नमाज़ और ईद-उल-मिलाद जुलूस में आत्मघाती हमले, पाक में दो पुलिस अफसरों समेत 56 मरे
पाकिस्तान में एक दिन में 2 फिदायीन हमले, 56 मौतें:नमाज और ईद-ए-मिलाद के जुलूस में हुए धमाके; बलूचिस्तान में ही 52 की जान गई
आत्मघाती हमले में घायल हुए लोगों को मस्तुंग के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सुसाइड ब्लास्ट में मरने वालों में एक पुलिस अफसर भी शामिल है।
मस्जिद के मलबे में 30-40 लोगों के दबे होने की आशंका है।
इस्लामाबाद 29 सितंबर। पाकिस्तान में शुक्रवार को 2 जगहों पर 2 ब्लास्ट हुए। पहला धमाका बलूचिस्तान के मस्तुंग शहर में एक मस्जिद के पास आत्मघाती हमला से हुआ। इसमें एक DSP समेत 52 लोगों की मौत हुई, 92 लोग घायल हैं। हमले के वक्त लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी जुलूस को इकट्ठा हो रहे थे।
दूसरा धमाका खैबर पख्तूनख्वा के हंगू शहर की मस्जिद में हुआ। ये भी फिदायीन हमला था। पाकिस्तानी ‘न्यूज इंटरनेशनल’ के मुताबिक,यहां पुलिस अफसर समेत 4 की मौत हुई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा- मस्जिद में लोग नमाज को जमा हुए तभी धमाका हुआ। इससे मस्जिद की छत गिर गई। 30-40 लोग मलबे में दबे हैं। 12 लोग बचाये जा चुके हैं।
पहले मैप के जरिए देखें धमाके कहां हुए…
बलूचिस्तान में 3 दिन का शोक
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने पूरे प्रांत में 3 दिन के शोक का ऐलान किया है। हमला बलूचिस्तान में एक्टिव आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP से जोड़कर देखा गया लेकिन TTP ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया । उसके अनुसार हम मस्जिद और पब्लिक गैदरिंग को निशाना नहीं बनाते। उन्होंने इस हमले की निंदा की है।
बलूचिस्तान में हुए धमाके की तस्वीरें देखें…
सुसाइड ब्लास्ट में मरने वालों में एक पुलिस अफसर भी शामिल है।
जरूरत पड़ने पर घायलों को कराची शिफ्ट किया जाएगा।
बलूचिस्तान धमाके में घायल लोगों का इलाज करवाएगी सरकार
पहला धमाका बलूचिस्तान के मस्तुंग शहर में हुआ। यहां असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि ब्लास्ट DSP नवाज गिशकोरी की कार के पास हुआ। हमले में जिस पुलिस ऑफिसर की मौत हुई है वो DSP नवाज ही हैं।
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जन अचकजई ने बताया कि सभी घायल अस्पताल भेजे गये हैं। जरूरत पड़ी तो उन्हें कराची शिफ्ट किया जाएगा। घायलों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
अब खैबर पख्तूनख्वा में हुए धमाके की तस्वीरें देखें…
धमाके के बाद मस्जिद की छत गिर गई। मलबे में 30-40 लोग दबे हैं।
मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
खैबर में पुलिस ने एक धमाका रोका
पहले खबर थी कि हंगू शहर में दो धमाके हुए। एक पुलिस स्टेशन के बाहर और एक मस्जिद के अंदर। अब पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पुलिस स्टेशन के बाहर धमाका नहीं हुआ। वहां पुलिस अफसरों ने धमाके से पहले ही स्टेशन में घुस रहा आतंकी मार गिराया।
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस अधिकारियों ने कहा- दो आतंकी पुलिस स्टेशन में घुसने की कोशिश कर रहे थे। एक हमने मार गिराया और दूसरा भाग गया। भागने वाला ये आतंकी सुसाइड बॉम्बर था,जिसने पास की मस्जिद में हमला कर दिया।
सूचना मंत्री बोले- विदेशी ताकतों की मदद से बलूचिस्तान में शांति भंग कर रहे दुश्मन
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा- हमारी दुश्मन विदेशी ताकतों की मदद से बलूचिस्तान में धार्मिक जगहों को निशाना बनाकर शांति भंग करना चाहते हैं। ये हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। बलूचिस्तान में सरकार के मंत्रियों और दूसरे नेताओं ने हमले की निंदा की ।
दरअसल, बलूचिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) की हुकूमत चलती है। यह संगठन पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहा है। बलूचिस्तान के नागरिक 1947-1948 से ही खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते। इसके बावजूद ये प्रांत किसी तरह पाकिस्तान के नक्शे पर मौजूद रहा। इन्हें दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता रहा।
पंजाब, सिंध या खैबर पख्तूनख्वा की तरह उन्हें कभी अपने जायज हक भी नहीं मिले। वक्त गुजरता रहा और इसके साथ ही इनका गुस्सा भी बढ़ता गया।
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पाकिस्तान के PM, राष्ट्रपति ने हमले की निंदा की
पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ ने भी मस्जिद के पास हुए हमले की निंदा करते हुए अधिकारियों को घायलों को हरसंभव मदद पहुंचाने का आदेश दिया । राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दुख जताया है।
कल TTP के हमले में मारे गए थे 4 सैनिक
28 सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों में झड़प हो गई थी।इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने बयान जारी करते हुए कहा कि झड़प में 4 सैनिकों की मौत हुई। आतंकी अफगानिस्तान से पाकिस्तान में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।
अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता आने के बाद पाकिस्तान में आतंक बढ़ा
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आंतकी संगठन TTP को मजबूती मिली है। आतंकवाद की फैक्ट्री पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान सबसे खतरनाक माना जाता है।इसी ने मलाला यूसुफजई पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसी ने पेशावर में सैनिक स्कूल पर हमला करके 114 बच्चे मार दिये थे।
दरअसल, पाकिस्तानी तालिबान की जड़ें जमना उसी वक्त शुरू हो गई थीं, जब 2002 में अमेरिकी कार्रवाई के बाद अफगानिस्तान से भागकर कई आतंकी पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छुपे थे। इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई तो स्वात घाटी में पाकिस्तानी आर्मी का विरोध होने लगा। कबाइली इलाकों में कई विद्रोही गुट पनपने लगे।
ऐसे में दिसंबर 2007 को बेतुल्लाह महसूद की अगुआई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया। शॉर्ट में इसे TTP या फिर पाकिस्तानी तालिबान कहते है। यह अफगानिस्तान के तालिबान संगठन से अलग है, लेकिन इरादे करीब-करीब एक जैसे हैं। दोनों ही संगठन शरिया कानून चाहते हैं।
पाकिस्तान की मस्जिद में फिदायीन हमला, 88 पुलिसकर्मियों की मौत: 500 नमाजियों के बीच हमलावर ने खुद को उड़ाया, तालिबान ने ली जिम्मेदारी
इसी साल के शुरू में पाकिस्तान के पेशावर शहर में पुलिस लाइन्स में बनी मस्जिद में फिदायीन हमला हुआ। एक चश्मदीद ने कहा- दोपहर की नमाज के वक्त मस्जिद में करीब 500 लोग मौजूद थे। फिदायीन हमलावर बीच की एक लाइन में मौजूद था। यह साफ नहीं हो सका कि वो पुलिस लाइन्स पहुंचा कैसे, क्योंकि अंदर जाने के लिए गेट पास दिखाना होता है।