UKSSSC पेपर लीक में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा केंद्र पाल, हाकम सिंह एंड कंपनी का है खास
Uksssc Paper Leak: जमानत पर बाहर आते ही विशेष कार्य बल के हत्थे चढ़ा केंद्रपाल, हाकम सिंह और अन्य आरोपियों का है खास
कुछ दिन पहले जब हाकम से पूछताछ हुई तो केंद्रपाल का नाम सामने आया था। कई दौर की पूछताछ में केंद्रपाल भी जांच के केंद्र में आने लगा था। उत्तराखंड पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ ) ने उसके ठिकाने पर छापा मारा तो पता चला कि उसने साधारण से मारपीट के मामले में जमानत तुड़वाई और बिजनौर कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
आरोपित केंद्रपाल
स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए सरेंडर करने वाला केंद्रपाल शुक्रवार को नाटकीय ढंग से एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। मारपीट के मामले में जमानत पर बाहर आते ही एसटीएफ ने उसे बिजनौर जिला जेल के बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया। वह हाकम सिंह और अन्य आरोपितों के संपर्क में था। साथ ही धामपुर में नकल सेंटर चलाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जा रही है।
कुछ दिन पहले जब हाकम से पूछताछ हुई तो केंद्रपाल नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया था। कई दौर की पूछताछ में केंद्रपाल भी जांच के केंद्र में आने लगा था। एसटीएफ ने जब दबिश दी तो पता चला कि उसने साधारण से मारपीट के मामले में जमानत तुड़वाई और बिजनौर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। इस मामले में एसटीएफ उससे पूछताछ करना चाहती थी।जेल में बंद होने के कारण नियमानुसार उससे पूछताछ नहीं हो सकी। ऐसे में एसटीएफ को इंतजार था कि वह जमानत पर बाहर आए तो उसे गिरफ्तार किया जाए। बताया जा रहा है कि एसटीएफ ने खुद ही उसकी जमानत कराने की योजना बनाई। बृहस्पतिवार को न्यायालय ने उसकी जमानत मंजूर कर दी। शुक्रवार को बिजनौर जेल में जमानत के कागज पहुंचे तो उसे कुछ देर बाद रिहा कर दिया गया।
उत्तराखंड एसटीएफ ने उसे बिजनौर जेल के बाहर से ही दबोच लिया। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि आरोपित केंद्रपाल से कई घंटे पूछताछ की गई है। उसका धामपुर में नकल सेंटर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। वह पहले से ही जगदीश गोस्वामी और जेई ललित राज के संपर्क में था। हाकम सिंह के पास उसने कई लोगों को परीक्षा में शामिल करने के लिए भेजा था।
पुलिस विशेष कार्य बल ने उप्र में डाला डेरा, होंगी कुछ और गिरफ्तारियां
स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले का जल्द पटाक्षेप हो सकता है। इसके लिए एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश में डेरा डाल दिया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोग अभी बचे हुए हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अभी तक बिजनौर का धामपुर और उत्तराखंड में उत्तरकाशी जांच के केंद्र में है। एसटीएफ इस मामले में 24 गिरफ्तारियां कर चुकी है।
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की धांधली की जांच में गिरफ्तारियों का सिलसिला एक माह से जारी है। तीन गिरफ्तारियां बिजनौर जिले के निवासियों की हुई हैं। जांच में सामने आया था कि नकल का सेंटर धामपुर में बनाया गया था। इससे पहले भी हाकम सिंह रावत कई बार धामपुर के इस सेंटर में नकल करा चुका है।
नकल सेंटर बनाया गया मकान जेई ललित राज का है। उसे भी एसटीएफ गिरफ्तार कर चुकी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि अब भी उत्तर प्रदेश की कई महत्वपूर्ण कड़ियां हैं। इन्हें जोड़ते हुए नकल माफिया को जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। आरोपितों से लंबी पूछताछ की गई है। इसमें कई लोगों के नाम सामने आए हैं। एसटीएफ की दो टीमें लगातार इनके ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
UKSSSC Paper Leak Case: परीक्षा का पेपर बेचकर टेंपो चालक से करोड़पति बन गया नकल माफिया केंद्रपाल
नकल माफिया केंद्रपाल परीक्षा का पेपर बेचकर टेंपो चालक से करोड़पति बन गया। वर्ष 2011-12 में केंद्रपाल की चंदन मनराल और हाकम सिंह से मुलाकात हुई थी। अच्छी दोस्ती होने के बाद सरकारी भर्तियों का सौदा करना शुरू कर दिया।
उत्तराखंड के हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर राजसी जीवन जीने वाला केंद्रपाल कभी टेंपो चलाता था। हाकम सिंह रावत की राह पर चलकर उसने भी पेपर बेचना शुरू किया और अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा।
केंद्रपाल वर्ष 1996 में टेंपो चलाता था। इसके बाद कुछ वर्षों तक उसने रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर और फिर कपड़ों की सप्लाई का काम किया। वर्ष 2011-2012 में वह प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह से जुड़ गया।
वर्ष 2012 में केंद्रपाल की मुलाकात पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार हो चुके चंदन मनराल से हुई।
यह मुलाकात धामपुर के एक व्यक्ति के माध्यम से हुई थी। चंदन मनराल और हाकम सिंह करीबी मित्र हैं।
वर्ष 2011-12 में ही केंद्रपाल की मुलाकात हाकम सिंह रावत से हरिद्वार के एक लेबर कांट्रेक्टर के माध्यम से हुई थी। हाकम सिंह भी हरिद्वार में रहता था।
इस तरह दोनों मित्र बन गए। हाकम सिंह रावत का केंद्रपाल के घर आना-जाना भी था।
केंद्रपाल की मुलाकात आरोपित जगदीश गोस्वामी से वर्ष 2019 में ही जागेश्वर अल्मोड़ा के एक मंदिर में हुई थी। जगदीश गोस्वामी शिक्षक होने के साथ घरों और मंदिरों में पूजा-पाठ भी कराता था। इस बीच चारों आरोपितों की एक-दूसरे से अच्छी दोस्ती हो गई। इस पर चारों ने उत्तराखंड में निकलने वाली सरकारी भर्तियों का सौदा करना शुरू कर दिया।
धामपुर में खरीदी 12 बीघा जमीन
केंद्रपाल ने पेपर लीक व नकल करवाकर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की। एसटीएफ के अनुसार, उसने कुछ समय पहले ही करीब 12 बीघा जमीन उत्तर प्रदेश के धामपुर में खरीदी थी। उसका धामपुर में एक आलीशान मकान भी है। इसके अलावा वह उत्तरकाशी के सांकरी में हाकम सिंह के साथ रिजार्ट में साझेदार भी है। उसके बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा हैं। इसके अलावा भी उसकी कुछ संपत्तियां हैं।