उमेश पाल हत्याकांड:अतीक अहमद याचिका स्थगन अनुरोध पर सुको नाराज
उमेश पाल हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की याचिका पर स्थगन अनुरोध पर नाराजगी जताई
नई दिल्ली 17 मार्च। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गैंगस्टर और समाजवादी पार्टी के नेता अतीक अहमद द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए नाराजगी व्यक्त की कि याचिकाकर्ता के वकील ने मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के सामने उल्लेख करते हुए तत्काल सूचीबद्ध करने के बाद अब स्थगन की मांग की। याचिका में विधानसभा सदस्य राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के कारण अतीक की जान को खतरा होने का दावा किया गया। उमेश पाल की 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उनके आवास के बाहर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अतीक उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में से एक है। उसे आशंका है कि उसे फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जाएगा।
जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की खंडपीठ के समक्ष जब याचिका सुनवाई के लिए आई तो अतीक के वकील ने प्रस्तुत किया कि मामले को इस तथ्य के मद्देनजर स्थगित कर दिया जाए कि वह मामले से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और तस्वीरें दाखिल करेंगे। हालांकि याचिका में नोटिस जारी नहीं किया गया, फिर भी सहायता करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज अदालत के समक्ष उपस्थित थे।
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस रस्तोगी इस पर हैरान हुए और उन्होंने अतीक के वकील से पूछा, “आप आज बहस नहीं करना चाहते हैं? हम आपको एक बात बताते हैं। ये फाइलें रात साढ़े 11 बजे हमारे ऑफिस भेजी गईं।’ वकील ने जवाब दिया, “मुझे भी रात 9:30 बजे पता चला। तब तक मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। स्टेटस 24 (मार्च) दिखाया गया था। जस्टिस रस्तोगी ने कहा, “मैं अपने ऑफिस में बैठा था, 12 या 12:15, कोई ट्रक आया … मुझे ये फाइलें खुद मिलीं। मेरा स्टाफ जा चुका था। मैं अपने स्टाफ को 12 बजे तक रोक नहीं सकता…आपने चीफ के सामने मेंशन किया था।’
उन्होंने कहा, “यदि आपको कोई अत्यावश्यकता नहीं है, तो आप हम पर बोझ क्यों डाल रहे हैं?” न्यायाधीश ने कहा कि वह आदेश में उल्लेख करेंगे कि – “मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील द्वारा किए गए एक तत्काल उल्लेख पर सूचीबद्ध किया गया था। आज जब मामला संज्ञान में आया है तो याचिकाकर्ता ने बहस करने में कुछ असमर्थता दिखाई है। मामला एक सप्ताह बाद लिस्ट किया जा रहा है।”
खंडपीठ ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर हस्तक्षेप आवेदन की अनुमति नहीं दी, क्योंकि यह राय थी कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पहले से ही पेश हो रहे थे और ‘मामला देखने में सक्षम हैं । अतीक अहमद फिलहाल गुजरात की एक जेल में बंद है। अतीक अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में उसे यूपी जेल में स्थानांतरित करने के कदम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। [केस टाइटल : अतीक अहमद बनाम भारत संघ और अन्य। डब्ल्यूपी(सीआरएल) नंबर 107/2023] TAGSUMESH PAL MURDER CASESUPREME COURT