खरगौन दंगे: उपद्रवियों से वसूली, पीड़ितों को राहत को बना न्यायाधिकरण
खरगोन दंगों में उपद्रवियों से होगी वसूली:सरकार ने बनाया क्लेम ट्रिब्यूनल, रिटायर्ड जज शिवकुमार को बनाया अध्यक्ष; तीन महीने में मिलेगा मुआवजा
खरगोन 13 अप्रैल।खरगोन में रविवार को रामनवमी पर हुए दंगे के बाद शासन-प्रशासन एक्शन मोड में है। सांप्रदायिक दंगों से हुई सरकारी और प्राइवेट प्रॉपर्टी के नुकसान की वसूली की जाएगी। इसके लिए सरकार ने ट्रिब्यूनल का गठन किया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। रिटायर्ड डिस्ट्रिक जज शिवकुमार मिश्रा को ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष और रिटायर्ड सेक्रेटरी प्रभात पाराशर को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया है। ट्रिब्यूनल का मुख्यालय खरगोन में रहेगा। यहां लोग उपद्रवी के नुकसान के दावों से संबंधित क्लेम कर सकेंगे। प्राप्त आवेदनों पर तीन महीने में क्लेम डिक्लेयर करने होंगे।
जानें, कैसे करेगा खरगोन में हुए दंगे की सुनवाई?
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़के दंगों के बाद शिवराज सरकार ने क्लेम्स ट्रिब्यूनल का गठन किया है.कानून बनने के बाद यह पहली बार है कि किसी घटना के बाद इसका गठन किया गया है
मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone) में रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़के दंगों के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार (Shivraj government) ने क्लेम्स ट्रिब्यूनल (Claims Tribunal) का गठन किया है. कानून बनने के बाद यह पहली बार है कि किसी घटना के बाद इसका गठन किया गया है. अब यह ट्रिब्यूनल दंगे में हुए नुकसान के मामलों की सुनवाई करके भरपाई के आदेश पारित करेगा.
तीन महीने में देगा रिपोर्ट
ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए एक गजट नोटिफिकेशन मंगलवार 12 अप्रैल 2022 को जारी किया गया. अधिसूचना के अनुसार रविवार को खरगोन शहर में हुई हिंसा के दौरान हुए नुकसान के आकलन से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति वसूली अधिनियम-2021 के प्रावधानों में न्यायाधिकरण का गठन किया गया है.अधिसूचना में कहा गया है कि सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश शिवकुमार मिश्रा और राज्य सरकार के सेवानिवृत्त सचिव प्रभात पाराशर की अध्यक्षता वाला न्यायाधिकरण तीन महीने की अवधि में जांच का काम पूरा करेगा. ट्रिब्यूनल ऐसे मामलों में शामिल दंगाइयों से नुकसान की वसूली भी सुनिश्चित करेगा.
क्या है क्लेम ट्रिब्यूनल
विधि विशेषज्ञ विजय त्रिपाठी के मुताबिक देश में न्यायालयों के अलावा विषय-विशेष के लिए अलग-अलग अर्द्ध-न्यायिक संस्थाओं का गठन किया जाता है. इनके पास अपने विषय को लेकर अदालतों जैसे ही अधिकारी होते हैं, जिसमें ये आदेश दे सकते हैं. देश में इस तरह के कुल 15 स्थायी अर्द्ध-न्यायिक संस्था या ट्रिब्यूनल हैं.
दिए जाते है अदालत जैसे अधिकार
देश में स्थापित विशेष ट्रिब्यूनल के अलावा किसी अन्य विषय पर सरकारें दावे-आपत्तियों के निराकरण के लिए अपने राज्यों के कानून के हिसाब से ट्रिब्यूनल का अस्थायी रूप से गठन करती हैं. इन्हें क्लेम ट्रिब्यूनल कहते हैं. इन्हें भी अदालतों जैसे अधिकार दिए जाते हैं. इनके पास पीड़ित व्यक्ति या संस्था अपने मामले की शिकायत कर सकते हैं. ट्रिब्यूनल मामलों की सुनवाई के बाद वसूली के आदेश देने के लिए पात्र होती हैं. सेवानिवृत्त न्यायाधीश इसका अध्यक्ष होता है. जबकि मध्य प्रदेश शासन के सेवानिवृत्त सचिव सदस्य के रूप में चुने जाते हैं. सदस्यों की संख्या एक से ज्यादा हो सकता है.
मध्य प्रदेश में क्लेम ट्रिब्यूनल का मुख्यालय जिला कलेक्ट्रेट खरगोन रहेगा
मध्य प्रदेश की तो यहां खरगोन दंगे के मामले में भी क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है. प्रदेश में इस ट्रिब्यूनल का गठन ‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक- 2021’ की धारा 4 के तहत किया गया है. ट्रिब्यूनल में सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ. शिवकुमार मिश्रा को अध्यक्ष और सेवानिवृत्त सचिव मध्य प्रदेश शासन प्रभात पराशर को सदस्य नियुक्त किया गया है. इसका मुख्यालय जिला कलेक्ट्रेट खरगोन रहेगा.
दोषियों को सजा न देकर नुकसान की भरपाई का होता है फैसला
हर क्लेम ट्रिब्यूनल के गठन के समय ही उसके मूल कानून (जिसके तहत उसका गठन हो रहा है) के अनुसार नियम तय होते हैं. इसमें शिकायतकर्ता की पात्रता, आदेश का दायरा और समय सीमा तय किया जाता है. इन्हें नियमों के अंदर ही क्लेम ट्रिब्यूनल को सुनवाई और अपना फैसला देना होता है. ट्रिब्यूनल दीवानी कोर्ट की तरह काम करती है. इसमें दोषियों को सजा न देकर उनसे नुकसान की भरपाई का फैसला होता है. उत्तर प्रदेश के बाद बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में दिसंबर 2021 में ‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक- 2021’ पारित किया गया था. इसके अनुसार यह प्रदेश का पहला क्लेम ट्रिब्यूनल होगा.
कर सकेगा दोगुना तक के अवार्ड पारित
‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक- 2021’ के अनुसार सरकारी संपत्ति पर जिला कलेक्टर, कार्यालय प्रमुख और निजी संपत्ति के नुकसान पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता 30 दिन के भीतर आवेदन कर सकता है. क्लेम ट्रिब्यूनल को हर्जाना/मुआवजे का निर्धारण यथासंभव आवेदन करने के 3 माह में करना आवश्यक होगा. ट्रिब्यूनल नुकसान के 2 गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेगा.
भुगतान नहीं होने पर होगी यह कार्रवाही
ट्रिब्यूनल के अवॉर्ड पारित (नुकसान वसूली) करने के 15 दिन में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को क्लेम में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश भी देने के अधिकार हैं. 15 दिन में राशि जमा नहीं होने पर ट्रिब्यूनल कलेक्टर को बकाया की वसूली के लिए संबंधितों की चल-अचल संपत्ति की कुर्की एवं नीलामी के लिए प्रमाण-पत्र जारी कर सकते हैं. हालांकि इस अधिनियम से पुलिस की कार्रवाई बाधित नहीं होगी.
केवल उच्च न्यायालय में दी जा सकती है चुनौती
‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक- 2021’ के अनुसार ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट के अधिकार और शक्तियां होती है. क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश केवल उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है. वो भी ट्रिब्यूनल के द्वारा अवॉर्ड पारित (नुकसान वसूली या नुकसान की रकम तय करना) होने के 90 दिन के भीतर.
शहर में दूध जैसी जरूरी सेवाओं को भी आज कर्फ्यू में छूट नहीं दी गई है। सड़कों और चौक-चौराहों पर सिर्फ पुलिस नजर आ रही है। आज प्रभारी मंत्री की बैठक में तय होगा क्या-क्या ढील देना है। CM हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कानून व्यवस्था की बैठक ली। DGP ने बताया कि खरगोन दंगे में अब तक 95 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। कार्रवाई जारी है। VIDEO से भी कुछ दंगाइयों को चिह्नित किया गया है। खरगोन में 4 IPS, 15 DSP सहित RAF की कंपनी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। खरगोन दंगों में अब तक 24 FIR दर्ज की जा चुकी हैं। इसमें एक पक्ष के खिलाफ 22 तो दूसरे पक्ष पर दो एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें कुल 250 लोग शामिल हैं। उधर, साहिल खान नामक साेशल मीडिया यूजर काे आपत्तिजनक पोस्ट कर अराजकता फैलाने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
प्रशासन ने दंगा पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए सर्वे शुरू करा दिया है। नगर पालिका की ओर से पीड़ितों को आज खाना बांटा गया। अब इस मामले को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। मंगलवार को कांग्रेस का एक दल पूर्व मंत्री बाला बच्चन और सज्जन सिंह वर्मा की अगुवाई में यहां पहुंच रहा है। प्रशासन पत्थरबाजी करने वालों की धरपकड़ के साथ उनके अवैध निर्माण को भी ध्वस्त करने में जुटा है। 45 अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई छोटी मोहन टॉकीज, खसखसवाड़ी, गणेश मंदिर और तालाब चौक में की गई। इस मामले में आप अपनी राय दे सकते हैं…
नगर पालिका ने प्रभावित इलाकों में जाकर पीड़ितों को खाना बांटा
दिग्विजय सिंह ने कहा- शिवराजजी पक्षपात तो न करें
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट कर पूछा- क्या खरगोन प्रशासन ने लाठी-तलवार जैसे हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके, चाहे जिस धर्म के हों, सभी के घर पर बुलडोजर चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है। भारतीय संविधान में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। धर्म देख कर शिवराज जी कार्रवाई करना असंवैधानिक है। मैं मूल रूप से बिना नोटिस , बिना किसी को सुनें कार्रवाई के खिलाफ हूं। क्या भारत के किसी कानून या नियम में इस बुलडोजर संस्कृति का प्रावधान है? यदि आपको गैरकानूनी तरीके से बुलडोजर चलाना ही है, तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो न करें।
कॉलेज की परीक्षा स्थगित, छूटे पेपर बाद में होंगे
खरगोन में उपद्रव के बाद इंदौर संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। कलेक्टर अनुग्रहा पी. ने कर्फ्यू को देखते हुए सभी राजस्व अधिकारियों की मजिस्ट्रेट ड्यूटी लगा दी है। साथ ही खरगोन शहर में आयोजित होने वाली कक्षा 8वीं और स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। कलेक्टर ने बताया कि हालात सामान्य होने पर छूटे प्रश्न पत्र की परीक्षाएं करवाई जाएंगी।
95 उपद्रवियों को हिरासत में लिया जा चुका है। सोमवार को इनको कोर्ट में पेश किया गया।
पत्थरबाजों पर आर्थिक कार्रवाई भी
संभागायुक्त डॉक्टर शर्मा ने बताया कि पत्थरबाजी में शामिल लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक कार्रवाई की जा रही है। हिरासत में लिए लोगों से पूछताछ के बाद अतिक्रमण के मकानों और दुकानों को तोड़ा जा रहा है। छोटी मोहन टॉकीज, खसखसवाड़ी, तालाब चौक और आनंद नगर के पिछले हिस्से को चिन्हित किया गया है। अभी छोटी मोहन टॉकीज क्षेत्र में मुस्लिम दल्लू का 800 वर्ग फिट आवासीय भवन, मुक्कू उर्फ मुकीम चांद खां का 240 वर्ग फीट, खलील खां, गुलशेर खां का 340 वर्ग फीट और रियाज शेर मोहम्मद का 1000 वर्ग फीट का अतिक्रमण हटाया गया है।
एक निलंबित, तीन की सेवा समाप्त
इंदौर आयुक्त डॉक्टर शर्मा ने बताया कि रामनवमी के दौरान घटित घटनाक्रम में अफवाह फैलाने वाले नगर पालिका के 3 दैैनिक वेतनभोगी और 1 स्थायीकर्मी अकबर रफीक कामगार को निलंबित किया गया है। वहीं, 3 दैनिक वेतनभोगियों में चिराग इदरीस, मासूम कला और इज्राहीद राऊल को काम से हटा दिया गया है।
अब तक कहां कितने मकान टूटे
500 से अधिक के बल की और होगी तैनात
रक्षित निरीक्षक रेखा रावत ने बताया कि खरगोन शहर में लगे कर्फ्यू के लिए अन्य जिलों से पुलिस बल को बुलाया गया है। अब तक आरटीपीसी के 77, 13वीं वाहिनी इंदौर-ग्वालियर से 92, 1वीं वाहिनी प्रशिक्षित से 54 व इंदौर से 31 और आरपीटीसी प्रशिक्षण के 152, एसटीएफ के 65 जवानों सहित कुल 850 पुलिस बल खरगोन पहुंच चुका है। अभी अन्य जिलों से 500 से अधिक बल पहुंच रहा है।
दंगाइयों ने मुझे मारने की कोशिश की: आनंद
खरगोन में माता मंदिर में अपने परिवार के साथ सो रहे आनंद घाघरे पर दंगाइयों ने पेट्रोल बम फेंका था। इसमें उनकी पीठ जल गई थी। वे जिला अस्पताल में भर्ती थे। मंगलवार को वे पुलिस को बयान दर्ज कराने पहुंचे। उन्होंने बताया कि दंगाइयों ने उन्हें चारों ओर से घेरकर मारने की कोशिश की। बीयर की बोतल में उन्होंने पेट्रोल बम बना रखा था। पेट्रोल बम मेरी पीठ पर जा लगा। मेरा परिवार खौफ में है। घर में कुछ नहीं बचा। खाने की दिक्कत है। ऐसे में हम कहां जाए समझ नहीं आ रहा है।