अंततः पेपर नकल की CBI जांच संस्तुति को मानी धामी सरकार

UKSSSC पेपर लीक की होगी CBI जांच,मुख्यमंत्री धामी ने कहा ‘हां’,छात्रों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड यूकेएसएसएससी पेपर लीक की सीबीआई जांच की सिफारिश की.
UKSSSC PAPER LEAK CASE
देहरादून 29 सितंबर 2025 : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक प्रकरण पर आंदोलनरत युवाओं के समर्थन में फैसला आ गया है.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद देहरादून परेड ग्राउंड धरना स्थल पर जाकर आंदोलन पर बैठे युवाओं से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सीबीआई जांच को लेकर सहमति दे दी है. पेपर लीक प्रकरण पर बड़ी संख्या में युवा पिछले 8 दिनों से देहरादून के परेड ग्राउंड धरना स्थल पर धरना दे रहे हैं. युवा, पेपर लीक की सीबीआई जांच, लिक हुए पेपर निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें सीबीआई जांच की मांग सरकार ने मान ली है.
मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि’पेपर लीक मामले में युवाओं को किसी प्रकार का कोई संदेह और अविश्वास न हो,इसके लिए सरकार मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति करेगी. इसके अलावा मामले की रिटायर्ड जज यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एसआईटी जांच जारी है जिसमें तेजी से सभी तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं.’
धरनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने आंदलनकारी युवाओं से अपील करते हुए कहा कि उनको ये पता है कि छात्र पढ़ाई के बाद किस तरह सरकारी नौकरी को तैयारी करते हैं.उनके सपने होते हैं. उन्होंने खुद ऐसी परिस्थितियां देखी हैं.

UKSSSC पेपर लीक की होगी CBI जांच (VIDEO- ANI)
मुख्यमंत्री ने युवाओं ने बातचीत में कहा कि ‘सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है,इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका मिटाने को सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है.विगत सप्ताह भी जब युवा उनसे मिले थे तो उन्होंने तभी स्पष्ट कर दिया था कि सरकार चाहती है कि युवाओं के मन में कोई अविश्वास,संदेह-शंका न रहे. इसलिए वो बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए’.

मुकदमे होंगे वापस: इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं ने वादा किया कि इस आंदोलन के दौरान यदि किसी भी युवा पर कोई मुकदमे हुए हैं, तो उन्हें वापस लिया जाएगा.मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए. बीते सालों में सरकार ने इसी संकल्प से काम किया है.चार सालों में 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की गई हैं.

इससे पहले सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया जो मामले की जांच कर रही है.अभी तक की जांच में पेपर लीक का मुख्य आरोपित खालिद के साथ ही उसकी बहन साबिया को एसआईटी पकड़ चुकी है.साथ ही इस मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन,हरिद्वार परीक्षा केंद्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट और एक एसआई समेत दो पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं.

ये है मामला: 21 सितंबर (रविवार) को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने स्नातक स्तरीय पदों को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी.परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई. लेकिन ठीक 35 मिनट बाद ही हरिद्वार के लक्सर के बहादुरपुर जट गांव के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.जिससे आयोग में हड़कंप मच गया था.
जांच में पेपर आउट करने का आरोप खालिद मलिक पर लगा. खालिद ने प्रश्न पत्र असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजे.इस मामले में खालिद की बहन साबिया की संलिप्ता भी पाई गई.खालिद ने साबिया को सुमन से उत्तरों की जानकारी लेने को कहा था.इस प्रकरण में राजकीय महाविद्यालय अगरौड़ा टिहरी में सेवारत असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन पर आरोप लगा कि उन्होंने प्रश्नपत्र बाहर आने की जानकारी पुलिस और अधिकारियों के स्थान बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों को दी जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.
इसके साथ ही जिस सेंटर से परीक्षा आउट हुआ था,वहां तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को निलंबित कर दिया गया है.केएन तिवारी ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक हैं.इसके साथ ही बहादरपुर जट में तैनात सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी पर भी गाज गिरी है,उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है.

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