बलिदानी कै. दीपक सिंह को चाचा ने दी हरिद्वार में मुखाग्नि
हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर बलिदानी कैप्टन दीपक सिंह का अंतिम संस्कार, चाचा ने दी मुखाग्नि, नम हुई सभी की आंखें – Martyr captain Deepak Singh last rites
बलिदानी कैप्टन दीपक सिंह का हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान लोगों ने नम आंखों से बलिदानी कैप्टन को अंतिम विदाई दी.
खड़खड़ी घाट पर बलिदानी दीपक सिंह का अंतिम संस्कार
देहरादून/हरिद्वार24अगस्त 2024 : जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी हमले में बलिदान हुए कैप्टन दीपक सिंह का हरिद्वार में अंतिम संस्कार कर दिया गया. कैप्टन को उनके चाचा शंकर सिंह ने मुखाग्नि दी. शहीद के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी हुई गाड़ी में लाया गया. सैनिक बैंड के साथ बलिदानी कैप्टन का पार्थिव शरीर खडखडी शमशान घाट में लाया गया. जहां सैनिक अधिकारियों के साथ ही सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल समेत अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. कैप्टन दीपक सिंह ने डोडा में आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
बता दें आज बलिदानी कैप्टन दीपक सिहं का पार्थिव शरीर उनके कुआंवला देहरादून स्थित घर पहुंचा था. जहां से उनके पार्थिव शरीर को हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट लाया गया. वहां पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. कैप्टन दीपक सिंह जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में आतंकवादियों से मुठभेड़ में बलिदान हुये. कैप्टन दीपक सिंह (25 वर्ष) का परिवार देहरादून के कुआंवाला निवासी हैं. उनके पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस से इसी वर्ष अप्रैल में रिटायर हुए हैं. कैप्टन दीपक सिंह दो बहनों में अकेले भाई थे. उन्होंने जून 2020 में सेवा में कमीशन पाया था. कैप्टन दीपक सिंह 48 राष्ट्रीय राइफल में सिग्नल अधिकारी थे.
अंतिम संस्कार में उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है. उन्होंने कहा कि देश की रक्षा करने वाला हर पांचवा सैनिक हमारे उत्तराखंड से होता है. अभी 1 महीने में हमारे आठ से अधिक वीरों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. आज हम उस नायक को नमन कर रहे हैं.
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने अर्पित किये पुष्पचक्र
डोडा, जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में बलिदान हुए 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचा, जहां राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए। उन्होंने ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवा निवृत्त) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बलिदानी कैप्टन के पिता श्री महेश सिंह को ढांढस बंधाया एवं राज्य सरकार के स्तर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि बलिदानी कैप्टन दीपक सिंह, वीरभूमि उत्तराखण्ड के गौरव हैं। माँ भारती की सेवा में उनका यह बलिदान युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा। देश की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हमारे वीर कैप्टन का यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस दुख की घड़ी में संपूर्ण देश व प्रदेश बलिदानी कैप्टन के परिजनों के साथ खड़ा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बलिदानी कैप्टन दीपक सिंह का देश की सुरक्षा को दिया गया सर्वाेच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। वीर जवानों के बलिदान एवं उनके शौर्य से ही हमारा देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश बलिदानी कैप्टन के परिजनों के साथ खड़ा है। राज्य सरकार बलिदानी कैप्टन के परिजनों को हर संभव मदद देगी।
इस अवसर पर विधायक बृजभूषण गैरोला, लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन, कमान्डेंट, भारतीय सैन्य अकादमी, मेजर जनरल आर प्रेम राज, जीओसी उत्तराखंड सब एरिया एवं अन्य लोग मौजूद रहे।