दो दुष्कर्मियों को 20 और 25 साल की कैद, आर्थिक दंड भी
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दून में नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 25 साल की कैद, हरिद्वार में भी बच्ची से रेप में 25 साल की सजा
देहरादून 23 दिसंबर। 18 अक्तूबर 2020 को एक महिला ने डोईवाला पुलिस को शिकायत की थी। बताया था कि उसका पति पांच-छह महीने पहले कहीं चला गया। इसके बाद वह अपनी 15 साल की बेटी को लेकर डोईवाला निवासी व्यक्ति के साथ रहने लगी। शुरुआत से ही उक्त व्यक्ति की उसकी बेटी पर गंदी नजर थी।
(सांकेतिक तस्वीर)
नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को स्पेशल पॉक्सो जज मीना देऊपा की अदालत ने 25 साल के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया, जिसमें से 40 हजार रुपये पीड़िता को अदा किए जाएंगे। दोषी को न्यायालय परिसर से हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि 18 अक्तूबर 2020 को एक महिला ने डोईवाला पुलिस को शिकायत की थी। बताया था कि उसका पति पांच-छह महीने पहले कहीं चला गया। इसके बाद वह अपनी 15 साल की बेटी को लेकर डोईवाला निवासी व्यक्ति के साथ रहने लगी। शुरुआत से ही उक्त व्यक्ति की उसकी बेटी पर गंदी नजर थी।
वह अक्सर रात में उसकी बेटी के पास आ जाता और मुंह दबाकर दुष्कर्म करता था। कई महीनों तक उसने इसी तरह से उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। जब बेटी तंग आ गई तो उसने सारी बातें बताईं। आरोप यह भी था कि आरोपी नाबालिग को जान से मारने की धमकी भी देता था।
शिकायत पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने दो महीने बाद चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल के दौरान पुलिस की ओर से पांच गवाह प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा 11 दस्तावेजी और वस्तु साक्ष्य भी अदालत में पेश किए। इनके आधार पर अदालत ने दोषी को 25 वर्ष कैद की सजा सुनाई ।
परिवार के अन्य सदस्यों के सो जाने के बाद सौतेली बेटी से करता था दुष्कर्म
विशेष न्यायाधीश पोक्सो अपर जिला जज मीना देउपा की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को दोषी करार देते हुए 25 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।
विशेष न्यायाधीश पोक्सो अपर जिला जज मीना देउपा की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को दोषी करार देते हुए 25 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
दोषी पर 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। इसमें से 40 हजार रुपये पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति प्रदान किए जाएंगे। अर्थदंड अदा नहीं करने पर दोषी को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा के अनुसार, 17 अक्टूबर 2020 को एक महिला ने डोईवाला कोतवाली में लिखित शिकायत देकर बताया कि उसकी दो बेटियां हैं। उसका पति काम की तलाश में वर्ष 2020 में डोईवाला आया था, लेकिन घर वापस नहीं गया।
मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी
ऐसे में वह दोनों बेटियों को लेकर डोईवाला आ गई। काफी तलाश करने के बाद भी पति का पता नहीं चला तो आजीविका चलाने के लिए महिला डोईवाला में ही दिहाड़ी मजदूरी करने लगी।
इस दौरान उसकी मुलाकात एक राजमिस्त्री से हुई, जो मूल रूप से ग्राम फरसा ठांगी, जिला अररिया (बिहार) का रहने वाला है। डोईवाला में वह किराये के मकान में रहता था। नजदीकियां बढ़ने पर महिला ने राजमिस्त्री से शादी कर ली। महिला ने बताया कि राजमिस्त्री की नजर उसकी 15 वर्षीय बड़ी बेटी पर थी। वह उसके साथ अक्सर छेड़खानी करता था।
इसके बाद राजमिस्त्री रात में सभी के सो जाने पर नाबालिग को पीटने व जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। यह घटनाक्रम करीब दो माह तक चलता रहा। 17 अक्टूबर 2020 की रात जब राजमिस्त्री नाबालिग के पास गया तो पीड़ित ने उसे धक्का देकर दूर कर दिया। इस बीच उसकी मां जाग गई और पीड़ित ने पूरी घटना मां को बताई। मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।
महिला की लिखित शिकायत पर डोईवाला कोतवाली पुलिस ने राजमिस्त्री के खिलाफ 18 अक्टूबर 2020 को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में दो महीने बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया। 14 जनवरी 2021 से केस की पैरवी शुरू हुई। चार नवंबर 2022 को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया था, जो गुरुवार को सुनाया गया। दोषी राजमिस्त्री अभी जेल में है।
नाबालिग छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म के आरोपित को बीस साल की सजा
वहीं रुड़की में कक्षा दस की छात्रा को बहला-फुसलाकर उसका अपहरण करने, दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने एक आरोपित को बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, आरोपित पर चालीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने में मिलने वाली राशि में से तीस हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश सुनाया है। दो लाख रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़ित को देने का निर्णय भी अदालत ने सुनाया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चार मई 2021 को रुड़की कोतवाली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बेटी कक्षा दस की छात्रा है। उसकी बेटी का आसिफ मलिक निवासी ग्राम थिथौला कोतवाली मंगलौर ने अपहरण कर लिया है। आरोपित ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है। इस मामले में पुलिस ने आठ जुलाई 2021 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई।
इसके बाद अदालत ने पांच दिसंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। इस मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायधीश मोहम्मद सुल्तान ने आरोपित आसिफ मलिक निवासी ग्राम थिथौला को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपित पर 40 हजार का जुर्माना भी लगाया है। आरोपित गिरफ्तारी के बाद से उपकारागार में है। ऐसे में जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी। साथ ही, अदालत ने फैसला सुनाया कि पीड़िता को दो लाख रुपये प्रतिकर के रूप में दिलाया जाना न्यायोचित है। इसलिए फैसले की एक प्रति जिलाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी प्रेषित की जाए।