निर्माणाधीन सुरंग ढहने से 40 श्रमिक फंसे,2-3 दिन लग सकते हैं निकालने में
Uttarkashi Tunnel Collapse: मुहाने से 300 मीटर अंदर ढही सुरंग, मजदूरों को बचाने को उद्यम, धामी की अभियान पर नजर
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में दिवाली की सुबह एक बड़ी दुर्घटना हो गई। यहां सिल्क्यारा से डंडालगांव तक बन रही अत्याधुनिक सुरंग का एक हिस्सा धंस गया है। दुर्घटना में 40 मजदूर मलबे में फंसे बताए गए है। दुर्घटना मजदूरों की शिफ्ट बदलते समय हुई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना दुखद बताते हुए बचाव अभियान में तेजी लाने को कहा हैं।
उत्तरकाशी 12 नवंबर। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में दिवाली की सुबह चार बजे बडी दुर्घटना हो गई। यहां सिल्क्यारा से डंडालगांव तक बन रही अत्याधुनिक सुरंग का एक हिस्सा धंस गया है जिसमें 40 मजदूर मलबे में फंसे बताते है।दुर्घटना मजदूरों की शिफ्ट बदलते हुई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, ‘उत्तरकाशी में सिलक्यारा-डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन टनल के एक हिस्से के टूटने की सूचना है। सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालने हेतु एसडीआरएफ़,एनडीआरएफ़ एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन की टीमें रेस्क्यू अभियान चला रही हैं, विषय में जिलाधिकारी से बात कर रेस्क्यु मिशन तेज करने को कहा है। स्वयं भी रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा हूँ। ईश्वर से टनल में फँसे सभी कर्मचारियों के सकुशल बाहर निकलने की कामना करता हूँ।’
50 मीटर हिस्सा मलबे से पटा, पाइप से आक्सीजन पहुंचाने की कोशिश विफल
पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी के अनुसार चार किलोमीटर टनल का 50 मीटर हिस्सा मलबे से पटा है। इसके आगे सुरंग सही स्थिति में है। जहां मजदूर फंसे है, अभी वहां ऑक्सीजन है, बाहर से पाइप डालकर भी ऑक्सीजन आपूर्ति के प्रयास विफल हो गया है। जहां पर टनल मलबे से बंद है, उससे कुछ दूरी पर पहाड़ी छेद कर रास्ता बनाने को काम हो रहा है। इसको टीएचडीसी से मदद ले रहे है, उसके पास ऐसी मशीन उपलब्ध है। टनल में फंसे श्रमिकों से अभी संपर्क नहीं हो पाया है।
NHDCL के पूर्व प्रबंधक ने बताया कि ब्रहम्खाल-पोलगांव निर्माणाधीन रोड टनल जो सिलक्यार से लगभग 2340 मीटर निर्मित है, के सिलक्यार की तरफ से टनल के 270 मीटर भाग के पास 50 मीटर क्षेत्र में मलबे से टनल में 40 मजदूर फंसे हैं।
अफसर बोले- लोगों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है
यह टनल ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। इसकी लंबाई साढ़े 4 किलोमीटर और चौड़ाई 14 मीटर है। उत्तरकाशी के SP अर्पण यदुवंशी ने बताया कि टनल का 50 मीटर का हिस्सा धंस गया है। इसमें फंसे ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं।
जहां टनल धंसी, वो हिस्सा सुरंग के स्टार्टिंग पॉइंट से करीब 300 मीटर अंदर है। रेस्क्यू के लिए NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के 160 लोग लगे हैं। अफसरों के मुताबिक, मजदूरों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है।
ग्राफिक से जानिए कहां हुई दुर्घटना…
क्यों बनाई जा रही सिल्क्यारा टनल
चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धरासू से यमुनोत्री नेशनल हाईवे शुरू होता हैं। यह हाईवे जानकीचट्टी पर खत्म होता है। धरासू से जानकीचट्टी की दूरी 106 किलोमीटर है। बीच में राड़ी टाप क्षेत्र पड़ता है।
हालांकि जब सर्दियों में बर्फबारी होती है तो राड़ी टाप क्षेत्र में यमुनोत्री हाईवे बंद हो जाता है। जिससे यमुना घाटी के तीन तहसील मुख्यालयों बड़कोट, पुरोला और मोरी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है। चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और राड़ी टाप में बर्फबारी की समस्या से मुक्ति को यहां ऑलवेदर रोड परियोजना में डबल लेन सुरंग बनाने की योजना बनी।
शिफ्ट चेंजिंग के समय हुई दुर्घटना
रात्रि शिफ्ट वाले श्रमिक टनल से बाहर आ रहे थे, अगली शिफ्ट वाले भीतर जा रहे थे। टनल के मुख्य द्वार से करीब 300 मीटर दूरी पर ऊपरी हिस्से से मलबा आने से टनल बंद हो गयी। यहां से करीब 2700 मीटर भीतर 40 मजदूर काम कर रहे थे।
कार्यस्थल तक ऑक्सीजन आपूर्ति को डाली गई लाइन भी मलबे से ध्वस्त हो गयी। हालांकि परियोजना के अधिकारी भीतर पर्याप्त मात्रा में पानी और ऑक्सीजन उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं।
फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का एकमात्र विकल्प टनल से मलबा हटाना ही है। बताया जा रहा है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा टनल के ऊपर से आ रहा है। जिस जगह टनल में ऊपर से मलबा आ रहा है, वहां कठोर चट्टान (हार्ड रॉक) नहीं है।
आलवेदर रोड प्रोजेक्ट में हो रहा है इस सुरंग का निर्माण
इस प्रोजेक्ट की यह सबसे लंबी (साढ़े चार किलोमीटर ) डबल लेन सड़क सुरंग है। इसका करीब चार किलोमीटर निर्माण हो गया है। सुरंग निर्माण में मजदूर दिन-रात जुटे रहते हैं। फरवरी 2024 तक इसकी खुदाई पूरी करने का लक्ष्य है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑल वैदर रोड़ (सभी मौसम में खुली रहने योग्य सड़क) सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी।
सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बन रही है। राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडी सीएल) की देखरेख में डबल लेन सुरंग देश की पहली अत्याधुनिक सुरंग न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटी एम) से बन रही है। नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने इसका निर्माण जनवरी, 2019 में शुरू किया था।
ऐसे हुई दुर्घटना
निर्माणाधीन टनल में दिन रात काम चलता है। टनल में लगभग ढाई किलोमीटर अंदर काम चल रहा है। दुर्घटना के पहले रात की शिफ्ट वाले मजदूर टनल से बाहर आ रहे थे और दिन की शिफ्ट वाले मजदूर टनल में जा रहे थे। तभी टनल के मुहाने से 300 मीटर अंदर मिट्टी गिरने लगी। देखते ही देखते टनल का 50 मीटर हिस्सा मिट्टी से पट गया ।
Uttarkashi Tunnel Accident List Of Names Of 40 Workers Released Pm Modi Ask Report To Cm Dhami
टनल में फंसे 40 श्रमिकों के नामों की सूची जारी, हैलीपैड अलर्ट पर… मोदी ने धामी से ली जानकारी
कंपनी की ओर से जारी की गयी सूची के अनुसार टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं। यह मजदूर बिहार,उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड के हैं। मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड सरकार को श्रमिकों के सकुशल बाहर निकालने में मदद का भरोसा दिला केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लेपचा से लौटते ही निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में मलबा से फंसे श्रमिकों के राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली है। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को श्रमिकों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना से निपटने को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने को पुलिस बल और राहत एवं बचाव दल की टीमों को 24×7 मौके पर रेस्क्यू कार्य के निर्देश हैं। रेस्क्यू की अपडेट और सहायता को उत्तरकाशी पुलिस की हेल्पलाइन +917455991223 भी है।
उत्तराखंड सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों की सूची
ड्रिल मशीन से शुरू हुआ कार्य
क्षेत्र में नेटवर्किंग की दिक्कत देख सेटेलाइट फोन भी दुर्घटना स्थल भेजा गया है। चिन्यालीसौड़ हेलीपैड भी अलर्ट मोड पर है। वहां स्वास्थ्य टीम और चार एंबुलेंस भी है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने जिले के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें तत्काल अपने-अपने कार्य स्थल पर रिपोर्ट करने और राहत एवं बचाव कार्य को 24 घंटे ड्यूटी पर रहने को कहा हैं। टनल से मलबा हटा फंसे मजदूरों को निकालने को युद्धस्तर पर एस्केप पैसेज बनाया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी,पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी, उप जिलाधिकारी डुंडा दुर्घटनास्थल पर हैं।