TRP SCAM,अर्णव /महाराष्ट्र सरकार की मूंछों की लडाई में फंसा CEO

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TRP Scam: ‘मूंछ की लड़ाई में CEO सैंडविच बन गया’, रिपब्लिक के वकील ने मुंबई पुलिस पर कोर्ट में लगाए आरोप
सुनील मेहरोत्रा |
TRP Scam Case News Updates: फर्जी टीआरपी केस (TRP Scam Case) में रविवार सुबह रिपब्लिक टीवी के CEO विकास खानचंदानी (Vikas Khanchandani) को गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें किला कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया। उस दौरान रिपब्लिक टीवी के वकील की तरफ से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए।
हाइलाइट्स:
फर्जी टीआरपी केस में रविवार को रिपब्लिक टीवी के CEO विकास खानचंदानी को गिरफ्तार किया गया
किला कोर्ट में रिपब्लिक टीवी के वकील ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
वकील ने कहा- महाराष्ट्र सरकार और अर्णब के बीच विवाद, इसलिए रिपब्लिक को किया जा रहा टारगेट

मुंबई13 दिसंबर। टीआरपी केस (TRP Scam Case) में रविवार सुबह रिपब्लिक टीवी के CEO विकास खानचंदानी (Vikas Khanchandani) को गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें किला कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया। उस दौरान रिपब्लिक टीवी के वकील की तरफ से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए।
फर्जी टीआरपी केस में एफआईआर 6 अक्टूबर को दायर हुई थी। 24 नवंबर को इस केस की जांच कर रही क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) ने 1400 पन्नों की चार्जशीट दायर की । रिपब्लिक टीवी के वकील की तरफ से कहा गया कि इस चार्जशीट में विकास खानचंदानी का नाम वॉन्टेड आरोपी के तौर पर कहीं नहीं लिखा गया। न ही आरोपपत्र में यह बताया गया था कि टीआरपी केस में उनकी भूमिका क्या है? वकील की तरफ से कहा गया कि खानचंदानी को इस केस में जब भी समन भेजे गए, वह जांच टीम के सामने पेश हुए। खानचंदानी ने CIU अधिकारियों को अपना मोबाइल व लैपटॉप पहले ही दे दिया था। उनका एक मोबाइल खो गया था, उस बारे में भी खानचंदानी ने लिखित में CIU को सूचित किया था।

रिपब्लिक को टारगेट किया जा रहा

वकील ने कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र सरकार और अर्णब के बीच विवाद चल रहा है, इसलिए रिपब्लिक को टारगेट किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार अर्णब से इसलिए नाराज है, क्योंकि उन्होंने पालघर मॉब लिचिंग और बांद्रा स्टेशन पर जमा भीड़ को लेकर आवाज उठाई थी। इसी के बाद अर्णब के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी शुरू हुईं। उन्हें विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया। अर्णब और महाराष्ट्र सरकार के बीच लड़ाई राजनीतिक हो गई। सुशांत सिंह केस के बाद यह और बढ़ गई। अर्णब इस दौरान पुलिस और सरकार की कार्रवाईयों के खिलाफ कोर्ट गए। वहां से उनके पक्ष में फैसले आए। इससे महाराष्ट्र सरकार को और गुस्सा आ गया।

अर्णब और महाराष्ट्र सरकार के बीच मूंछ की लड़ाई

वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने सोचा कि असम से आया एक शख्स वरली में बैठकर सरकार की इस तरह आलोचना कैसे कर सकता है! यहां से अर्णब और महाराष्ट्र सरकार के बीच मूंछ की लड़ाई शुरू हो गई। CEO विकास खानचंदानी इसमें सैंडविच बन गए । रिपब्लिक टीवी के वकील की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि खानचंदानी का गुनाह सिर्फ सही है कि वह रिपब्लिक के लिए काम करते हैं, जोकि एक ट्रांसपेरेंट चैनल है। खानचंदानी से पहले CFO प्रिया मुखर्जी को मुंबई पुलिस द्वारा टारगेट किया गया। प्रिया को बाद में कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई।

रिपब्लिक टीवी को महाराष्ट्र में चलने नहीं देना चाहती महाराष्ट्र सरकार

रिपब्लिक टीवी के वकील ने कोर्ट से कहा कि CEO विकास खानचंदानी को रविवार को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी पर सोमवार को सेशन कोर्ट में सुनवाई होनी थी। मुंबई पुलिस सोमवार तक उस सुनवाई का इंतजार नहीं करना चाहती थी। पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए अपनी ताकत का दुरुपयोग किया है। मुंबई पुलिस का एटिट्यूड था कि संडे है, तो रिमांड तो मिलेगी ही। महाराष्ट्र सरकार का एटिट्यूड है कि रिपब्लिक टीवी को महाराष्ट्र में चलने ही नहीं देना है

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