्यनाथ और उनकी मां सावित्री देवी का गला भर आया।
करीब आधा घंटा मां के कमरे में बिताया
उन्होंने अपने भाइयों से मां के स्वास्थ्य तथा उपचार आदि की जानकारी ली। इसके बाद करीब आधे घंटे का समय योगी आदित्यनाथ ने मां के कमरे में ही अपने भाई-बहनों और अन्य स्वजन के साथ बिताया।
भतीजे को जन्मदिन पर दिया आशीर्वाद
मंगलवार को योगी आदित्यनाथ के भाई महेंद्र सिंह बिष्ट के बेटे अनंत का जन्मदिन भी था। उन्होंने भतीजे से मुलाकात कर उसे आशीर्वाद भी दिया। इसके बाद योगी घर के बाहर लगे पंडाल में पहुंचे, जहां उन्होंने एक-एक कर गांव के नागरिकों, बुजुर्गों तथा महिलाओं से भेंट की। मिलने पहुंचे बच्चों को भी उन्होंने मिठाई खिलाई और उनसे बातचीत करने के साथ फोटो भी खिंचवाई।
योगी बुधवार को भी अपने गांव में ही रुकेंगे
योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने पैतृक घर पर ही प्रवास पर हैं। यहां उनके लिए एक कमरा हमेशा सुरक्षित रखा जाता है।
जब भावुक हुए मुख्यमंत्री योगी
साथ ही बिध्याणी में महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ अपने गुरू को याद करते हुए भावुक भी हो गए और कहा कि उनकी जन्मभूमि में उनकी मूर्ति का अनावरण करते हुए वह अपने आपको सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं.
शुरुआती दिनों को किया याद
बता दें कि महंत अवैद्यनाथ का जन्म यहां कांडी गांव में हुआ था, हालांकि, 1940 के बाद यहां कभी नहीं आ पाए. इस संबंध में योगी ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ यहां ज्यादा समय तक रुक नहीं पाए, लेकिन वह हमेशा यहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते रहते थे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने महंत अवैद्यनाथ को बताया था कि यहां कोई डिग्री कॉलेज नहीं है और उन्हीं की प्रेरणा से यहां महाविद्यालय की स्थापना हुई है.
योगी ने किया शिक्षकों को सम्मानित
योगी ने इस मौके पर अपने 6 स्कूली शिक्षकों को भी सम्मानित किया और कहा कि इसके लिए वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह पौडी के पंचूर गांव में पैदा हुए और यमकेश्वर के निकट चमोटखाल के एक स्कूल में उन्होंने कक्षा एक से नौ तक की पढ़ाई की. उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें अपने उन स्कूली शिक्षकों की भी याद आ रही है जो अब यह दुनिया छोड़ चुके हैंं।