ममता को नया झटका: राज्य सभा सांसद दिनेश त्रिवेदी का त्यागपत्र

ममता को एक और झटका:राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा दिया, सदन में कहा- अफसोस है कि बंगाल में हिंसा रोकने में नाकाम हूं

नई दिल्ली 12 फरवरी।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। TMC के राज्यसभा सांसद और ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले दिनेश त्रिवेदी ने सदन की कार्यवाही के दौरान इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया। कहा, ‘मेरे राज्य में हिंसा हो रही है और मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं। यहां हम लोग उस पर कुछ नहीं बात कर रहे हैं।’

मैं बंगाल की जनता के लिए काम करता रहूंगा

त्रिवेदी ने आगे कहा, ‘मैं अपनी पार्टी का अभारी हूं कि उन्होंने मुझे राज्यसभा भेजा। लेकिन मैं अब घुटन महसूस करने लगा था, क्योंकि मैं अपने राज्य में हो रहीं हिंसा पर कुछ नहीं कर पा रहा था। मेरी अंतरआत्मा मुझसे बोल रही थी अगर यहां बैठने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे दो। राज्यसभा से मैं इस्तीफा दे रहा हूं, लेकिन बंगाल की जनता के लिए काम करता रहूंगा।’

TMC सांसद बोले- तृणमूल का मतलब ग्रासरूट

अपने सांसद दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे पर TMC के सांसद सुखेंदु एस रॉय का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि तृणमूल का मतलब ग्रासरूट (जमीनी स्तर) है। त्रिवेदी के इस्तीफे से एक मौका मिला है कि हम अपने ग्रासरूट लेवल के किसी कार्यकर्ता को राज्यसभा में भेज सकें।

अब तक 11 TMC विधायकों ने भाजपा का हाथ थामा
बंगाल में पिछले दो महीने के अंदर 11 TMC नेताओं ने भाजपा का हाथ थामा है। TMC छोड़कर भाजपा ज्वॉइन करने का सिलसिला 19 दिसंबर से तेज हुआ। जब शुभेंदु के साथ ही सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 विधायकों ने भाजपा ज्वॉइन की थी।

एक दिन पहले ही बंगाल यात्रा पर गए थे अमित शाह

गुरुवार को ही गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने ठाकुरनगर में रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लेकर आने की बात भी कही। शाह ने कहा था कि भाजपा पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर रोक कर विकास का नया दौर शुरू करने जा रही है। मैं दूसरी बार ठाकुरनगर की पवित्र धरती पर आया हूं। कुछ परिस्थितियों की वजह से मेरा पिछला दौरा रद्द हो गया, तो ममता दीदी बहुत खुश हो गईं। अरे ममता दीदी! अभी बहुत समय है अप्रैल तक, मैं बार-बार आऊंगा। जब तक आप चुनाव नहीं हारतीं, तब तक आऊंगा।

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