TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने वक्फ JPC में तोड़ी कांच की बोतल, चेयरमैन पर हमला,

बोतल तोड़ी, गालियां दी… : वक्फ पर  के चेयरमैन से सुनिए कैसे बैठक में हुआ हंगामा

जेपीसी चेयरमैन भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ( Pal) ने जेपीसी बैठक के दौरान हंगामे और तृणमूल सांसद कल्‍याण बनर्जी के आपा खो देने की पूरी घटना के बारे में बताया है.

नई दिल्‍ली:22 अक्टूबर 2024.वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) की मंगलवार की संयुक्‍त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee)  बैठक में जबरदस्‍त हंगामा देखने को मिला, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्‍याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) को अगली एक बैठक के लिए निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में अब जेपीसी के चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल का कथन है  कि आज जो घटना हुई है, उसकी हम कल्‍पना भी नहीं कर सकते. यह पूरा मामला कैसे शुरू हुआ और किस तरह से कल्‍याण बनर्जी अपना आपा खो बैठे, इस बारे में उन्‍होंने विस्‍तार से बताया है.

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, “मैं चार लोकसभा बार सांसद, पांच बार विधानसभा और विधान परिषद में रहा हूं. पिछले 40 वर्ष के संसदीय करियर में कई कमेटियों का सदस्य भी रहा हूं, चाहे यूपी विधानसभा हो या संसद. हम लोगों के कहीं भी मतभेद हो सकते हैं, लेकिन आज जो घटना हुई है, ऐसी घटना की तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.”

कल्‍याण बनर्जी ने बोतल तोड़ी, गालियां दीं : JPC चेयरमैन
उन्‍होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर ने ये कमेटी बनाई है. उसमें आप अपने विचार रखिए, गवाह हैं. गवाहों के सामने बातचीत हो रही है.

घटना के बारे में बताते हुए उन्‍होंने कहा कि संयुक्‍त संसदीय समिति की बैठक में भाजपा सांसद बृजलाल सिंह बोल रहे थे. इसी दौरान किसी सदस्‍य ने अपनी आपत्ति जताई, जिसके बाद कल्‍याण बनर्जी बीच में आ गए और गालियां देने लगे. कल्‍याण बनर्जी ने पहले बोतल को तोड़ा और उसके बाद उसे फेंका, जो मेरे सामने आकर गिरी.

उन्‍होंने कहा कि अगर बोतल मेरे ऊपर गिर जाती तो मेरी आंख भी जा सकती थी। इससे कितना नुकसान हो सकता था. उन्होंने कहा कि बनर्जी ने बोतल तोड़ी जिससे उनके हाथ में भी चोट आई है. फिर भी वो अपना गुस्सा कंट्रोल नहीं कर पाए. उन्‍होंने कहा कि जैसे वो गालियां दे रहे थे, मुझे लगता है हर दिन ऐसा होता है.

कोई रिवाल्वर भी लेकर आ सकता है : JPC चेयरमैन
जेपीसी चेयरमैन ने कहा कि कल कोई रिवाल्वर भी लेकर आ सकता है. इस तरह की घटना से मैं बेहद आहत हूं. बहुत भारी मन से कमेटी ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला किया है.

कल्‍याण बनर्जी को लेकर उन्‍होंने कहा कि उन्हें सोचना चाहिए. संसद में लोग उनका आचरण देखते हैं, जैसे संसद में वो करते हैं, वहां कैमरा है. आपको पब्लिसिटी मिल जाती है, यहां तो ज्‍वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी है.

   ‘सांसद का इस तरह का आचरण स्‍वीकार्य नहीं’
उन्‍होंने कहा कि मतभेद हो सकते हैं लेकिन सांसद का इस तरह का आचरण स्‍वीकार्य नहीं है. हम लोगों ने स्पीकर को सब कुछ बताया है. उन्‍होंने कहा कि बनर्जी ने इस मामले में अपना स्‍पष्‍टीकरण देते समय भी चेयर पर आरोप लगाया.

उन्‍होंने बताया कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कल्‍याण बनर्जी को सस्पेंड करने को प्रस्ताव पेश किया था, जिसे 10-8 से स्वीकृत कर लिया गया है.

मिमिक्री से बोतलतोड़ ‘युद्ध’ तक पहुंचे TMC सांसद कल्याण बनर्जी… वक्फ बिल पर JPC में इतना बवाल तो आगे क्या होगा?

विवादों से नाता लंबा रखने वाले कल्याण बनर्जी संसद सत्र में भी चर्चाओं में रहे. ममता बनर्जी के वफादार और चार बार के सांसद कल्याण बनर्जी जब संसद में बोलते हैं तो वायरल हो जाते हैं. लेकिन अबकी बार बयानों से चुभते वार करने वाले कल्याण बनर्जी ने ऐसा कुछ कर दिया, जहां घाव टीएमसी सांसद के हाथ में ही हो गया. उनका हाथ संभाले ओवैसी चलते और संजय सिंह दिलासा देते दिखे.

संसद के भीतर से हंगामा, शोरगुल, नारेबाजी, मिर्ची पाउडर का स्प्रे, मेज पर चढ़ना, कागज फाड़कर उड़ाना जैसी संसदीय लोकतंत्र को लज्जित करती राजनीतिक तस्वीरें तभी आती रही हैं, जब संसद का कोई सत्र चल रहा हो. लेकिन अबकी बार बिना सत्र चले ही दो सांसदों में ऐसी तू-तू-मैं-मैं और जुबानी झड़प हुई कि हाथ घायल हो गया. दिसंबर 2023 में संसद से सस्पेंड हुए सांसदों के समर्थन में उपराष्ट्रपति की अपमानजनक मिमिक्री करते टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी दिखे थे.
विवादित  कल्याण बनर्जी संसद सत्र चलने के दौरान भी चर्चाओं में रहे. ममता बनर्जी के वफादार और चार बार के सांसद कल्याण बनर्जी संसद में बोलते हैं तो वायरल हो जाते हैं. वक्फ बिल के लिए बनी जेपीसी की बैठक में आज टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय में बड़ी झड़प हुई. दावा है कि भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी में रिटायर्ड जज और वकीलों की राय सुनी जा रही थी. तभी बीच में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, जो पहले ही कई बार बोल चुके थे, फिर से टोकते हुए बीच में बोलने लगे. कल्याण बनर्जी की टोकाटाकी का विरोध पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने किया. इसी के बाद दोनों सांसदों के बीच जमकर असंसदीय भाषा में तू-तू-मैं-मैं होने लगी.

कल्याण बनर्जी जेपीसी की बैठक से सस्पेंड

अपने सामने रखी कांच की बोतल को सांसद कल्याण बनर्जी ने पटक दिया. जिसमें उनके ही हाथ में चोट लगी. जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल के अनुसार कल्याण बनर्जी ने टूटी बोतल उनकी कुर्सी की तरफ फेंकी. हंगामे बाद जेपीसी बैठक में कल्याण बनर्जी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें अगली बैठक से सस्पेंड करने पर सहमति बनी. यानी वह अगली जेपीसी की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.

देश में वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख एकड़ से अधिक जमीन

वक्फ बिल पर ये हाल तब है जब अभी सिर्फ जेपीसी सांसदों में बैठक हो रही है. सोचिए क्या ये हंगामा और ज्यादा होगा जब वापस संसद में ये बिल सदन में आएगा. आखिर वक्फ संशोधन बिल में क्या है, ये समझें उससे पहले वक्फ की संपत्ति का हिसाब देखना जरूरी है. दरअसल, दिल्ली कुल 3.6 लाख एकड़ इलाके में फैली हुई है. और देश में वक्फ बोर्ड के पास नौ लाख एकड़ से ज्यादा जमीन बताई जाती है. यानी अकेले वक्फ बोर्ड के पास ही तीन दिल्ली जितनी जमीन है. वहीं गोवा जैसा राज्य 9.14 लाख एकड़ में फैला है. यानी देश में वक्फ के पास गोवा जितनी जमीन है.

भारत में जमीन के हिसाब से ही अगर वक्फ की जमीन को और बांटकर देखें तो दिल्ली, दादर नगर हवेली, पुटुचेरी, चंडीगढ़, लक्षद्वीप इन सबके पास कुल जितनी जमीन है, उतनी अकेले देश में वक्फ बोर्ड के पास है. देश में रेलवे और सेना के बाद वक्फ बोर्ड के पास ही सबसे ज्यादा जमीन है. कहने को तो इस जमीन और वक्फ की अरबों की संपत्ति और इस प्रॉपर्टी से होने वाली आमदनी का इस्तेमाल शैक्षणिक संस्थाओं, कब्रिस्तानों, मस्जिदों में धर्मार्थ और अनाथालयों में खर्च किया जाता है और होना चाहिए. लेकिन आरोप लगते आए हैं कि वक्फ की संपत्ति के नाम पर भूमाफिया, राजनीतिबाजों और प्रॉपर्टी बिल्डर बड़े खेल करते हैं.

वक्फ बिल में हुए ये बदलाव

इससे गरीब सामान्य मुस्लिम का कोई फायदा नहीं होता. क्योंकि वक्फ बोर्ड के पास इतने असीमित अधिकार पहले से राजनीतिक तुष्टिकरण को दिए गए जितने दूसरे मुस्लिम देशों में भी नहीं होते. इसीलिए जनहित में वक्फ एक्ट में संशोधन वाला बिल आया, जिस पर जेपीसी में चर्चा चल रही है. अब तक के कानून और नए बिल के प्रावधान की तुलना करें तो पहले जहां वक्फ बोर्ड अगर किसी जमीन पर दावा कर दें तो जमीन वाला सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में ही न्याय को जा सकता था. वहीं नए बिल के अनुसार उसे ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट, हाईकोर्ट में अपील का अधिकार होगा.

अब तक जहां वक्फ बोर्ड और दूसरे के बीच विवाद में वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को ही आखिरी फैसला माना जाता रहा. वहां नए बिल में ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का अधिकार होगा. तीसरी बात अब तक जहां पुरानी मस्जिद हो या जमीन/प्रॉपर्टी का इस्तेमाल इस्लामिक मकसद से होता आया हो तो अपने आप वो जमीन प्रॉपर्टी वक्फ की मान ली जाती थी. लेकिन नए बिल में कहा गया कि जब कोई अपनी जमीन प्रॉपर्टी दान करेगा तभी उसे वक्फ का माना जाएगा, भले उस पर मस्जिद ही क्यों ना हो. चौथी अहम बात अब तक जहां वक्फ बोर्ड में महिला और दूसरे धर्म के लोगों की एंट्री पर पाबंदी रही.

वहीं अब नए बिल में वक्फ बोर्ड में दो महिला और अन्य धर्म के दो लोगों भी होंगे. इसी के बाद लोकसभा में पहले अगस्त के महीने में हंगामे के बीच बिल पेश हुआ और अब अक्टूबर में इसी बिल पर गठित जेपीसी की चर्चा में जुबानी नोंकझोंक भाजपा और टीएमसी के सांसद में हो गई.

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