समान नागरिक संहिता नियमावली मंत्रीमंडल में स्वीकार,अब जारी होगी अधिसूचना
Uttarakhand Cabinet approves UCC Manual Today will be implemented in state soon
Uttarakhand मंत्रीमंडल में समान नागरिक संहिता(यूसीसी ) नियमावली स्वीकार, मुख्यमंत्री धामी ने कहा -प्रदेश में जल्द किया जाएगा लागू
Uttarakhand Cabinet Decision: प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान मंत्रीमंडल ने नियमावली के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
देहरादून 20 जनवरी 2025 । उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) अब मात्र एक कदम दूर रह गई है। आज सोमवार को धामी मंत्रीमंडल ने समान नागरिक संहिता की नियमावली स्वीकार कर ली है। इसमें विवाह से लेकर तलाक, लिव इन रिलेशनशिप आदि के प्रमाणपत्र ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बनेंगे। दूरस्थ गांवों में इसे पहुंचाने को जनसेवा केंद्रों (सीएससी) की मदद ली जाएगी।
निर्वाचन आयोग की अनुमति बाद आज सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रीमंडल की बैठक हुई जिसमें समान नागरिक संहिता नियमावली 2025 स्वीकार की गई। इसमें विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) आदि सभी प्रावधान हैं। यूसीसी के कुशल क्रियान्वयन को अत्याधुनिक तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गई हैं।
नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए हैं जिनमें आधार आधारित सत्यापन, 22 भारतीय भाषाओं में एआई से अनुवाद, 13 से अधिक विभागों की सेवाओं (जन्म-मृत्यु पंजीकरण, जिला, उच्च न्यायालय आदि) से डाटा समन्वय तक की सुविधा उपलब्ध है।
तत्काल सेवा में पंजीकरण का अलग शुल्क
यूसीसी के विभिन्न पंजीकरण विवाह, तलाक, विवाह शून्यता, सहवासी संबंधी, वसीयत आदि होंगे। सरकार ने तत्काल त्वरित पंजीकरण को अलग से शुल्क निर्धारित किया है। सहवासी संबंधों के पंजीकरण व समाप्ति की प्रक्रिया भी सरल बनाई गई है। एक साथी की ओर से समाप्ति के आवेदन पर दूसरे की पुष्टि अनिवार्य होगी। उत्तराधिकार में वसीयत को पोर्टल पर अपलोड कर ऑनलाइन पंजीकरण एवं संशोधन, रद्दीकरण, पुनर्जीवन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
मंत्रीमंडल बैठक में ये भी हुए फैसले
– उत्तराखंड राज्यपाल सचिवालय राजपत्रित अधिकारी और निजी सचिव द्वितीय संशोधन नियमावली को मंजूरी।
– वित्त विभाग का वित्तीय अधिकारों के प्रतिनिधायन में संशोधन।
– उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय समूह ”घ” सेवा नियमावली के प्रख्यापन के संबंध में।
– 29 से 31 जुलाई 2024 तक गौरीकुंड से केदारनाथ के मध्य क्षतिग्रस्त संपत्तियों के लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग द्वारा किए गए पुनर्निर्माण के कुछ कार्यों को आपदा की दृष्टिगत अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के अधीन छूट प्रदान किए जाने का निर्णय।
प्रदेश की जनता के साथ हमारा जो वादा, संकल्प था, वह पूरा हो रहा है। जब 2022 के विधानसभा चुनाव में हम देवभूमि की जनता के बीच गए थे तो हमने उनसे वादा किया था, संकल्प लिया था कि हम समान नागरिक संहिता लाएंगे। अब देश में सबसे पहले यूसीसी लागू करने वाला राज्य देवभूमि उत्तराखंड बनने जा रहा है। हम जल्द ही इसकी तिथि की घोषणा करेंगे।
–पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
21 जनवरी को वेबपोर्टल पर पूरे प्रदेश में होगी मॉक ड्रिल
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का वेबपोर्टल 21 जनवरी को पहली बार प्रदेशभर में एक साथ उपयोग में आएगा। फिलहाल यह कवायद सरकार के अभ्यास (मॉक ड्रिल) का हिस्सा होगी। इसके बाद यूसीसी को लागू किया जा सकता है। मॉक ड्रिल में यूसीसी का प्रशिक्षण ले रहे रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में यूसीसी पोर्टल पर लॉगइन करेंगे। उसके जरिये विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशन, वसीयत आदि सेवाओं के पंजीकरण का अभ्यास करेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों को उससे संबंधित सेवाएं मिलने में कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आएगी। मॉक ड्रिल से सरकार, विशेष समिति और प्रशिक्षण टीम अपनी-अपनी तैयारियों को परख सकेंगी।
घोषणा से कानून बनने तक की यात्रा
1-12 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी की घोषणा की।
2-मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली मंत्रीमंडल बैठक में यूसीसी लाने पर फैसला।
3-मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी।
4-समिति ने 20 लाख सुझाव ऑफलाइन और ऑनलाइन प्राप्त किए।
5-2.50 लाख लोगों से समिति ने सीधा संवाद किया।
6-02 फरवरी 2024 को विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
7-06 फरवरी को विधानसभा में यूसीसी विधेयक पेश हुआ।
8-07 फरवरी को विधेयक विधानसभा से पारित हुआ।
9-राजभवन ने विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा।
10-11 मार्च को राष्ट्रपति ने यूसीसी विधेयक को अपनी मंजूरी दी।
11-यूसीसी कानून के नियम बनाने के लिए एक समिति का गठन।
12-नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली साैंपी।
13-20 जनवरी 2025 को नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली।
यूसीसी लागू होते ही आएंगे ये बदलाव
1-सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक ही कानून।
2-26 मार्च 2010 के बाद से हर दंपती को तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
3-ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, महानगर पालिका स्तर पर पंजीकरण की सुविधा।
4-पंजीकरण न कराने पर अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना।
5-पंजीकरण नहीं कराने वाले सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित रहेंगे।
6-विवाह को लड़के की न्यूनतम आयु 21 और लड़की की 18 वर्ष होगी।
7-महिलाएं भी पुरुषों के समान कारणों और अधिकारों को तलाक का आधार बना सकती हैं।
8-हलाला और इद्दत जैसी प्रथा खत्म होगी। महिला का दोबारा विवाह करने की किसी भी तरह की शर्तों पर रोक होगी।
9-कोई बिना सहमति धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का अधिकार होगा।
10-एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
11-पति-पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास रहेगी।
12-संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार होंगे।
13-जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
नाजायज बच्चों को भी दंपती की जैविक संतान माना जाएगा।
गोद लिए, सरगोसी से असिस्टेड री प्रोडेक्टिव टेक्नोलॉजी से जन्मे बच्चे जैविक संतान होंगे।
14-किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार संरक्षित रहेंगे।
15-कोई व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को वसीयत से अपनी संपत्ति दे सकता है।
16-लिव इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा।
17-युगल पंजीकरण रसीद से ही किराये0पर घर, हॉस्टल या पीजी ले सकेंगें।
18-लिव इन में पैदा होने वाले बच्चों को जायज संतान माना जाएगा और जैविक संतान के सभी अधिकार मिलेंगे।
19-लिव इन में रहने वालों को संबंध विच्छेद का भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
20-अनिवार्य पंजीकरण न कराने पर छह माह के कारावास या 25 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान होंगे।
मुख्यमंत्री धामी कह चुके हैं कि सभी प्रशिक्षण भी इस संदर्भ में पूरे किए जा चुके हैं। हम इसे लागू करने की तिथि का ऐलान करने वाले हैं।
विरोध स्वरूप मुस्लिम संगठन करेंगे कोर्ट का रुख
एक तरफ जहां उत्तराखंड में धामी सरकार समान नागरिक संहिता UCC को लागू करने की तैयारी में है वहीं दूसरी ओर मुस्लिम संगठन इसके विरोध में कोर्ट जाने की तैयारी में लगे हुए हैं।
उधर काशीपुर में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें स्थानीय निकाय चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी संदीप सहगल के सम्मुख शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन, मुस्लिम जनता को ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि 25 तक खामोश रहिए 26 जनवरी को बदला लेंगें। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस भी है और संभवतः इसी दिन उत्तराखंड सरकार UCC को लागू करने का मन बना चुकी है इस बारे में सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है, कैबिनेट बैठक भी हो चुकी है।
यूसीसी नियम, लिव इन, प्रॉपर्टी के साथ लैंड पर कठोर कानून
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर दिया जाएगा. यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से पहले जान लीजिये नियमवाली के मुख्य बिंदु
क्या बोले मुख्यमंत्री धामी: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने कहा “राज्य में सभी के लिए समान नागरिक संहिता बनाई जा रही है. इससे पूरे देश को फायदा होगा. भाजपा उत्तराखंड का विकास कर इसे देश के शीर्ष राज्यों में शामिल करना चाहती है, जबकि कांग्रेस और अन्य दल उत्तराखंड के विकास रोकने के प्रयास में हैं”
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अब तक क्या हुआ
यूसीसी पोर्टल किया गया तैयार: यूसीसी पोर्टल पर नागरिकों को शिकायतों की सुविधा भी की गई है. इसके लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिये शिकायत को ट्रैक भी किया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं.
लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर नियम: यूनिफॉर्म सिविल कोड में सबसे अधिक चर्चा लिव-इन रिलेशनशिप के नियमों को लेकर है. इसके अनुसार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर लिव-इन रिलेशन को रजिस्टर्ड करना होगा. इसको यूसीसी पोर्टल पर प्रावधान हैं. लिव-इन रिलेशनशिप में वाले कपल्स को अपने पार्टनर की पूरी जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही अपना धर्म और नंबर भी यहां उपलब्ध करवाना होगा. इससे पहले लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कोई कानून नहीं था. यूसीसी लागू होने पर उत्तराखंड में शादी भी रजिस्टर्ड करनी जरूरी होगी.
शादी करानी होगी रजिस्टर्ड: इसके साथ ही यूसीसी लागू होने के बाद शादी को लेकर भी नियम बदल जाएंगे. यूसीसी लागू होने के बाद लड़कियों की शादी की उम्र भी बढ़ाई जाएगी. इससे साथ ही इससे जुड़ी सारी जानकारी भी रजिस्टर्ड करानी होगी. उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद मुस्लिम महिलाओं को बच्चे गोद लेने का अधिकार मिलेगा. इसकी प्रक्रिया का सरलीकरण होगा. इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय के हलाला और इद्दत पर भी यूसीसी से रोक लग जाएगी.
प्रॉपर्टी को लेकर क्या कुछ नियम: यूसीसी लागू होने पर संपत्ति में बेटे और बेटी को बराबर का हिस्सा मिलेगा. यूसीसी के बाद मृतक के उस पत्नी या पति को प्रॉपर्टी नहीं मिलेगी जो संपत्ति मालिक के जीवित रहते किसी और से शादी कर ले, उन्हें उत्तराधिकारी नहीं माना जाएगा.
उत्तराखंड यूसीसी नियमावली के मुख्य बिंदु
पॉलीगैमी या बहुविवाह पर लगेगी रोक.
1-बहुविवाह पूर्ण तरीक़े से बैन केवल एक शादी होगी मान्य.
2-लिव इन रिलेशनशिप के लिए डिक्लेरेशन होगा जरूरी.
3-लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों की पूरी जानकारी देनी होगी.
4-लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए पुलिस के पास रजिस्ट्रेशन करना होगा.
5-उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर मिलेगा हिस्सा.
6-एडॉप्शन सभी के लिए होगा मान्य.
मुस्लिम महिलाओं को मिलेगा गोद लेने का अधिकार.
गोद लेने की प्रक्रिया का होगा सरलीकरण.
7-मुस्लिम समुदाय में हलाला और इद्दत पर रोक लगेगी.
8-शादी के बाद रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य.
हर शादी का गांव में ही रजिस्ट्रेशन होगा.
बिना रजिस्ट्रेशन की शादी अमान्य मानी जाएगी.
शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.
9-पति और पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे.
तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा.
10-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी.
अगर पत्नी पुनर्विवाह करती है, तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंनशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा.
11-पत्नी की मौत हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी पति की होगी.
12-गार्जियनशिप, बच्चे के अनाथ होने की सूरत में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा.
पति-पत्नी के झगड़े की सूरत में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है.
13-यूसीसी में जनसंख्या नियंत्रण का भी हो सकता है प्रावधान.
14-जनसंख्या नियंत्रण के लिए बच्चों की सीमा तय की जा सकती है
यूसीसी लागू होने के बाद क्या कुछ बदलेगा
1-समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर लगाम लगेगी.
2-किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून प्रभावित नहीं होंगे.
3-बाल और महिला अधिकारों की सुरक्षा करेगा यूसीसी
4-विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य. पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं का नहीं मिलेगा लाभ.
5-पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना होगा प्रतिबंधित.
6-सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित.
7-वैवाहिक दंपति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है, तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने और गुजारा भत्ता लेने का होगा अधिकार.
8-पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी, बच्चे की माता के पास ही रहेगी.
9-सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार होगा.
10-सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार.
11-मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक लगेगी.
12-संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा.
13-नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना जाएगा.
14-किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार मिलेगा.
15-किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया जाएगा.
16-लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा.
लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा. उस बच्चे को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे.
मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद और उसके सहयोगी संगठनों ने इस के लागू होने पर कोर्ट जाने का फैसला लिया है, सहयोगी संस्था मुस्लिम सेवा संगठन के देहरादून में हुई बैठक के बाद अध्यक्ष नईम कुरैशी ने बताया कि हम इसका विरोध करेंगे और कोर्ट जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वनवासियों को इससे बाहर रखा जा रहा है, कुछ धर्म या जातियों पर UCC थोपा जा रहा है। बहरहाल मुस्लिम संस्थाओं के बयानों के बाद उत्तराखंड का गुप्तचर विभाग सक्रिय हो गया है और वो हालात पर नजर रखे हुए है। उत्तराखंड में 23 को निकाय चुनाव होने है और 28 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ करने आ रहे हैं, इन सभी के बीच UCC को लागू करने की चर्चा भी है।
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