दो वैक्सीन के बाद कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर की सुनें आपबीती

 

एक डॉक्टर की आपबीती:वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी हो गए कोरोना संक्रमित, बताया- टीके के बाद रिकवरी हो जाती है ज्यादा आसान
भोपाल 08  अप्रैल। गांंधी मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉक्टर पुनीत टंडन ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाईं। एंटीबॉडी भी डेवलप हुईं, पर बाद में जब उन्होंने कोरोना टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि, डॉक्टर टंडन इस संक्रमण से जल्द रिकवर हो गए। उन्होंने कहा कि टीके के बाद संक्रमण का असर मामूली ही होता है और रिकवरी ज्यादा आसान हो जाती है। डॉक्टर पुनीत टंडन ने हमें अपना अनुभव बताया। पढ़िए उनकी आपबीती, उन्हीं की जुबानी…

डॉक्टर टंडन ने कहा, ‘मेरी कैंसर डायग्नोसिस (हिस्टोपैथोलॉजी) में दिलचस्पी है और मैं लॉन्ग डिस्टेंस रनर भी हूं। कोविड महामारी की शुरुआत से ही सैकड़ों हेल्थ वर्कर्स को वायरस से लड़ते हुए नजदीक से देखा। इंतजार था कि साइंटिस्ट इस वायरस से लड़ने वाली वैक्सीन ईजाद करें। ऐसा हुआ भी और वह दिन भी आया, जब फ्रंट लाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का ऐलान हुआ। 15 जनवरी को मुझे पता चला कि वैक्सीनेशन की फर्स्ट लिस्ट में मेरा भी नाम है। 16 जनवरी 2021 को मेरा वैक्सीनेशन हुआ। दूसरी डोज 24 फरवरी को लगाई गई।’

‘मैंने पहली डोज से लेकर दूसरी डोज के तीन हफ्ते बाद तक के एंटीबॉडी टेस्ट किए। दूसरी डोज के बाद शरीर में एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी थी। 30 मार्च यानी दूसरी डोज के 35वें दिन सुबह 10 किलोमीटर रनिंग प्लानिंग की। 6 किलोमीटर. रनिंग पूरी करने के बाद थोड़ी थकान महसूस हुई। हालांकि, 10 किलोमीटर. दौड़ पूरी की। जब मैंने हार्ट बीट नामी तो वो 144/मिनट थी, जबकि सामान्य तौर पर रनिंग के दौरान मेरी हार्ट बीट इससे 10-12 बीट्स/मिनट कम है। हालांकि, इसके बावजूद मैं काम पर निकल गया। देर शाम मुझे सर्दी हो गई। अगले दिन बुखार महसूस होने पर मैंने कोरोना टेस्ट करवाया तो नतीजों ने मुझे चौंका दिया।’

‘मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मैंने सोचा कि एंटीबॉडी डेवलप होने के बावजूद ऐसा कैसे हो सकता है। हालांकि, टीका बनाने वालों ने कभी यह नहीं कहा कि वैक्सीनेशन के बाद किसी को संक्रमण नहीं हो सकता। साइंटिस्ट ने कहा था कि वैक्सीन गंभीर लक्षणों से बचाएगी, लेकिन हमेशा कोविड प्रोटोकॉल को मानना होगा। शायद मैंने ही लापरवाही बरती थी। कुछ टेस्ट और आइसोलेशन की सलाह दी गई और मैंने वैसा ही किया।’

‘बीते साल महामारी में अपने दो अंकल खो चुका हूं इसलिए मेरे वृद्ध माता-पिता मुझे लेकर भी परेशान थे। हालांकि, घर पर बाकी सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई। मुझे दो दिन बुखार रहा, जो पैरासिटामॉल से तीसरे दिन ठीक हो गया। न दर्द था और न कमजोरी। टेस्ट रिपोर्ट और सीटी स्कैन भी सामान्य आया। हां, सूंघने और स्वाद की क्षमता पर थोड़ा असर था। बुखार उतरने के 4 दिन बाद मैंने फिर टेस्ट करवाया जो निगेटिव आया। हां, मैं अभी भी क्वारैंटाइन नियमों का पालन कर रहा हूं और डॉक्टर से संपर्क में हूं।’

‘मेरा अनुभव है कि वैक्सीन लगने के बाद संक्रमण हो सकता है। लेकिन यकीन मानिए कि वैक्सिनेशन के बाद संक्रमण का असर बेहद सामान्य होगा। मेरा ही केस देखें तो संक्रमण के 7वें दिन रिपोर्ट निगेटिव आई। ये वैक्सीन गंभीर संक्रमण से बचाव की अपनी क्षमता को साबित करती है। मेरी अपील है कि लोग वैक्सीनेशन के जरिए गंभीर संक्रमण से बचे रह सकते हैं। इसके साथ ही मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी जरूर है। मेरी लर्निंग तो यही कहती है।

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