उन्नाव दुर्घटना में 18 मौतें, एक ही जन की अनफिट बिना परमिट 35 बसें सड़कों पर
बच जाती 18 जिंदगियां… : उन्नाव दुर्घटना की जांच में सड़क पर दौड़ते दिखे 35 ‘यमराज’!
नई दिल्ली 10जुलाई2024 । उत्तर प्रदेश के उन्नाव (Unnao) में दुर्घटनाग्रस्त हुई बस में 18 यात्रियों की मौत की घटना के बाद प्रशासन हरकत में है. जांच में पाया गया है कि दुर्घटनाग्रस्त बस यूपी 95 टी 4729 महोबा जिले के आरटीओ में दर्ज है. एक के बाद एक जांच की परते खुली तो एक बड़े नटवरलाल का नाम सामने आया है.जिसके नाम 39 बसें दर्ज़ है,जिसमे 35 बस बिना फिटनेस और परमिट के सड़कों पर दौड़ रही है.ये देख विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया और दुर्घटना की कड़ी जोड़ते हुए ट्रैवल्स एजेंसी के मालिक,ठेकेदार और उक्त नटवरलाल के खिलाफ मुकदमा लिखाने को पुलिस में शिकायत अंकित करवायी गयी है.इस दुर्घटना के बाद तार जुड़े तो पता चला कि बुन्देलखण्ड के महोबा से लेकर दिल्ली और बिहार तक बस माफिया एक सिंडीकेट बनाकर बसों का संचालन कर रहे हैं.
एक ही जन के नाम रजिस्टर्ड थी 39 बसें
बता दें उन्नाव बस दुर्घटना में 18 लोगों की मौत हुई है और ये बस बिना फिटनेस,परमिट सड़क पर दौड़ रही थीं.परिणामत: उन्नाव दुर्घटना में 18 लोगों की जिन्दगी खत्म हो गईं.जांच में दुर्घटनाग्रस्त बस महोबा जिले के खन्ना थाना क्षेत्र के मवई खुर्द गांव निवासी पुष्पेंद्र सिंह के नाम अस्थाई पते पर अंकित मिली. शासन से जानकारी मिलने पर मंडल के आरटीओ उदयवीर सिंह अपनी दो सदस्यीय टीम के साथ महोबा आईटीओ विभाग पहुंचे और उन्होंने जब दस्तावेजों को खंगाला तो वह यह देख भौचक रह गए कि कैसे एक ही व्यक्ति पुष्पेंद्र के नाम पर 39 बस महोबा एआरटीओ विभाग में अंकित हैं जो दिल्ली,बिहार,जोधपुर राजस्थान सहित कई राज्यों में बिना फिटनेस,परमिट सड़कों पर दौड़ रही है.
उठाए गए होते कदम तो नहीं होती दुर्घटना
वर्ष 2018–19 में अंकित यह सभी बसों की फिटनेस को लेकर यदि विभाग गंभीर होता तो शायद इतनी बड़ी दुर्घटना ना होती.सवाल यह भी है कि इतनी बसें बिना फिटनेस के कैसे दौड़ रही थी और अब तक इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई.इससे इतना तो साफ़ है कि विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से बसों का सिंडिकेट का कारोबार चल रहा है. मण्डल आरटीओ उदय वीर सिंह ने बताया कि ऐसी सभी बसों को चिन्हित किया जा रहा है जो अस्थाई पते के नाम पर गलत तरीके से दर्ज़ हैं.इनकी सभी फाइलें मण्डल मुख्यालय में मौजूद है जिसकी जांच को एक टीम बनाई गई है जो ऐसी बसों का डाटा एकत्र कर उन बसों पर कार्रवाई करेंगी .
रजिस्ट्रेशन किया गया 3 महीने को निरस्त
वहीं दूसरी तरफ़ पुष्पेन्द्र के नाम दर्ज़ 39 बसों का डाटा एकत्र कर एआरटीओ दयाशंकर जांच करने जुट गए है जिसमे 35 बसों की फिटनेस और परमिट न पाए जाने पर 3 माह के लिए सभी का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया यहीं नहीं ट्रैवल एजेंसी एम.एस. के.सी. जैन मालिक जोधपुर राजस्थान निवासी करम चंद जैन, बस संचालक ठेकेदार पहाड़गंज मध्य दिल्ली निवासी चंदन जैसवाल और रजिस्ट्रेशन अस्थाई पता दिखाकर बसों को संचालित करने वाले नटवरलाल पुष्पेन्द्र सिंह के खिलाफ़ शहर कोतवाली में नामांकित मुकदमा है. वहीं एआरटीओ दयाशंकर ने बताया कि मैने आज ही कार्यालय ज्वाइन किया है ऐसे में जानकारी प्राप्त हुई है कि और भी तमाम बस ऐसी है जो दस्तावेजों में हेराफेरी कर महोबा एरआरटीओ कार्यालय में दर्ज है,जिसकी जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी.
क्या है नटवरलाल पुष्पेंद्र सिंह की सच्चाई?
जब इस मामले में केयर ऑफ में पुष्पेंद्र सिंह के नाम अंकित कई बसों के पते की हकीकत जानने उसके पैतृक गांव मवई खुर्द पहुंचे तो पता चला कि वह वर्षों से यहां नहीं रहता है. बल्कि उसके माता-पिता और अन्य परिजन गरीबी की जिंदगी जी रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ वह खुद कबरई कस्बे में दो मंजिला इमारत में आलीशान जिन्दगी जी रहा है. जबकि घटना के बाद से पुष्पेन्द्र सिंह भागा बताया जा रहा है. उसके पिता इंद्रपाल ने बताया कि उसके घर में अक्सर बसों के कागज आया करते थे लेकिन उसे नहीं पता कि उसके पुत्र के नाम पर कैसे और कितनी बसें लिखी है. वह खुद यह सुनकर हैरत में है तो वहीं आसपास के ग्रामीण भी यह जानकारी सुनकर दंग रह गए.
बहरहाल उन्नाव कांड ने टूरिस्ट परमिट की आड़ पर बिना फिटनेस परमिट के सड़कों पर दौड़ रही यमराज बनी बसों का सिंडिकेट खोलकर रख दिया है,लेकिन अब जरूरत है इस मामले की तह तक जाने की ताकि इसमें जुड़े विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ बड़े नटवरलालों की पहचान हो सके.
सीटें बाहर निकल आईं, बस का हाल बता रहा कितना दर्दनाक था हादसा
उन्नाव में हादसे का शिकार हुई बस बिहार से दिल्ली जा रही थी. बताया जा रहा है कि बस में ज्यादातर लोग बिहार के ही रहने वाले थे.
उन्नाव सड़क हादसे की जो तस्वीरे सामने आई हैं वो बेहद दर्दनाक हैं.दुर्घटना में 18 मौतें हो चुकी है जबकि 30 गंभीर घायल हैं. ये हादसा कितना भीषण था इसका अनुमान आप बस को देखकर ही लगा सकते हैं. बस की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें साफ दिख रहा है कि बस का एक-एक पुर्जा हिल चुका है. क्या पैसेंजर के बैठने की सीट और क्या ही बस के चालक की सीट. जिस समय यह हादसा हुआ वह समय आम तौर पर लोगों के आराम करने का होता है. इस बस में भी कई लोग गहरी नींद में थे. इसी दौरान एक तेज झटका लगा और बस अनियंत्रित होकर पलट गई.
हादसा इतना भयानक था इसका अंदाजा आप इस बस के इंजन की हालत को देखकर भी पता लगा सकते हैं. बस और दूध से भरे कंटेनर की टक्कर इतनी जबरदस्त थी इसमें बस का इंजन तक चकनाचूर हो चुका है. चश्मदीदों को अनुसार ये घटना ओवरटेक करने के चक्कर में हुई है. ओवरटेक करने के दौरान दूध के कंटेनर ने बस को टक्कर मारी और बस अनियंत्रित होकर पलट गई.
जरा सोचिए कि ये हादसा कितना भयानक था कि बस के पलटते से उसके अंदर की सीटें तक उखड़ गए. तो फिर इन सीटों पर बैठे यात्रियों का क्या हाल हुआ होगा इसकी कल्पना आप कर सकते हैं.
इस हादसे के बाद दूध से भरा टेंकर भी पलट गया है. इस हादसे में टेंकर भी घटनास्थल पर पलटा मिला है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्घटना के समय दोनों वाहन बेहद तेज गति में थे. टैंकर ने ओवर टेक करने की कोशिश की तो उसकी भिड़ंत इस बस से हो गई.