UKSSSC नकल:खालिद ने क्या बताया और साबिया ने क्या
UKSSSC Paper Case Khalid Take a photo of question paper and send it to his sister in toilet
प्रश्नपत्र के फोटो खींचे,शौचालय में जा भेजे बहन को
यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर बाहर आने से कई सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में पुलिस आरोपितों की धरपकड़ में लगी है। प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र से बाहर पहुंचाने के मामले में लाभान्वित खालिद मंगलवार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पिछले दो दिन से उसकी तलाश थी।
धरा गया यूकेएसएसएसी परीक्षा का लाभान्वित खालिद
यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र को हल करने के लिए खालिद ने मेहनत की जगह शॉर्टकर्ट अपनाया और अपने जाल में न खुद फंसा बल्कि बहन को भी सलाखों के पीछे पहुंचवा दिया। हरिद्वार सीआईयू कार्यालय में पूछताछ में उसने पूरा घटनाक्रम बताया।
परीक्षा वाले दिन खालिद मुख्य गेट पर चेकिंग से बचने को पीछे खेतों की तरफ बने छोटे दरवाजे से जुराब में आईफोन 12 मिनी मोबाइल लेकर हुंचा। कक्ष में पेपर के तीन पन्नों में 12 प्रश्नों फोटो खींचने में सफल हुआ और जैमर की रेंज से बाहर शौचालय में जाकर फोटो घर वाले मोबाइल पर भेजे। वहां उसकी बहन ने आगे प्रोफेसर को भेजे।
दरअसल, सीपीडब्ल्यूडी में संविदा जेई रहे खालिद मलिक (निवासी आदमपुर सुल्तानपुर कोतवाली लक्सर) की जान पहचान टिहरी गढ़वाल के अमरोडा डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन से थी। 2018 में ऋषिकेश नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर रही सुमन से उसका परिचय हुआ था। पूछताछ में खालिद मलिक ने उगला कि उसने तैयारी के समय प्रोफेसर सुमन से कहा था कि उसकी बहन यूकेएसएसएससी परीक्षा देगी। उसकी कुछ मदद कर देना। उसने ये नहीं बताया कि वह खुद परीक्षा दे रहा है।
जुराब से फोन निकालकर प्रश्न पत्र के फोटो खींच लिए
रविवार को परीक्षा केंद्र बहादरपुर जट स्थित बाल सदन इंटर कॉलेज पहुंचा तो मेन गेट पर बारीकी से चेकिंग चल रही थी। उसने आसपास से अंदर का रास्ता देखा और पीछे खेतों से एक छोटा गेट पाया। ये गेट मोबाइल लेकर अंदर पहुंचने में उसको मददगार साबित हुआ। चेकिंग से बचकर सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर खालिद छोटे गेट से अंदर पहुंच कक्ष में गया और जुराब से फोन निकालकर प्रश्नपत्र के फोटो खींच लिए। तीन पन्नों पर 12 प्रश्नों के फोटो खींच पाया। फिर जैमर की रेंज से बचे शौचालय में पहुंचकर घर वाले मोबाइल फोन के व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र के फोटो भेजे। वहां उसकी बहन साबिया ने आगे फोटो सुमन के फोन पर भेजे।
आउटसोर्स से डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर लगा था
हाल में एक अगस्त को खालिद ने आईआईपी मोहकमपुर में आउटसोर्स से डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी पाई थी। इससे पहले वह देहरादून में ही सीपीडब्ल्यूडी में संविदा अवर अभियंता रहा। दो साल पहले ही उसकी सेवा खत्म कर दी गई थी। वह लगातार प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहा था।
UKSSSC Paper Case After Khalid arrest police and commission are searching for mastermind Uttarakhand news
UKSSSC Paper Case: खालिद के पीछे कौन है दीवाना…पुलिस और आयोग मास्टरमाइंड दबोचने को बेचैन
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र से बाहर पहुंचाने के मामले में लाभान्वित खालिद मलिक दो दिन बाद मंगलवार को पकड़ा गया। उसे हरिद्वार से रात देहरादून लाया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ से साफ हुआ कि मामला पेपर लीक का नहीं है,बल्कि खालिद की परीक्षा पास कराने को कुछ लोगों के बीच रचा गया षडयंत्र था।
अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की परीक्षा में खालिद भले लाभान्वित है पर पुलिस और आयोग मास्टरमाइंड दीवाना को दबोचने को बेचैन हैं। ये अलग है कि अभी पुलिस को न खालिद का मोबाइल मिला है न ही वह कथित दीवाना।
पुलिस अधीक्षक जया बलोनी ने बताया कि साबिया के मोबाइल से मिली ऑडियो रिकॉर्डिंग में मास्टरमाइंड ने अपना नाम दीवाना बताया है। संदेह है कि उसने ही खालिद के परीक्षा केंद्र में न सिर्फ वह डिवाइस (संभवत: मोबाइल) पहुंचाई जिससे प्रश्नपत्र के स्क्रीन शॉट लिए गए बल्कि जैमर जाम कराने या खालिद को जैमर के रेंज से बाहर रखने में बड़ी भूमिका निभाई। हालांकि यह बड़ी आशंका है कि आरोपित ने साबिया को कॉल में अपना सही नाम नहीं बताया होगा।
प्रश्न पत्र के तीन पन्नों वाला स्क्रीन शॉट भेज जवाब मांगे
वह केंद्र से खालिद के मोबाइल नंबर से ही साबिया से बात कर रहा था।
साबिया ने भी प्रमाण नष्ट किए : साबिया ने पूछताछ में बताया है कि उसे पता था कि भाई खालिद परीक्षा केंद्र में है,उसका मोबाइल उसके मददगार के पास था। उस मददगार ने प्रश्नपत्र के तीन पन्नों वाला स्क्रीन शॉट भेज जवाब मांगे।
उस दौरान व्हाट्सएप कॉल पर हुई बातचीत में उसने अपना नाम दीवाना बताया। इससे ज्यादा वह उसके बारे में नहीं जानती। साफिया ने वही सवाल आगे सहायक प्रोफेसर सुमन को व्हाट्सएप पर भेजकर जवाब मंगवाए थे।
पहुंचा अधीक्षक जया ने बताया कि बाद में साफिया ने प्रश्नपत्र के फोटो डिलीट फॉर ऑल कर दिए थे, हालांकि सुमन ने उससे पहले उनका स्क्रीनशॉट ले लिया। इन तथ्यों से जाहिर हुआ कि साफिया षडयंत्र का हिस्सा थी और उसने साक्ष्य भी नष्ट किए।

