अबू सलेम पर किताब लेखक IAS खान को द कश्मीर फाइल्स की कमाई से तकलीफ
अबू सलेम पर किताब, सरनेम छिपाने वाला ‘शिगूफा’… अब द कश्मीर फाइल्स पर विवादों में आए IAS अफसर नियाज खान कौन
IAS Niyaz Khan Controversy : सात नॉवेल लिखने वाले एमपी के आईएएस अधिकारी नियाज खान एक बार फिर से चर्चा में हैं। नियाज खान ने द कश्मीर फाइल्स पर ट्वीट किया है। इसे लेकर कई तरह के सवाल उठे हैं। नियाज खान के ट्वीट पर एमपी सरकार के मंत्रियों ने भी प्रतिक्रिया दी है। नियाज खान को विवादों में रहना पसंद है।
ias niyaz khan who spoke on the kashmir files and wrote don abu salem love story
कश्मीरी पंडितों के दर्द पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की चर्चा पूरे देश में हैं। इसे लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। एमपी के विवादप्रिय आईएएस नियाज खान ने18 मार्च ट्वीट किया कि कश्मीर फाइल ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है। उन्हें कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति होनी चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्यायें दिखाने को भी एक फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं बल्कि इंसान और देश के नागरिक हैं। इसी ट्वीट से घमासान मच गया। भाजपा नेताओं ने उन्हें नसीहत दी है कि आप नौकरी छोड़ मुसलमानों के रहनुमा बनें। नियाज खान का विवादों से नाता नया नहीं है। इससे पहले भी ये कई बार चर्चा में रहे हैं।
कौन हैं IAS नियाज खान
नियाज खान 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जो पहले राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। प्रमोटी आईएएस हैं। मूल रूप से छत्तीसगढ़ निवासी हैं। लेखन के शौकीन नियाज सात नॉवेल लिख चुके हैं। अभी लोक निर्माण विभाग में उपसचिव हैं। विवादों से उनका कई बार तबादला भी हुआ।
‘भूत की तरह पीछा कर रहा ‘खान’ सरनेम’
नये विवाद के पहले खान सरनेम पर ट्वीट को लेकर भी विवादों में रहे । जुलाई 2019 में उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मैं अपनी पहचान छिपाना चाहता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि नया नाम मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचा सकता है। उन्होंने मुस्लिम बॉलिवुड स्टार्स को भी यही नसीहत दी थी। नियाज ने ट्वीट में लिखा था कि नया नाम मुझे हिंसक भीड़ से बचाएगा। मैं कुर्ता-टोपी नहीं पहनता और दाढ़ी भी नहीं रखता हूं तो मैं हिंसक भीड़ से नकली नाम के सहारे बच सकता हूं। नियाज ने कहा था कि खान सरनेम मेरा भूत की तरह पीछा करता है।
अबू सलेम के साथ जेल में रहने की इच्छा
नियाज खान ने अबू सलेम की लव स्टोरी पर किताब लिखी है। इसमें कई रोचक किस्से हैं। नॉवेल का नाम लव डिमांड्स ब्लड है। यह एक्शन पैक्ड थ्रिलर नॉवेल है। नियाज खान ने 2017 में नॉवेल के लिए कहा था कि अबू सलेम इसका मुख्य किरदार हैं। उन्होंने सलेम के साथ जेल में समय गुजारने की अर्जी सरकार को दी थी ताकि उसे समझ सकूं। मगर सरकार से नियाज को मंजूरी नहीं मिली थी।तब नियाज गुना के एडीएम थे।
नौकरी के दौरान भी विवाद
नियाज खान अपने ट्वीट को लेकर राजनेताओं के निशाने पर रहते हैं। 2019 में नियाज खान की तैनाती पीएचई विभाग में थी, तब तत्कालीन प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल से बहस हो गई थी। नियाज बिना तैयारी मीटिंग में पहुंचे थे। दोनों में बात इतनी बढ़ी कि अग्रवाल ने उन्हें बाहर जाने को कह दिया था। इसकी शिकायत नियाज खान ने तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती से की और पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव के साथ काम करने में असमर्थता जताई थी।
फिल्म के निर्देशक ने दिया जवाब
नियाज खान ने रविवार के ट्वीट में कहा कि द कश्मीर फाइल्स की आय 150 करोड़ रुपये पहुंच गई है। बढ़िया। लोगों ने कश्मीरी पंडितों की भावनाओं का बहुत सम्मान किया है। मैं फिल्म निर्माता का सम्मान तब करूंगा कि वे सारी कमाई कश्मीरी पंडितों की शिक्षा और कश्मीर में उनके लिए घरों के निर्माण में ट्रांसफर कर दें। यह एक महान दान होगा। इस पर फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने जवाब देते कहा कि सर, नियाज खान साहब, 25 मार्च को भोपाल आ रहा हूं। हमें मिलने का समय दें ताकि हम विचारों का आदान-प्रदान कर सकें कि हम कैसे मदद कर सकते हैं। साथ ही आप अपनी किताबों की रॉयल्टी और आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी शक्ति के साथ कैसे मदद कर सकते हैं।
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, कार्मिक विभाग करें कार्रवाई
नियाज खान के फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर टिप्पणी पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कार्मिक विभाग निजाम पर कार्रवाई करे।
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर प्रतिक्रिया में देश में मुसलमानों की हत्या पर भी फिल्म बनाए जाने संबंधी बयान पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि नियाज खान सीमा लांघ रहे हैं। वे फिरकापरस्ती से अराजकता फैलाकर ख्याति बटोरना चाहते हैं। इस मामले में कार्मिक विभाग को पत्र लिख रहा हूं। ऐसे अधिकारी को पद पर रहने का अधिकार नहीं है। उधर, नियाज खान ने रविवार को भी तीन ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) प्रमुख हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी को इस मुद्दे पर बोलने को कहा । उन्होंने कहा कि केवल चुनाव में ही नहीं, मानवीय मुद्दों पर भी बोलें।
विश्वास सारंग ने कहा कि प्रशासकीय पद के लिए आचार संहिता है। नियाज खान का व्यवहार सेवा नियमों के खिलाफ और आपत्तिजनक है। प्रशासकीय पदासीन किसी भी व्यक्ति को इस तरह अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं है। यह मुद्दा हिंदू-मुसलमान का नहीं है। वे सिर्फ मुस्लिमों की बात करते हैं।
बार-बार देखने वाली फिल्म है द कश्मीर फाइल्स: नरोत्तम मिश्रा
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को कटड़ा जाकर माता वैष्णो देवी के दर्शन किए और वहां से लौटकर जम्मू में कश्मीरी हिंदुओं के साथ सिनेमाघर में द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखी। उन्होंने कहा कि फिल्म हकीकत बयां करती है और इसे बार-बार देखने का मन करता है। मिश्रा दो बार यह फिल्म देख चुके। मिश्रा ने कहा कि जम्मू में कश्मीरी भाई-बहनों के साथ द कश्मीर फाइल्स देखने के बाद कश्मीरी हिंदुओं के संघर्ष का सच देखकर मन दुखी हो उठा। फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री और अभिनेता अनुपम खेर का वह लोगों के सामने नरसंहार को सामने लाने को धन्यवाद देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बार नहीं बार-बार देखने वाली फिल्म है। विशेषकर युवा इसे बार-बार देखें ताकि देश को भविष्य में ऐसे दिन फिर से न देखने पड़ें। कुछ लोगों ने इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश किया, लेकिन समय आ गया है कि हकीकत सबके सामने आए। फिल्म देखने के बाद नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट भी किया। उन्होंने इस संबंध में वीडियो भी शेयर किया। उन्होंने कहा कि फिल्म दिमाग पर पर्दे हटाने वाली साबित हुई।