टॉप 10 माफिया हाजी इकबाल के चारों बेटों की 42 महीने बाद जमानत

सहारनपुर में हाजी इकबाल के चारों बेटे जेल से रिहा:सुप्रीम कोर्ट से 42 महीने बाद मिली जमानत, देर रात जिला कारागार से हुई रिहाई

सहारनपुर 27 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश के टॉप-10 माफिया और बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के चारों बेटों को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। देर रात जिला कारागार से चारों बेटों जावेद, वाजिद, अफजाल और अलीशान रिहा कर दिये गये। सुप्रीम कोर्ट ने 42 महीने बाद उन्हें जमानत दी है।

जमानत आदेश सोमवार शाम जेल पहुंचा तो देर रात रिहाई हो गई।  जिला कारागार के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लगा था। बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने पहुंचे। हालांकि चारों बेटे हरियाणा नंबर की एक कार में बैठकर चुपचाप चले गए। जेल के बाहर 50 से ज्यादा गाड़ियों से जाम लग गया।

सहारनपुर जिला जेल की 3 तस्वीरें देखिए…

रिहाई से पहले सहरनपुर जिला कारागार के बाहर पुलिस मुस्तैद रही।
रिहाई का इंतजार करते हुए चारों भाई।
रिहाई के बाद जेल से बाहर निकलते पूर्व एमएलसी के चारों बेटे।
2022 से जेल में बंद थे चारों बेटे

पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के बेटों को पुलिस ने अलग-अलग समय पर गिरफ्तार किया था। मई 2022 में अलीशान और जावेद, जून 2022 में अफजाल और अक्टूबर 2022 में वाजिद को पकड़ा गया था। इसके बाद से चारों जेल में ही बंद थे।

हर बार नए मामलों में दिखाया गया गिरफ्तार

हाजी इकबाल के बेटों की ओर से नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया कि जमानत मिलने के बावजूद उन्हें बार-बार नए मामलों में गिरफ्तार दिखा दिया जाता है। 13 अगस्त 2025 को भी थाना मिर्जापुर में एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर उनकी फिर से गिरफ्तारी दर्शा दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2025 को सुनवाई कर चारों बेटों की रिहाई का आदेश दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि एफआईआर संख्या 141/2025 (थाना मिर्जापुर, सहारनपुर) के मामले में उन्हें जमानत दी जाती है। साथ ही, पुलिस और प्रशासन अब बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति उन्हें किसी भी नए मुकदमे में गिरफ्तार नहीं कर पाएंगे।

कोर्ट के सामने दलील दी गई थी कि जैसे ही एक मामले में जमानत मिलती है, तुरंत दूसरी एफआईआर कर दी जाती है ताकि आरोपित जेल से बाहर न आ सकें। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि भविष्य में किसी भी एफआईआर में गिरफ्तारी से पहले सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी होगी।

पैरवी और सरकार का पक्ष

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने पैरवी की। वहीं, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने पक्ष रखा। चारों बेटों की ओर से एडवोकेट संजय वर्मा और एडवोकेट अमनदीप सिंह ने भी कोर्ट में पैरवी की।

हाजी इकबाल के भाई की अर्जी लंबित

हाजी इकबाल के भाई महमूद पर एक मामले में दोषसिद्धि होने के चलते उसकी जमानत अर्जी अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

हाजी इकबाल के चारों बेटों की रिहाई के दौरान सड़क पर जाम की नौबत आ गई। –

अवैध खनन, दबंगई और मनी लॉन्ड्रिंग… दुबई फरार सहारनपुर के हाजी इकबाल ने कैसे खड़ा कर लिया अरबों का साम्राज्य?
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मोहम्मद इकबाल उर्फ हाजी इकबाल (Haji Iqbal) की अरबों की संपत्ति को ईडी ने जब्त किया है. दरअसल, हाजी इकबाल की पिछली सरकारों में तूती बोलती थी. अवैध खनन के बूते उसने अरबों का साम्राज्य खड़ा कर दिया. इस समय माना जा रहा है कि वह अरब देश में छिपा हो सकता है. उस पर अवैध खनन, दबंगई और मनी लॉन्ड्रिंग के केस चल रहे हैं.

हाजी इकबाल पर ईडी का शिकंजा

उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के समय हाजी इकबाल उर्फ बाला (Haji Iqbal) के नाम की तूती बोलती थी. खनन के कारोबार में हाजी इकबाल का आशीर्वाद उससे जुड़े लोगों को करोड़पति बना रहा था. अब उसी हाजी इकबाल की अपराध से जुटाई संपत्ति पर कार्रवाई हो रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाजी इकबाल की 4440 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. हाजी इकबाल की पहले भी अरबों की संपत्तियां जब्त की जा चुकी. उस पर 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं.

सपा और बसपा सरकार के कार्यकाल में मोहम्मद इकबाल उर्फ हाजी इकबाल उर्फ बाला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया था. उसने करोड़ों का अवैध कारोबार फैला रखा था. खनन के अवैध कारोबार से उसने अवैध संपत्ति अर्जित की.

मई 2022 में सहारनपुर पुलिस ने हाजी इकबाल के करीबियों की 107 करोड़ की 123 संपत्तियां गैंगस्टर एक्ट में कुर्क की थी. मई 2022 में जांच हुई तो मोहम्मद इकबाल और उसके गैंग के नाम कुल 123 संपत्तियां थीं, जिनकी कीमत 364013130/- रुपये (36 करोड़ 40 लाख 13 हजार 130 रुपये) बताई गई.

ये संपत्तियां हाइवे किनारे की थीं, जिन पर बेशकीमती बाग लगे थे, लिहाजा बाजार मूल्य में इनकी कीमत बढ़कर लगभग 1069304180/- (106 करोड़ 93 लाख चार हजार एक सौ अस्सी रुपये) आंकी गई थी.

कार्रवाई से कतराती रहीं पिछली सरकारें!

उत्तर प्रदेश में हाजी इकबाल ऐसा खनन माफिया रहा है, जिस पर हाथ डालने से सरकारें कतराती रहीं. बसपा सरकार में खनन कारोबार से लेकर कौड़ियों के दाम चीनी मिल खरीदने में हाजी इकबाल की बड़ी भूमिका रही, जिससे उसने अरबों की संपत्ति बनाई. इसी संपत्ति पर सहारनपुर पुलिस ने दो साल पहले मई 2022 में कार्रवाई की थी.

2021 में भी ईडी ने की थी कार्रवाई, 1097 करोड़ की संपत्ति की थी अटैच

मार्च 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तर प्रदेश के चीनी मिल घोटाले में पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ कार्रवाई की थी. तब ईडी ने पूर्व एमएलसी की एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां अटैच की थी. यह कार्रवाई ईडी की लखनऊ जोन टीम ने की थी. यह मामला प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल का था.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में साल 2010 से लेकर 2011 तक 11 चीनी मिलें औने-पौने दामों बेची गयी थी. आरोप था कि उस डील से राज्य और केंद्र सरकार को 1,179 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

उत्तर प्रदेश में साल 2007 से लेकर 2012 के बीच मायावती शासन रहा था. इसी मामले में बीएसपी के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार से जुड़ी 1097 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर दी गयी थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की सीबीआई जांच को केंद्र सरकार को पत्र लिखा तो सीबीआई ने भी जांच शुरू की. सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस किया था.

शेल कंपनियों से 7 चीनी मिलों का किया था अधिग्रहण

जांच में सामने आया था कि नम्रता मार्केटिंग प्राईवेट लिमिटेड और गिरीशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड मौहम्मद इकबाल के नियंत्रण वाली शेल कंपनियां हैं. पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके परिवार के सदस्यों ने 2010-11 में उत्तर प्रदेश सरकार की चीनी मिलों के विनिवेश की बोली प्रक्रिया में भाग लिया था.

विभिन्न शेल कंपनियों से 7 चीनी मिलों का अधिग्रहण किया था. इसमें विभिन्न शेल कंपनियों के डमी निदेशक और फर्जी लेनदेन का पता चला था. ये शुगर मिल्स बाराबंकी, देवरिया, कुशीनगर और बरेली में स्थित हैं.

हाजी इकबाल और फैमिली ने बोली लगाकर गिरीशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सात कंपनियों, यानी एब्लेज चीनी मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, आदर्श शुगर प्राइवेट लिमिटेड, एजिल शुगर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इकोन शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, मेजेस्टी शुगर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मास्टिफ शुगर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ओकरा शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड खरीदी थी.

सहारनपुर पुलिस ने की थी कुर्की की कार्रवाई

मई 2022 में सहारनपुर पुलिस ने हाजी इकबाल की कुर्की की थी. सहारनपुर पुलिस ने राजस्व विभाग की संयुक्त टीम से मिलकर 21 करोड़ रुपए की 50 बेनामी संपत्तियां कुर्क की थी.

पुलिस ने 9 अप्रैल 2022 को हाजी इकबाल और उसके छह साथियों के खिलाफ थाना मिर्जापुर में गैंगस्टर एक्ट में केस किया था. इसमें जंगल से बड़े पैमाने पर लकड़ी की तस्करी अवैध खनन से जुड़े कारोबार और दबंगई से लोगों को डरा धमकाकर धोखाधड़ी करके सरकारी, गैर सरकारी जमीन कब्जाने का मामला सामने आया था.

हाजी इकबाल और उसके गैंग पर मुकदमें देखें तो मोहम्मद इकबाल उर्फ हाजी इकबाल उर्फ बाला पर सहारनपुर के विभिन्न थानों में 2022 में 28 केस थे. उसके बेटे अब्दुल वाहिद उर्फ वाजिद और जावेद पर लखनऊ से सहारनपुर तक 12 केस थे. तीसरे बेटे अफजाल पर 3, चौथे बेटे आलीशान पर 7 केस थे.

लखनऊ में 11 करोड़ की कोठी पर हुई थी तालाबंदी

बीते साल हाजी इकबाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में लखनऊ में 11 करोड़ की कोठी पर तालाबंदी कर दी गई थी. इसके अलावा सहारनपुर में हाजी इकबाल के घरों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. हाजी इकबाल और उनके चार बेटों पर मिर्जापुर और बेहट थानों में धमकाने और अवैध खनन के केस  हैं. जमीनों पर कब्जे और नाबालिग से दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप भी लगे थे. आरोप था कि मकानों का नक्शा तो पास हुआ था, लेकिन इसके लिए अतिक्रमण किया गया.

ईडी ने कार्रवाई को लेकर क्या कहा?

अब इस बार ईडी ने जब्त संपत्ति जब्त के बारे में कहा गया है कि हाजी इकबाल ने अवैध खनन से अर्जित 500 करोड़ रुपये से अधिक का इस्तेमाल भूमि खरीदने और विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण में किया है. इस संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य भूमि और भवन सहित 4,439 करोड़ रुपये है. ईडी का कहना है कि पूर्व एमएलसी फरार है, माना जा रहा है कि वह दुबई में है. हाजी इकबाल के चार बेटे और भाई कई मामलों में जेल में बंद रहे.

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