टैरिफ वार सिमटा अमेरिका-चीन के बीच,भारत समेत 75 देशों को तीन माह की छूट

ट्रंप के दो बड़े ऐलान, चीन को दिया 125% का झटका, 75 देशों में बढ़े टैरिफ पर 90 दिन की रोक

US-China Tariff War: अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर अब और तेज होती नजर आ रही है. अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125 पर्सेंट कर दिया है.

अमेरिकी टैरिफ को लेकर दुनिया भर में मची खलबली के बीच देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो बड़े ऐलान किए. पहला ऐलान चीन से जारी टैरिफ वॉर को और तेज करने की. जिसमें अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है. जबकि ट्रंप का दूसरा बड़ा ऐलान सहयोगी देशों के ट्रैरिफ पर 90 दिन की रोक का है. ट्रंप ने टैरिफ के मामले में जवाबी कार्रवाई नहीं करने वाले करीब 75 देशों पर लगने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ में 90 दिन की रोक लगा दी है. ट्रंप के इन दो बड़े फैसले के बाद अमेरिकी शेयर मार्केट में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है.

ट्रंप ने कहा कि टैरिफ पर कई देशों ने सहयोग किया. इन देशों ने जवाबी कार्रवाई नहीं की. इन सहयोगी देशों पर 90 दिनों तक 10 प्रतिशत टैरिफ लगेगा. टैरिफ बढ़ाने की जो घोषणा बीते कुछ दिनों में ट्रंप ने की थी, वो इन पर लागू नहीं होगी. ट्रंप की घोषणा के अनुसार इन देशों से बातचीत बाद टैरिफ पर आगे का फैसला लिया जाएगा. लेकिन चीन की जवाबी कार्रवाई से भड़के अमेरिका ने ड्रैगन पर टैरिफ और बढ़ा दिया है.

चीन पर 125 प्रतिशत टैरिफ

अमेरिका और चीन के बीच छिड़ा टैरिफ वॉर थमता नहीं दिख रहा है. अमेरिका ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. जिसके बाद चीन ने भी 85 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की. चीन की इस घोषणा के कुछ घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर टैरिफ 104 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत करने की घोषणा की है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ट्रूथ सोशल पर इस बात की घोषणा की. ट्रंप की इस घोषणा के साथ ही दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच चल रहा टैरिफ वॉर और तेज होता नजर आ रहा है.

 

ट्रंप ने कहा- सहयोगी देशों पर 90 दिन तक 10 प्रतिशत टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के 75 से अधिक देशों को 90 दिनों की टैरिफ में छूट देने की घोषणा की है. ट्रंप ने कहा कि इन देशों ने अमेरिकी वाणिज्य विभाग, ट्रेजरी और यूएसटीआर से व्यापार और मुद्रा हेरफेर (Currency Manipulation) जैसे विषयों पर बातचीत शुरू की है. इन देशो से व्यापार पर अगले 90 दिनों तक सिर्फ 10 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाएगा.

टैरिफ पर 90 दिनों वाली रोक चीन को छोड़कर बाकी अन्य देशों पर लागू होगी. इसमें भारत सहित अन्य कई देश शामिल हैं. इन सभी देशों से बातचीत बाद अगला फैसला लिया जाएगा.

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टैरिफ लगाने के कुछ घंटे बाद अचानक कैसे पलट गए डोनाल्ड ट्रंप, जानिए इनसाइड स्टोरी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक अपनी टैरिफ नीति पर विराम लगा दिया । उन्होंने चीन छोड़कर बाकी सभी देशों को 90 दिन की छूट दे दी। उनके फैसले की भनक व्हाइट हाउस के अधिकारियों को नहीं थी। आखिर ट्रंप ने यह फैसला क्यों लिया…

मुख्य बिंदू
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक अपनी टैरिफ नीति पर रोक लगाई
उन्होंने चीन को छोड़कर बाकी देशों को 90 दिन की मोहलत दी है
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेजरी सेक्रेटरी ने उन्हें इसके लिए मनाया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ ही घंटे में अपने फैसले पर रोक लगा दी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई टैरिफ नीति लागू करने के कुछ ही घंटे में अचानक रोक दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट से इसे 90 दिन तक रोका। उनके इस फैसले से सरकार के बड़े अधिकारी भी हैरान थे क्योंकि उन्हें पहले से इसकी जानकारी नहीं थी। ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों को 90 दिन को रेसिप्रोकल टैरिफ से राहत दी है। सवाल है कि ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगाने का फैसला क्यों किया। अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने ट्रंप को अपनी नीति पर फिर से सोचने को मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बाजार में जारी उथल-पुथल, आर्थिक जोखिमों और रणनीतिक व्यापार वार्ताओं की संभावना पर जोर दिया। ट्रंप ने खुद यह दावा किया है कि दुनिया के कई देश टैरिफ रोकने को अमेरिका से बातचीत करना चाहते हैं।

रिपोर्ट के दावे के अनुसार बाजार में जारी अस्थिरता, कंपनियों की बढ़ती चिंताओं और वित्तीय विश्लेषकों की चेतावनियों के बाद टैरिफ रोकने का फैसला लिया गया। एनालिस्ट्स ने आक्रामक व्यापार नीतियों के संभावित परिणामों के बारे में बताया था। चीन समेत कई देशों पर लगाए गए शुरुआती टैरिफ से शेयर और बॉन्ड बाजारों में भारी गिरावट आई। बिजनेस लीडर्स ने इससे देश और दुनिया को होने वाले गंभीर आर्थिक नुकसान की चेतावनी दी थी। माना जा रहा था कि इससे अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी और देश मंदी की तरफ जा सकता है।

अधिकारियों की राय बंटी
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा है कि ट्रंप प्रशासन ने शुरुआत में टैरिफ को अनुकूल व्यापार सौदे हासिल करने को जरूरी बताया था। लेकिन शेयर और बॉन्ड बाजारों में आई भारी गिरावट ने व्हाइट हाउस को अपनी इस नीति पर नए सिरे से विचार करने पर मजबूर कर दिया। खबरों के मुताबिक ट्रंप अपनी नीतियों पर मीडिया कवरेज और बाजार प्रतिक्रियाओं पर बारीकी से नजर रखे थे। टैरिफ लागू होने के कुछ घंटों बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने रुख में बदलाव का फैसला किया।

रिपोर्ट के मुताबिक बेसेंट के पास लगातार चिंतित निवेशकों के फोन आ रहे थे। वह ट्रंप से एक निजी बैठक को फ्लोरिडा गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को समझाया कि टैरिफ रोकना कमजोरी का संकेत नहीं होगा। बल्कि यह व्यापारिक साझेदारों को बातचीत की टेबल पर लाने को एक सोचा-समझा कदम होगा। ट्रंप तुरंत इसको सहमत हो गए। एयर फोर्स वन से वाशिंगटन लौटने पर उन्होंने बेसेंट को नए व्यापार सौदे करने के प्रशासन के इरादे को सार्वजनिक रूप से बताने को ऑथराइज किया। व्हाइट हाउस में अधिकारियों की राय बंटी हुई थी। कुछ ने इस कदम को रणनीतिक लचीलापन माना, तो कुछ ने इसे गलत अनुमान की स्वीकृति के रूप में देखा।

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