मेधा पाटकर समेत 12 पर दान के 13 करोड़ रुपए के दुरुपयोग का मुकदमा
Medha Patkar: मेधा पाटकर के खिलाफ दर्ज हुई FIR, बच्चों के नाम पर फंड जुटाकर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करने का लगा आरोप
प्राथमिकी (FIR) में कहा गया है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रणेता मेधा पाटकर ने नर्मदा नवनिर्माण अभियान की आड़ लेकर बच्चों की शिक्षा के नाम पर निधि जुटाई थी। मेधा ने कुल 13 करोड़ रूपए इस तरह से जुटा लिए थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने उपरोक्त धन का उपयोग मौजूदा सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने में भी किया था।
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रणेता मेधा पाटकर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 में केस दर्ज किया गया है। दरअसल, उन पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षा और जनजातीय बच्चों के नाम पर जुटाए गए निधि का राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में उपयोग किया है।
विदित हो कि मध्य प्रदेश के बड़वानी में पाटकर समेत अन्य 11 के खिलाफ उक्त निधि का अनुचित उपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी के मुताबिक, वादी प्रीतम राज ने पाटकर पर शिक्षा के नाम पर 13 करोड़ रुपए हथियाने का आरोप लगाया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि 2007 से लेकर 2022 तक बच्चों की शिक्षा के नाम पर जुटाए गए निधि का कोई व्यवस्थित खाता भी उपलब्ध नहीं है।
प्राथमिकी (FIR) में कहा गया है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रणेता मेधा पाटकर ने नर्मदा नवनिर्माण अभियान की आड़ लेकर बच्चों की शिक्षा के नाम पर निधि जुटाई थी। मेधा ने कुल 13 करोड़ रूपए इस तरह से जुटा लिए थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने उपरोक्त धन का उपयोग मौजूदा सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने में भी किया था। उधर, अगर प्राथमिकी में दर्ज दूसरे अपराधियों की बात करें, तो इसमें प्रवीण रूमी जहांगीर, विजया चौहान, कैलाश अवश्य, मोहन पाटीदार, आशीष मंडलोयी, संजय जोशी का नाम दर्ज है।
बता दें कि पाटकर पर आरोप है कि उन्होंने बच्चों की शिक्षा के नाम पर जुटाए गए धन का उपयोग देश विरोधी गतिविधियों में मौजूदा सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने में भी किया है जिसे लेकर अब उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है।
दान में मिले फंड में गड़बड़ी का आरोप,12 नामांकित
एफआईआर में शिकायतकर्ता ने जांच की मांग की है. आरोप है कि 14 साल में ट्रस्टियों ने 13 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा की लेकिन इस राशि के स्रोत और व्यय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ बड़वानी थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. प्रीतम राज बड़ोले नामक युवक ने एफआईआर कराई है. एफआईआर में मेधा पाटकर समेत 12 लोगों के नाम हैं. आरोप है कि मेधा पाटकर ने सामाजिक कार्यकर्ता बताकर और नर्मदा घाटी के लोगों के कल्याण के लिए, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों को प्राथमिक स्तर की शिक्षा देने के नाम पर बड़ी मात्रा में धनराशि बतौर दान के रूप में ली लेकिन उक्त राशि का मेधा पाटकर और अन्य लोगों ने राजनीतिक और राष्ट्र विरोधी एजेंडे के लिए इस्तेमाल किया .
एफआईआर में शिकायतकर्ता ने जांच की मांग की है. आरोप है कि 14 साल में ट्रस्टियों ने 13 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा की लेकिन इस राशि के स्रोत और व्यय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया. इस राशि का इस्तेमाल स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों को भोजन कराने में किया गया. बैंक से डेढ़ करोड़ की राशि निकाली गई लेकिन निकासी का ऑडिट और खाता विवरण साफ नहीं है.
साथ ही आरोप है कि ट्रस्ट के 10 खातों में से 4 करोड़ से ज्यादा की राशि निकाली गई. ट्रस्ट ने दान के पैसों का इस्तेमाल विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का प्रबंधन करने में खर्च किया. मेधा पाटकर के निजी बचत खाते में 19 लाख से अधिक राशि जमा होने की बात बताई गई है जबकि मेधा पाटकर ने इंदौर के एक कोर्ट में सालाना 6 हजार रुपए की आय होने की बात कही थी.
मेधा पाटकर ने दी सफाई
वहीं मेधा पाटकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक पुलिस की तरफ से कोई सूचना नहीं मिली है लेकिन वह सभी आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं. मेधा पाटकर ने कहा कि आर्थिक मुद्दे को लेकर अगर शिकायत है तो हमारे पास ऑडिट रिपोर्ट भी मौजूद है. मेधा पाटकर ने कहा कि हमारे अकाउंट्स का ऑडिट होता रहता है और आगे भी हम जवाब देने के लिए तैयार हैं. मेधा पाटकर ने कहा कि शिकायतकर्ता एबीवीपी और आरएसएस से जुड़ा है.
मेधा पाटकर ने कहा कि शिकायत के पीछे राजनीतिक कारण हो सकता है. एफआईआर कराकर बदनाम करने की साजिश भी हो सकती हैै।
अब ऐसी स्थिति में देखना होगा कि पुलिस की जांच के उपरांत क्या कुछ जानकारी आगामी दिनों में सतह पर आती है।