बिहार से दो गिरफ्तारियां,रिलायंस ज्वैलर्स का लुटेरा गिरोह क्यों लग रहा है बिहार का?
Reliance jeweller Robbery In Dehradun: Doon Police Has Moved Closer To The Revelations In The
Robbery In Dehradun: बदमाशों को फंडिंग और वाहन उपलब्ध कराने वाले दो आरोपित बिहार से गिरफ्तार
राज्य स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति की दून में मौजूदगी के दौरान हथियार बंद बदमाशों ने राजपुर रोड स्थित रिलायंस के ज्वेलरी शो-रूम में लूट की घटना को अंजाम दिया था।
Robbery In Dehradun: Doon Police has moved closer to the revelations in the
देहरादून 16 नवंबर। राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेल्स में नौ नवम्बर को हुई करोड़ों की लूट मामले में दून पुलिस खुलासे के करीब बढ़ गई है। दून पुलिस ने बिहार से दून में लूट की घटना करने वाले बदमाशों को फंडिग, मोबाइल, वाहन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बिहार में जिस हाइड आउट कंट्रोल हाउस से पूरा गैंग संचालित होता है, उसमें दबिश देकर घटना में शामिल बदमाशों के बारे में महत्वपूर्ण सुबूत जुटा लिए हैं। दून पुलिस की अलग-अलग टीमें मध्यप्रदेश, बिहार में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।
दरअसल, राज्य स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति की दून में मौजूदगी के दौरान हथियार बंद बदमाशों ने राजपुर रोड स्थित रिलायंस के ज्वेलरी शो-रूम में लूट की घटना को अंजाम दिया था। बदमाश यहां से करीब 14 करोड़ के ज्वेलरी लेकर फरार हो गए थे। घटना के दिन से ही दून पुलिस लगातार बदमाशों की धरपकड़ में जुटी है। दून पुलिस की विभिन्न टीमें बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों में डेरा डाले हुए है और लगातार बदमाशों की धरपकड़ के लिए दबिश दे रही है।
बुधवार को पुलिस को बड़ी सफलता भी हाथ लगी है। पुलिस ने बिहार से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक अमृत ने लूट में शामिल बदमाशों को फंडिंग की थी। जबकि गिरफ्तार दूसरे आरोपी विशाल कुमार ने बदमाशों को कपडे, वाहन, टोपी, मोबाइल, वर्चुअल फोन उपलब्ध कराए थे। गिरफ्तार अमृत का कनेक्शन अंबाला में गिरफ्तार आरोपी रोहित जो पश्चिम बंगाल में लूट की घटना में शामिल था उसके साथ मिला था। पुलिस अब न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड लेकर पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को दून लेकर आएगी।
घटना में करते हैं वर्चुअल फोन, पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल.
सुबोध गिरोह लूट की घटनाओं को बड़े शातिराना तरीके से अंजाम देता है। गिरोह के सदस्य घटना में वर्चुअल फोन और पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करते हैं। जैमर के कारण घटना स्थल के आसपास फोन काम नहीं करते हैं। जबकि वर्चुअल फोन के माध्यम से गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस कर पाना मुश्किल हो जाता है। बिहार से गिरफ्तार विशाल यह सामान गैंग के सदस्यों को उपलब्ध करवाता था। कटनी (मध्य प्रदेश) तथा सांगली (वेस्ट बंगाल) की घटनाओं में भी आरोपियों ने पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल किया था।
ओएलएक्स या चोरी गाड़ियों का करते हैं घटना में इस्तेमाल
सुबोध गैंग के सदस्य घटनाओं को करने के लिए या तो चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं या फर्जी आईडी पर ओएलक्स से गाड़ियां खरीद कर उन गाड़ियों से घटनाओं का अंजाम देते हैं। देहरादून में आरोपियों ने चोरी की वाहनों का इस्तेमाल किया गया था। जबकि लातूर व कटनी में ओएलएक्स के माध्यम से फर्जी आईडी पर गाड़ियां खरीदी गईं थीं।
फर्जी आईडी पर पश्चिम बंगाल और बिहार से खरीदते हैं सिम
घटनाओं के दौरान आपस में संपर्क करने के लिए गैंग के सदस्य पश्चिम बंगाल तथा बिहार से ही फर्जी आईडी पर सिम खरीदते हैं। जिन्हे घटना के बाद नष्ट कर दिया जाता है।
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देहरादून में डकैती: मन्नुपुरम को छोड़कर अब चुना रिलायंस ज्वैलरी शोरूम, देश में हुई कई वारदातें
क्रिकेट का शौकीन है गोल्ड लूट गैंग का मास्टरमाइंड सुबोध:पटना की जेल में जीतने-हारने वालों को इनाम में देता सोने की अंगूठी और ब्रेसलेट
देश के 5 राज्यों में 300 किलोग्राम सोना लूटने वाले गैंग का मास्टरमाइंड सुबोध सिंह 5 साल से पटना की बेउर जेल में बंद है। उसके गैंग में 200 बदमाश बतायें जाते हैं। जेल में उसे सब बबुआ जी कहते हैं। सुबोध क्रिकेट का शौकीन है। क्रिकेट देखना, क्रिकेट खेलना उसे काफी पसंद है। जेल में होने वाले क्रिकेट में जीत या हार के बाद इनाम बांटना सुबोध की आदत है। इनाम भी साधारण नहीं होता है। इनाम में महंगे जूते…सोने का चेन या सोने की ब्रेसलेट देता है।
लुटेरों ने देहरादून में उत्तराखण्ड पुलिस को चुनौती देते हुए तब दिनदहाड़े राजधानी के शानदार राजपुर रोड पर रिलायंस ज्वैलर्स शोरूम से 20 करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण तब लूट लिये जब यहां राष्ट्रपति की उपस्थिति के कारण सुरक्षा कड़ी थी। लेकिन पुलिस ने देश के और शहरों में ऐसी ही लूट के बाद लोगों को शोर मचाने से रोकने को शोरूम कर्मचारियों के मुंह पर टेप चिपकाया था। लेकिन बदमाशों ने यहां देहरादून की लूट में लोगों को चुप रहने को टेप का इस्तेमाल नहीं किया। इन घटनाओं में अब तक किसी भी राज्य की पुलिस ने कोई बदमाश नहीं पकड़ा है। यह बिहार के एक गैंग का काम हो सकता है।
रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी देश के कई शहरों में इन शोरूम को निशाना बना चुके हैं। हर वारदात का तरीका लगभग एक जैसा था। यहां जिस तरह की प्लास्टिक केबल टाई से कर्मियों के हाथ बांधे गए थे ऐसी ही टाइ का प्रयोग अन्य शहरों में भी हुआ। अन्य जगहों पर मुंह पर टेप लगाई गई। लेकिन, बदमाशों ने यहां टेप का इस्तेमाल नहीं किया। इन घटनाओं में अब तक किसी भी राज्य की पुलिस ने कोई बदमाश नहीं पकड़ा है। यह बिहार की एक गैंग का काम हो सकता है। ये वही गैंग है जिसने मन्नुपुरम गोल्ड लोन कंपनी में कई लूट की थी।
रिलायंस ज्वैलरी शोरूम को इस साल में ही तीन जगहों पर निशाना बनाया जा चुका है। इनमें पश्चिम बंगाल के रायगंज में 14 अप्रैल 2023 को इसी अंदाज में छह सशस्त्र बदमाशों ने डकैती डाली थी। इस घटना में बदमाशों ने कर्मियों के हाथ प्लास्टिक केबल टाई से बांधे थे। इसके अलावा पांच जून 2023 को महाराष्ट्र के शांगली में भी रिलायंस के ज्वैलरी शोरूम में सात बदमाश घुसे और कर्मचारियों को प्लास्टिक केबल टाई का इस्तेमाल लिया। इसके अलावा एक घटना ओडिसा में भी हुई। यही नहीं एक घटना बुधवार को हरियाणा के यमुनानगर में भी हुई। लेकिन, इसमें बदमाश सफल नहीं हो पाए।
इसमें बिहार की एक गैंग का हाथ माना जा रहा है। हैरानी की बात है कि रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में हुई अब तक की इन वारदातों में कभी कोई बदमाश पकड़ा नहीं गया। बताया जा रहा है कि यह बिहार का वही गैंग है जो मन्नुपुरम गोल्ड लोन कंपनी या इसके जैसी कंपनी में लूट और डकैती की घटनाओं को अंजाम देता था। समय के साथ इन कंपनी ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजूबत कर लिया तो इस गैंग ने इन्हें लूटना बंद कर दिया। अब इनका निशाना रिलायंस ज्वैलरी शोरूम बन रहे हैं।
गार्ड के पास नहीं था हथियार
जिस शोरूम में बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया वहां पर गार्ड तो मौजूद था। गार्ड भी पूर्व फौजी है। मगर, उसके पास कोई हथियार नहीं है। बताया जा रहा है कि कंपनी हथियार वाले गार्ड को रखती ही नहीं है। यही नहीं यहां पर गोल्ड लोन कंपनी जैसे बड़े लॉकर भी नहीं बने हैं। शायद एक लंबी रेकी के बाद बदमाशों ने इस तरह से घटना को अंजाम दिया है।
जेल में बैठकर भाड़े के लुटेरों से घटनाएं करवाता है सरगना
बिहार की इस गैंग का सरगना सुबोध जेल में बंद है। उसे मन्नुपुरम गोल्ड लोन कंपनी के यहां डकैती के आरोप में पकड़ा गया था। तब से वह जेल के भीतर से ही भाड़े के लुटेरों से वारदात कराता है। इसके लिए उन्हें लूटे गए माल का हिस्सा नहीं बल्कि एक सैलरी की तरह पैसे दिए जाते हैं। जिस तरह बिहार और झारखंड में साइबर ठगों की पाठशालाएं चलती हैं उसी तरह सुबोध एक ट्रेनिंग स्कूल भी एक जिले में चलवाता है। उन्हें यहां इसी तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। अलग-अलग लोगों को यह काम दिया जाता है। ऐसे में यदि कोई पकड़ा भी गया तो वह दूसरे व्यक्ति का नाम तक नहीं बता पाता। इससे पुलिस की जांच एकाएक रुक जाती है। ये बाकायदा कुछ लोगों को शोरूम में लंबी रैकी करने के लिए भेजते हैं।