टूलकिट खालिस्तानी कनेक्शन:अब दिशा के साथियों निकिता जैकब और शांतनु की तलाश
टूलकिट केस का खालिस्तानी कनेक्शन:गणतंत्र दिवस से पहले सोशल मीडिया पर खलबली मचाने की प्लानिंग थी, दिशा और उसके साथियों ने वर्चुअल मीटिंग की थी
नई दिल्ली 15 फरवरी।ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में बेंगलुरु की 22 साल की एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के दूसरे दिन दिल्ली पुलिस उनके करीबियों की तलाश कर रही है। दिल्ली की एक कोर्ट ने सोमवार को दिशा के दो साथियों निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। निकिता ने इसके खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल की अर्जी दायर कर दी है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
इस बीच, पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि दिशा और निकिता ने खालिस्तानी समर्थक माने जाने वाले पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के फाउंडर एमओ धालीवाल के साथ जूम ऐप पर मीटिंग की थी। इस मीटिंग का मकसद 26 जनवरी से पहले सोशल मीडिया पर हंगामा मचाना था।
सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं कि ये मामला क्या है और अब तक जो नाम सामने आ रहे हैं, उनका इस केस से क्या संबंध है…
ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के सपोर्ट में टूलकिट शेयर की थी
यह मामला देश के किसानों से जुड़ा है, जो दिल्ली के दरवाजे पर 82 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। 3 फरवरी को 18 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दो सोशल मीडिया पोस्ट लिखी थीं। पहली पोस्ट में उन्होंने किसानों का समर्थन किया , दूसरी पोस्ट में एक टूलकिट शेयर की । यह टूलकिट दरअसल एक गूगल डॉक्यूमेंट था। इसमें ‘अर्जेंट और ऑन ग्राउंड एक्शंस’ का जिक्र था।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इसे सरकार,भारत की आर्थिकी और सांस्कृतिक धरोहर विरोधी मान टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को देशद्रोह और षड्यंत्र रचने के आरोप में FIR दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने गूगल से इस टूलकिट से जुड़ी जानकारी साझा करने को कहा और इसके बाद दिशा की गिरफ्तारी हुई। टूलकिट में भारत पर चाय और योग को अपने प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने में टूल बनाने का भी जिक्र है।
दिशा, निकिता, धालीवाल और शांतनु पर आरोप क्या हैं?
इस मामले में ग्रेटा के अलावा अब तक 4 और किरदार सामने आए हैं…
1. दिशा रवि पर टूलकिट एडिट करने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को बीते रविवार बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के साथ ही 11 दिन बाद टूलकिट विवाद फिर सुर्खियों में आ गया। दिशा को रविवार को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
कौन हैं दिशा: 22 साल की दिशा BBA स्टूडेंट हैं। उन्होंने क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रुप फ्राइडे फॉर फ्चूयर की इंडिया विंग 2019 में शुरू की थी। इस इंटरनेशनल ग्रुप की फाउंडर ग्रेटा थनबर्ग हैं।
आरोप क्या हैं: दिल्ली पुलिस के मुताबिक, किसान आंदोलन से जुड़ी जो टूलकिट ग्रेटा ने शेयर की थी, उसे दिशा ने ही एडिट और सर्कुलेट किया था। इसके लिए उन्होंने वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया था। दिशा ने यह टूलकिट ग्रेटा तक पहुंचाई, लेकिन जब यह टूलकिट पब्लिक डोमेन में आ गई तो दिशा ने ग्रेटा से इसे हटाने को कहा।
दिशा का क्या कहना है: रविवार को जब दिशा को दिल्ली की कोर्ट में पेश किया गया तो वे रोने लगीं। दिशा ने जज को बताया कि उन्होंने इस गूगल डॉक्यूमेंट की महज 2 लाइनें एडिट की थीं। वे किसान अांदोलन का सपोर्ट करना चाहती थीं।
2. एमओ धालीवाल पर टूलकिट बनाने का आरोप
टूलकिट केस में सबसे महत्वपूर्ण एमओ धालीवाल है। दिल्ली पुलिस जांच में धालीवाल के नाम का खुलासा हुआ ।
कौन है धालीवाल: कनाडा में जन्मा धालीवाल डिजिटल ब्रांडिंग क्रिएटिव एजेंसी स्कायरॉकेट में डायरेक्टर है। वह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का फाउंडर भी है, जिसने किसान आंदोलन से जुड़ी विवादास्पद टूलकिट बनाई है। सितंबर 2020 में धालीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि मैं खालिस्तानी हूं।
आरोप क्या हैं: दिल्ली पुलिस के मुताबिक विवादास्पद टूलकिट धालीवाल के संगठन ने ही बनाई थी। उसके संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन को पुलिस खालिस्तानी मानती है। जांच में ताजा खुलासा यह है कि गणतंत्र दिवस से पहले एक जूम मीटिंग हुई थी। इसमें धालीवाल, निकिता और दिशा समेत बाकी लोग शामिल हुए थे। मीटिंग में एक किसान की मौत पर चर्चा हुई। मीटिंग का मकसद था कि गणतंत्र दिवस से पहले सोशल मीडियाा पर हंगामा मचा दिया जाए।
धालीवाल का क्या कहना है: एमओ धालीवाल का कहना है कि पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन उसने नहीं, बल्कि उसकी दोस्त अनिता लाल ने बनाया था।
3. निकिता जैकब
दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस को टूलकिट केस में निकिता जैकब की तलाश है।
कौन हैं निकिता: निकिता मुंबई में रहती हैं। वे महाराष्ट्र और गोवा स्टेट बार काउंसिल में रजिस्टर्ड हैं। वे सोशल जस्टिस और क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं। उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल के अनुसार वे बॉम्बे हाईकोर्ट में एडवोकेट हैं।
आरोप क्या हैं: दिल्ली पुलिस का कहना है कि धालीवाल के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में निकिता भी शामिल थीं। 4 दिन पहले दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की एक टीम मुंबई के गोरेगांव में निकिता के घर गई और वहां रखे गैजेट्स की छानबीन की।
निकिता का क्या कहना है: निकिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल की अर्जी दायर कर4 हफ्ते की अग्रिम जमानत मांगी है ताकि वे दिल्ली की अदालत में अर्जी दाखिल कर सकें। निकिता के अनुसार वे जांच में सहयोग कर चुकी और उन पर आरोप बेबुनियाद है। मीडिया ट्रायल और राजनीतिक बदले में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
4. शांतनु
टूलकिट मामले में यह चौथा नाम है। दिल्ली पुलिस ने अभी सिर्फ इतना बताया है कि शांतनु भी टूलकिट से जुड़ा था। शांतनु के बारे में अभी और जानकारी सामने नहीं आई है।
टूलकिट केस में निकिता जैकब फरार घोषित, गैरजमानती वारंट जारी
टूलकिट मामले में दिशा रवि की करीबी निकिता जैकब फरार हो गई है. दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से नॉन बेलेबल वारंट जारी करवाया है
स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर स्पेशल सेल की. टीम मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जांचने गई थी. शाम के वक्त पूछताछ नहीं हो सकी. निकिता से स्पेशल सेल ने दस्तावेज पर दस्तखत करवाया कि वो जांच में शामिल होंगी, लेकिन निकिता अंडरग्राउंड हो गई.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तान संगठन से जुड़े पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडाई सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया. मकसद रिपब्लिक डे के पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना. निकिता जैकब पर्यावरण मुद्दे उठाती रहीं है., रिपब्लिक डे के पहले एक ज़ूम मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा अन्य लोग शामिल हुए, एमओ धालीवाल ने कहा कि मुद्दे को बड़ा बनाना है, मकसद ये कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है, यहां तक कि एक किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताया गया.
26 जनवरी हिंसा बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया
दिशा रवि, ग्रेटा थनबर्ग को जानती थीं, इसलिए उसकी मदद ली गयी. चार दिन पहले स्पेशल सेल की टीम ने निकिता जैकब के घर उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की . निकिता वकील हैं. निकिता जैकब की लीगल टीम का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने 10 फरवरी को उनका बयान दर्ज किया था, पुलिस जांच में सहयोग न करने का आरोप गलत है, पुलिस ने पंचनामा भी बनाया, हम सारे सबूत कोर्ट के सामने पेश करेंगे.
क्या है पूरा मामला
किसान आंदोलन के समर्थन में क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेट थनबर्ग ने जिस टूल किट को सोशल मीडिया पर शेयर किया, उसकी जांच की दिशा तय हो गई है. इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बेंगलुरु से 21 साल की दिशा रवि को गिरफ्तार किया,
पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल जब्त किया है, लेकिन उसका डाटा पहले ही डिलीट किया जा चुका था जिसे अब पुलिस रिट्रीव करेगी. दिशा ने इसके लिए एक वाट्सग्रुप बनाया था जिसमें निकिता जैकब भी थी। निकिता भी इस केस में दिल्ली पुलिस के राडार पर है. पूछताछ को निकिता से सायबर सेल ने संपर्क भी किया था, उसके बाद से ही निकिता अंडरग्राउंड है.
दिशा की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेताओं के तीखे तेवर
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से।’
पी चिदंबरम ने कहा कि भारत बेतुकी चीजों का मंच बनता जा रहा है। बहुत दुख की बात है कि दिल्ली पुलिस तानाशाहों के हाथ की कठपुतली बनी है।
जयराम रमेश ने दिशा की गिरफ्तारी पर कहा, ‘ये घटिया हरकत है। अनचाहा उत्पीड़न है और धमकी है।’
शशि थरूर ने कहा, ‘भारत में किसान आंदोलन को दबाने को जिस तरह से राजनीतिक विरोध और वैचारिक आजादी पर हमले हो रहे हैं, दिशा रवि की गिरफ्तारी उसमें नया कदम है। क्या भारत सरकार को दुनिया में अपनी छवि खराब होने की जरा भी परवाह नहीं है?’
लेफ्ट, सपा और किसान नेता भी नाराज
लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि मोदी राज सोचता है कि किसानों की पोती को गिरफ्तार करने से किसानों का संघर्ष कमजोर पड़ जाएगा। ये गिरफ्तारी देश के युवाओं को जगाएगी और लोकतंत्र को मजबूत करेगी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘सवाल ये है कि उन लोगों को कब गिरफ्तार किया जाएगा, जो अपने शब्दों की टूलकिट से सुबह-शाम देश और समाज की एकता तोड़ रहे हैं। नफरत और बंटवारे को बढ़ावा दे रहे हैं।’
किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा युवा क्लाइमेट एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी का विरोध करता है, जिन्होंने किसानों का समर्थन किया। हमारी मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द और बिना शर्त रिहा किया जाये।