समान नागरिक संहिता विधेयक को उत्तराखंड मंत्री मंडल ने किया स्वीकार
समान नागरिक संहिता प्रारूप मंत्री मंडल ने किया स्वीकार ने , 6 फरवरी को सदन में होगा प्रस्तुत, 7 को विधेयक पर होगी चर्चा
Uttarakhand Uniform Civil Code Bill, Dhami government approves Uniform Civil Code Bill समान नागरिक संहिता को लेकर धामी मंत्री मंडल ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. धामी मंत्री मंडल ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है. पांच से आठ फरवरी तक आहूत होने वाले विधानसभा के सत्र में धामी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक को पटल पर रखेगी.
देहरादून 04 फरवरी 2024 । : उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड का काउंटडाउन शुरू हो गया. उत्तराखंड की धामी सरकार ने आज समान नागरिक संहिता पर चर्चा को लेकर 24 घंटे में दूसरी बार मंत्री मंडल बैठक बुलाई. इस बैठक में धामी कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता विधेयक को स्वीकृति दे दी है. धामी सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र से पहले समान नागरिक संहिता विधेयक को स्वीकृति दे दी है. अब कल से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में धामी सरकार समान नागरिक संहिता विधेयक को सदन के पटल पर रखेगी.
6 फरवरी को विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा. 7 फरवरी को विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा की जाएगी. जिसके बाद इसे धामी सरकार सदन से पारित करवाएगी.
बता दें उत्तराखंड की धामी सरकार पिछले कई दिनों से समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी में है. 2 फरवरी को समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति ने धामी सरकार को समान नागरिक संहिता प्रारूप सौंपा. जिसके बाद धामी सरकार ने इस का विधिक परीक्षण करवाया. इसके साथ ही सरकार ने समान नागरिक संहिता को लेकर अन्य औपचारिकताएं पूरी की है.
बीते रोज हुई मंत्री मंडल बैठक में समान नागरिक संहिता को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी तो सस्पेंस बना था लेकिन पता चला कि इसका विधिक परीक्षण पूरा नहीं हो पाया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस बारे में सवाल किया गया तब मुख्यमंत्री धामी ने इसके जवाब में कहा कि सरकार इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती. उन्होंने कहा राज्य सरकार विस्तृत रूप से प्रारुप का विधिक परीक्षण करवा रही है, ताकि मंत्रिमंडल से मंजूरी दिए जाने से पहले राज्य सरकार ड्राफ्ट को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट हो सके.
प्राप्त है जनादेश
कांग्रेस इसे अनावश्यक और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इसे धन की बरबादी बता चुके हैं लेकिन सरकार का पक्ष है कि इस विषय में उसे पिछले विधानसभा चुनाव में जनादेश मिला है क्योंकि मुख्यमंत्री धामी ने मतदान पूर्व ही इसकी घोषणा कर दी थी। यह संविधान सम्मत तो है ही।