आतंकी स्लीपर सेल नेटवर्क तक ATS की पहुंच रोकने को जान देने की फिराक में था मुर्तजा

स्लीपर सेल तक न पहुंचे ATS, इसीलिए गोरखनाथ में हमला:मुर्तजा तक पहुंच गई थी जांच एजेंसी, इसलिए हमले में खुद मरकर अपने जेहादी साथियों को बचाने की थी साजिश

गोरखपुर 08 अप्रैल।गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी ATS की पूछताछ में रोज नए खुलासे कर रहा है। अपने जेहादी मंसूबों को जाहिर करने के बाद अब मुर्तजा ने यह भी कबूल किया है कि उसने रमजान के पहले दिन यानी 3 अप्रैल की शाम गोरखनाथ मंदिर पर हमला क्यों किया? इतना ही नहीं, मुर्तजा ने यह भी कबूला कि उसने किसी अन्य नागरिक पर नहीं बल्कि सिर्फ वर्दी पहने पुलिसवालों पर ही हमला क्यों किया?

मुर्तजा के कबूलनामा- 2 से यह सामने आया है कि उसने गोरखपुर के साथ ही प्रदेशभर के शहरों में डेवलप हो रहे स्लीपर सेल नेटवर्क को ATS से बचाने के लिए पहले ही हमला कर दिया। मुर्तजा नेपाल में चल रहे आतंकी ट्रेनिंग कैंप में जाकर ट्रेनिंग लेता था और CAA, NRC के खिलाफ देश विरोधी अभियान चलाकर सीरियल ब्लास्ट का खाका तैयार करने वाले आतंकी जलीस उर्फ ‘डॉक्टर बम’ के मिशन को पूरा करना चाहता था।

2 अप्रैल को मुर्तजा के घर पर 2 लोग पहुंचे थे। वे सादी वर्दी में थे। उन्होंने कहा था कि मुर्तजा की तलाश कर रहे हैं।

2 अप्रैल को मुर्तजा के घर आए थे ATS वाले

दरअसल, खुफिया एजेंसी ने 31 मार्च को ही UP पुलिस को 16 संदिग्धों की प्रोफाइल भेजी थी। इनकी विदेशों से संदिग्ध बातचीत हो रही थी या ट्रांजेक्शन हुए थे। उनमें एक नाम मुर्तजा का भी था। गोरखपुर में रहने वाले मुर्तजा के पिता मुनीर अहद अब्बासी का दावा है कि 2 अप्रैल को उनके घर पर 2 लोग पहुंचे थे। वे सादी वर्दी में थे। उन्होंने कहा था कि मुर्तजा की तलाश कर रहे हैं। उसके खिलाफ समन जारी हुआ है। कोई 35 लाख रुपए से जुड़ा मामला है। जब अब्बासी ने कागजात मांगे तो मुर्तजा को बुलाने के लिए कहा। कुछ देर बाद दोनों शख्स वापस चले गए।

ताकि डायवर्ट हो जाए ATS

मुर्तजा के परिवार ने इसकी जानकारी उसे दी तो वह पूरी कहानी समझ गया। उसे पता था कि वह ATS की रडार पर आ चुका है और अब उसका बच पाना मुश्किल है। ऐसे में अगर ATS उस तक पहुंची तो उसके पूरे स्लीपर सेल नेटवर्क का पर्दाफाश हो जाएगा। उसने तत्काल अपनी डिटेल्स मिटा दी, फोन फॉर्मेट कर दिया और एक ऐसा हमला प्लान किया, जिसमें पुलिस उसे गोली मार दे। ताकि ATS को नए मामले में उलझाकर डायवर्ट किया जा सके।

गोरखनाथ मंदिर का हमलावर अहमद मुर्तजा अब्बासी।

गोरखपुर में भी अपनी जड़ें जमा चुके हैं आतंकी

इतना ही नहीं, मुर्तजा के जेहन में जेहाद किस कदर हावी था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह नेपाल बॉर्डर पर चल रहे नेशनल एजुकेशनल सोसाइटी में जाकर आतंक की ट्रेनिंग ले रहा था। हालांकि गोरखनाथ मंदिर पर हमले की तैयारी का खुलासा करीब 9 महीने पहले उसी वक्त हो गया था, जब राजधानी लखनऊ में अलकायदा की विंग अंसार अलकायदा हिंद (AGH) का आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर पकड़ा गया था। उस समय इन लोगों ने कबूला था कि करीब 2 साल पहले ही नेपाल वाया गोरखपुर के रास्ते आतंकियों ने प्रदेशभर के धार्मिक स्थलों की रेकी की थी।

प्रदेश भर के धार्मिक स्थलों की हो चुकी थी रेकी

अब तक की जांच में मुर्तजा नेपाल के कपिलवस्तु में स्थित जिस एजुकेशनल सोसाइटी के नाम पर चल रहे आतंकी के ट्रेनिंग कैंप में जाकर ट्रेनिंग ले रहा था। उसी ट्रेनिंग सेंटर से दो साल पहले ही आकर आंतकियों ने गोरखपुर के रास्ते गोरखपुर, अयोध्या, काशी विश्वनाथ, प्रयागराज सहित करीब दो दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की रेकी की थी। इसके इनपुट भी खुफिया एजेंसी को काफी पहले ही मिल चुके थे।

गोरखपुर के जन ने रेकी कर पाकिस्तान भेजी थी फोटो

वहीं, अगस्त 2020 में गोरखपुर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले एक जन को ATS ने पकड़ा था। पूछताछ में उसने कबूल किया था कि उसने यहां एयरफोर्स स्टेशन, कूड़ाघाट स्थित गोरखा रेजीमेंट और रेलवे स्टेशन की फोटो पाकिस्तान में बैठे अपने आका को भेजी थी।

दो साल पहले ही जुड़े थे गोरखपुर से तार

दिसंबर 2019 में राम मंदिर फैसले के बाद UP STF ने कुख्यात आतंकी जलीस अंसारी उर्फ डॉ. बम को कानपुर में गिरफ्तार किया था। इस साजिश का खुलासा हो गया था। डॉ. बम संत कबीर नगर ​जिले के बखिरा अमर डोभा का रहने वाला है। जलीस का एक चचेरा भाई आज भी यहां बखिरा में रह रहा है।

गोरखनाथ हमले (Gorakhnath Mandir Attack) में एटीएस की जांच में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बताया गया कि मंदिर पर हमला करने का आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी (Ahmed Murtuza Abbasi) नेपाल के रास्ते सीरिया भागने की फिराक में है।

उत्तर प्रदेश  के गोरखपुर मंदिर (Gorakhnath Mandir Attack) में सुरक्षाकर्मियों पर हमले के मामले में गिरफ्तार मुर्तजा अब्बासी (Ahmed Murtuza Abbasi) के बारे में जांच एजेंसियों को कई अहम जानकारियां मिली हैं। पता चला है कि मुर्तजा शूट ऐंड स्कूट पॉलिसी यानी मारो और भागो की नीति पर काम कर रहा था। वह कुख्यात आतंकी अबू हमजा को अपना रोल मॉडल मानता था। पिछले कई साल से वह यू-ट्यूब पर सीरिया में चल रही गतिविधियों को देख रहा था। मुर्तजा के साथ उसका दोस्त अब्दुल रहमान भी इसी मॉड्यूल पर काम करता था, जिसे एटीएस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया है।

एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि मुर्तजा सीरिया जाना चाहता था। अफगानिस्तान में आईएसआईएस के साथ लड़ाई भी करना चाहता था। मुर्तजा केमिकल इंजिनियर था और आईएसआईएस को केमिकल हथियारों से लैस करना चाहता था। गोरखधाम मंदिर पर हमला करने के बाद उसकी नेपाल के रास्ते अफगानिस्तान और सीरिया भागने की तैयारी थी।

आईएसआईएस के आतंकी में हाथ दिखा था हथियार
25 मार्च को आईएसआईएस का एक विडियो जारी हुआ था। इसमें एक आतंकी के हाथ में वैसा ही हथियार दिख रहा है, जैसा गोरखनाथ मंदिर में हमले के वक्त मुर्तजा के हाथ में था। माना जा रहा है कि मुर्तजा ने उस विडियो के जरिए ही इस हथियार का इस्तेमाल करने का मन बनाया।

अब्बासी का दोस्त गिरफ्तार

वहीं, अब्बासी की कॉल डिटेल के आधार पर उत्तर प्रदेश एटीएस ने मुर्तजा के दोस्त अब्दुल रहमान को भी हिरासत में लिया है। रहमान को एटीएस ने सहारनपुर से पकड़ा है। वह एक मोबाइल की दुकान चलाता है। साथ ही फतेहपुर इलाके की एक मस्जिद में इमामत भी करता है। बताया जा रहा है कि हमले के दिन मुर्तजा ने रहमान से फोन पर बात की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल रहमान और मुर्तजा दोनों एक ही मॉड्यूल पर काम कर रहे थे

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 विक्षिप्त  नहीं है गोरखनाथ मंदिर पर हमले का आरोपी मुर्तजा, डॉक्टरों ने की पुष्टि

गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी के मानसिक रोगी होने की बात को डॉक्टरों ने नकार दिया है। डॉक्टर्स का कहना है कि उसने यहां ऐसी कोई हरकत नहीं की, जिससे यह साबित हो कि वह मानसिक विक्षिप्त है।

हाइलाइट्स
1-गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षकर्मियों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी मनोरोगी नहीं है
2-जिला अस्पताल में हुई उसकी मेडिकल जांच के बाद डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की गई है
3-सुरक्षा के बीच मुर्तजा को जिला अस्पताल ले जाया गया था

गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षकर्मियों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी मनोरोगी नहीं है। जिला अस्पताल में हुई उसकी मेडिकल जांच के बाद डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कड़ी सुरक्षा के बीच मुर्तजा को जिला अस्पताल ले जाया गया था। यहां तैनात डॉ. आनंद ने उसकी मेडिकल जांच की थी।
डॉक्टरों ने बताया कि जब मुर्तजा को अस्पताल ले आया गया था, तब वह मानसिक रूप से पूरी तरह सामान्य था। उससे उसका नाम पूछा गया, जिस पर उसने बतया कि मेरा नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी है। उसने अपने शरीर पर लगे चोटों के बारे में भी डॉक्टरों को बताया। डॉक्टर्स का कहना है कि मेडिकल टेस्ट के दौरान ऐसा कभी नहीं लगा कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है। उसने ऐसी कोई हरकत नहीं की।
डॉक्टरों ने मुर्तजा के शरीर पर लगे चोटों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। बता दें कि रविवार की शाम को मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। पुलिस के जवानों ने उसे वहीं दबोच लिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने जांच को एटीएस को सौंप दिया है।

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