कानूनी संरक्षण खत्म होते ही ट्वीटर पर पहला मुकदमा उप्र में,कई पत्रकार-नेता भी फंसे
twiter FIR News: गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई पर ‘फेक न्यूज’, जानिए FIR में किस-किस के नाम
गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग पिटाई मामले में गलत खबर फैलाने के आरोप में पुलिस ने ट्विटर समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें मोहम्मद जुबैर, राना अयूब, द वायर, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, समा मोहम्मद, सबा नकवी, ट्विटर Inc और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
हाइलाइट्स:
गाजियाबाद मामले में भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR
सभी आरोपितों पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप, गाजियाबाद के लोनी इलाके का मामला
मोहम्मद जुबैर, राना अयूब, द वायर, सलमान निजामी, ट्विटर Inc समेत 9 लोगों के नाम FIR में शामिल
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गाजियाबाद 16 जून।गाजियाबाद के लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। ट्विटर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है। इससे पहले इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर सवाल किया था जिस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पलटवार कर हिदायत दी थी कि यूपी को बदनाम न करें।
एफआईआर में इनके नाम शामिल
इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने बयान जारी करने के बाद बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने देर रात ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ फेक न्यूज और धार्मिक भावना भड़काने के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनमें मोहम्मद जुबैर (को फाउंडर ALT न्यूज), राना अयूब (वरिष्ठ पत्रकार, गुजरात फाइल्स की लेखक), द वायर (न्यूज वेबसाइट), सलमान निजामी (कांग्रेस नेता), मसकूर उस्मानी (कांग्रेस नेता), समा मोहम्मद (कांग्रेस प्रवक्ता), सबा नकवी (वरिष्ठ पत्रकार), ट्विटर Inc और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
Ghaziabad FIR Copy
इन पर क्या हैं आरोप?
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि एफआईआर में जो आरोपी शामिल हैं वे वरिष्ठ पत्रकार और नेता हैं। इन्होंने जानबूझकर बिना किसी तथ्यों की जांच व सत्यापन किए झूठी, भ्रमित करने वाली और गलत सूचना पोस्ट की। इनका उद्देश्य दो धार्मिक संप्रदाय के लोगों के बीच शत्रुता, नफरत पैदा करना था।
ट्विटर पर क्या है आरोप, किन धाराओं पर हुआ ऐक्शन?
एफआईआर में लिखा गया कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट्स डिलीट नहीं किए जिसके कारण धार्मिक तनाव बढ़ा है। इसके अलावा ट्विटर इंडिया और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (TCIPL) की ओर से भी उन ट्वीट को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153 ए, 295ए, 505, 120 बी, और 34 में एफआईआर दर्ज की गई है।
पिटाई मामले में पुलिस की जांच में क्या आया?
गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि मामले की प्रारंभिक जांच में यह मिला कि जिन शरारती तत्वों ने घटना को अंजाम दिया वे पीड़ित के ही परिचित थे। पीड़ित ने उन्हें ताबीज बेचे थे और सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। जब उन ताबीजों ने काम नहीं किया तो शरारती तत्वों ने गुस्से में पीट दिया। इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
बुजुर्ग मारपीट केस: गिरफ्तारियों से पहले हो गई कल्लू और आदिल की जमानत
गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में हुई बुजुर्ग के साथ मारपीट वायरल वीडियो मामले में अभी तक सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार भी नहीं किया गया था तो वहीं इस मामले में गिरफ्तार किए गए आदिल और कल्लू दोनों अभियुक्तों की हुई जमानत.
गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में हुई बुजुर्ग के साथ मारपीट वायरल वीडियो मामले में अभी तक सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार भी नहीं किया गया था तो वहीं इस मामले में गिरफ्तार किए गए आदिल और कल्लू दोनों अभियुक्तों की हुई जमानत. मुख्य अभियुक्त प्रवेश गुर्जर अभी भी जेल में है. लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा राहुल गांधी , असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर करने के लिए लोनी बॉर्डर थाने में दी तहरीर. लोनी में बुजुर्ग की पिटाई मामले में सामाजिक सौहार्द खराब करने के उद्देश्य से ट्वीट करने का लगाया आरोप.
इससे पहले गाजियाबाद पुलिस ने कहा था कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच की गई. सोशल मीडिया पर बुज़ुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता, दाढ़ी काटने के वायरल वीडियो की जांच में यह पाया गया कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर के बेहटा आया था. अब्दुल समद वहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपी प्रवेश गुज्जर के घर बंथला गया था. पुलिस के मुताबिक परवेश के घर पर कुछ समय में कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आदि लड़के आ गए और परवेश के साथ मिलकर अब्दुल समद के साथ मारपीट शुरु कर दिया. उनके मुताबिक अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है और उसके दिए ताबीज से उनके परिवार पर उल्टा असर हुआ था. इस वजह से उन्होंने ये कार्य किया.
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक अब्दुल समद और प्रवेश, आदिल, कल्लू एक दूसरे से पहले से ही परिचित थे. अब्दुल समद ने गांव में कई लोगों को ताबीज दिए थे. पुलिस ने ये भी बताया था कि इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर मुख्य अभियुक्त प्रवेश गुज्जर, कल्लू और आदिल को गिरफ्तार कर लिया है. बता दे कि इस मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है और गलत तथ्य के साथ बुजुर्ग से मारपीट के वायरल विडियो मामले में ट्वीटर समेत 11 पर मुकदमा हुआ है. अन्य पर जांच अभी भी जारी है, ट्वीटर पर विडियो में गलत तथ्य की जानकारी के बाद विडियो को नही हटाने का आरोप है.
जानिए क्या है पूरा मामला
सोमवार को गाजियाबाद से एक बुजुर्ग शख्स का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में दिख रहा है कि बुजुर्ग शख्स मारने वालों के आगे हाथ जोड़ रहा है लेकिन वो उसकी नहीं सुन रहे। आरोपी, बुजुर्ग की पिटाई करते जा रहे हैं। घटना का वीडियो वायरल हुआ तो मंगलवार को पीड़ित का एक और वीडियो ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा।
इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने पीड़ित से धर्म विशेष के नारे लगवाए। इसे माहौल बिगाड़ने की साजिश मानते हुए पुलिस ने वीडियो वायरल करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
गाजियाबाद पुलिस की जांच में सामने आई ये बात
गाजियाबाद पुलिस ने इस घटना के बार में जानकारी देते हुए कहा, ‘सोशल मीडिया पर बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के वायरल वीडियो के संबंध में जांच करने पर पाया कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से बेहटा, लोनी बॉर्डर आए थे। जहां से एक दूसरे शख्स के साथ परवेश गुज्जर के घर बंथला, लोनी गए थे।’ पुलिस ने आगे बताया कि परवेश के घर पर बाकी लड़के कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद वगैरह आ गए और परवेश के साथ मिलकर बुजुर्ग से मारपीट शुरू कर दी।
राहुल के ट्वीट पर योगी का निशाना
इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच भी ट्विटर पर गहमागहमी हो गई। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।’ इस पर सीएम योगी ने पलटवार करते हुए लिखा था, ‘प्रभु श्री राम की पहली सीख है-सत्य बोलना जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।