उप्र उपचुनाव:भाजपा ने साधा जातीय संतुलन,सपा का सवर्णों को अंगूठा,4 मुस्लिम टिकट
UP by-election: After a long deliberation, BJP played the card of social engineering, this is how it solved
उप्र भाजपा सूची: लंबी माथापच्ची के बाद भाजपा ने निकाली जातीय काट, टिकट देने में इन रखा सबको साधने का ख्याल
UP BJP candidates: उत्तर प्रदेश उपचुनाव को भाजपा ने अपने आठों उम्मीदवारों की सूची एक साथ जारी कर दी। एक सीट सहयोगी रालोद के लिए छोड़ी है। एक सीट पर चुनाव घोषित होना बाकी है।
लखनऊ 24 अक्टूबर 2024। लंबी माथापच्ची के बाद नामांकन की अंतिम तिथि से एक दिन पहले भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने कोटे की सभी 8 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। नौवीं सीट मीरापुर से रालोद ने मिथिलेश पाल को प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ ही चुनाव वाली सभी 9 सीटों से एनडीए के प्रत्याशी मैदान में हैं।
धर्मेद्र यादव ने अनजेश से रिश्ता तोड़ा
भाजपा ने सबसे चौकाने वाला चेहरा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे से रिक्त मैनपुरी की करहल सीट से उतारा है। यहां से अखिलेश के बहनोई अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। अनुजेश के प्रत्याशी घोषित होने के बाद सांसद धर्मेंद्र यादव ने अपने बहनोई से रिश्ता खत्म करने का पत्र जारी कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में लिखा है कि भाजपा के किसी भी नेता से हमारा कभी भी कोई संबंध नहीं हो सकता है। अनुजेश अब भाजपा के नेता है, इसलिए अब हमारा उनसे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने मीडिया से अनुजेश को अपने रिश्तेदार के तौर पर पेश न करने का अनुरोध किया है।
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी की गई सूची के मुताबिक अंबेडकरनगर के कटेहरी से धर्मराज निषाद, मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, अलीगढ़ के खैर (सुरक्षित) से सुरेंद्र दिलेर, प्रयागराज की फूलपुर सीट से दीपक पटेल, मिर्जापुर के मझवां से सुचिस्मिता मौर्य और कानपुर की सीसामऊ से सुरेश अवस्थी को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट गठबंधन में रालोद को दी है, जहां से रालोद ने मिथिलेश पाल पाल को मौका दिया है।
चार सीटों पर ओबीसी चेहरों को मौका
प्रत्याशियों के चयन में भाजपा ने जातिगत समीकरण को साधने का भरसक प्रयास किया है। सीटों के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा ने अपने कोटे की 8 सीटों में पचास फीसदी यानि चार सीट पर ओबीसी और एक सीट पर दलित चेहरा उतारकर मुख्य विपक्षी सपा के पीडीए फार्मूले के सामने कड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश की है। जबकि शेष दो सीटों पर ब्राम्हण और एक सीट पर क्षत्रिय जाति का उम्मीदवार देकर सवर्ण समर्थकों को भी साधने का प्रयास किया है।
फंसा रहा सीसामऊ पर फैसला
संजय निषाद का दांव गया खाली
भाजपा ने बृहस्पतिवार को अपने कोटे की 8 में से 7 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिया था, लेकिन कानपुर की सीसामऊ सीट पर मामला काफी देर तक उलझा रहा। सूत्रों के मुताबिक इस सीट पर पेंच फंसने की वजह से मजबूत दावेदारी रही। पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह और दलित बिरादरी के प्रभावशाली चेहरा माने जाने वाले राकेश सोनकर की प्रबल दावेदारी की वजह से पार्टी नेतृत्व फैसला लेने में उलझा रहा। दोनों के बीच टिकट को मचे घमासान को देखते हुए नेतृत्व ने सुरेश अवस्थी का नाम फाइनल किया है। इस वजह से सुबह जारी की गई सूची में सीसामऊ सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया था। इस सीट पर शाम को उम्मीदवार की घोषणा हुई।
पांच सीटों पर कॉडर को वरीयता
लोकसभा में कॉडर की उपेक्षा से हुए नुकसान से सतर्क भाजपा ने उप चुनाव में कॉडर को वरीयता दी है। अपने कोटे की आठ सीटों में पांच सीटों पर कॉडर के पुराने नेताओं को ही टिकट दिया है। गाजियाबाद, खैर, मझंवा, सीसामऊ और कुंदरकी सीट पर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया है, जबकि कटेहरी और फूलपुर सीट से बसपा और करहल सीट से मुलायम परिवार से भाजपा में आए चेहरों पर दांव लगाया है।
काम न आया निषाद का दबाव
उप चुनाव में दो सीटें लेने पर अड़े एनडीए के सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के सारे हथकंडे बेकार साबित हुए। उनके स्तर से हर स्तर पर बनाया गया दबाव बेअसर रहा। बता दें कि संजय निषाद ने कटेहरी व मझवां सीट पर दावेदारी कर रखी थी। 2022 में भी ये दोनों सीटें उन्हें दी गई थी। इसी को आधार पर बनाकर संजय उप चुनाव में भी दोनों सीटें मांग रहे थे। लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व ने उन्हें एक सीट भी नही दिया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व में निषाद को उप चुनाव न लड़ने पर राजी कर लिया है।
उपचुनाव में अखिलेश यादव ने कैसे साधा PDA समीकरण, सामान्य श्रेणी का एक भी प्रत्याशी नहीं
उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। सभी नौ सीटों पर पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वर्ग के उम्मीदवारों को मौका दिया गया है जिसमें चार मुस्लिम दो वंचित और तीन पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी शामिल हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक नया नारा भी दिया है- संविधान आरक्षण सौहार्द बचाना है बापू-बाबासाहेब-लोहिया के सपनों का देश बनाना है।
सपा ने पीडीए के अल्पसंख्यक फार्मूले में नौ में से चार मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारा है।
सपा ने उतारे चार मुस्लिम, दो वंचित और तीन पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार
गाजियाबाद की सामान्य सीट पर वंचित समाज को उतारकर चला दांव
विधानसभा उपचुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि के एक दिन पहले गुरुवार को सपा ने सभी नौ सीटों पर अपने प्रत्याशियों को लेकर स्थिति साफ कर दी। सपा ने गाजियाबाद सामान्य सीट से वंचित समाज के सिंह राज जाटव को उतारकर चौंकाया।
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने फैजाबाद लोकसभा सीट की तरह सामान्य होने पर भी अवधेश पासी को लड़ाने की नीति पर काम करते हुए पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्ग को साधने की कोशिश की है।
पिछड़ा वर्ग के तीन उम्मीदवारों को उतारा
सभी नौ सीटों पर एक भी सामान्य श्रेणी के प्रत्याशी सपा ने नहीं उतारे हैं। नौ सीटों में सबसे अधिक चार मुस्लिम, दो वंचित और तीन पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को सपा से टिकट मिला है। सपा ने नौ अक्टूबर को मिल्कीपुर, करहल, सीसामऊ, कटेहरी, मझवां और फूलपुर सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे। इसके बाद मीरापुर सीट पर अपने प्रत्याशी तय किया है।
कुंदरकी सीट पर मौहम्मद रिजवान के नाम की जानकारी देने हुए उनका प्रारूप सी-7 जारी कर अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। सपा ने पीडीए के समीकरण को ध्यान में रखते हुए पिछड़ा वर्ग के तीन उम्मीदवारों को उतारा है।
इसमें करहल से तेज प्रताप यादव, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझवां से डॉ. ज्योति बिंद शामिल हैं। वंचित समाज के दो प्रत्याशियों में खैर सीट से डॉक्टर चारू कैन और गाजियाबाद सीट से सिंह राज जाटव शामिल है।
गाजियाबाद सीट पर करीब एक लाख जाटव मतदाता
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि गाजियाबाद विधानसभा सीट पर करीब एक लाख जाटव मतदाता हैं। यह उपेक्षित वर्ग संविधान बचाने को सपा प्रत्याशी को वोट देगा।
पीडीए के अल्पसंख्यक फार्मूले में नौ में से चार मुस्लिम प्रत्याशी सपा ने उतारे है। सीसामऊ से हाजी इरफान सोलंकी की सजा से खाली हुई सीट से उनकी पत्नी नसीम सोलंकी, फूलपुर से मौहम्मद मुज्तबा सिद्दीकी, मीरापुर से सुम्बुल राणा और कुंदरकी से मौहम्मद रिजवान को प्रत्याशी बना गया है।
चारों सीटें मुस्लिम मतदाताओं के प्रभाव वाली मानी जाती हैं। इसके अलावा सपा ने नौ अक्टूबर की सूची में मिल्कीपुर सीट से भी सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी घोषित किया था। हालांकि, इस सीट पर अभी उपचुनाव नहीं हो रहे हैं।
अखिलेश ने दिया नया नारा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर गुरुवार सुबह कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के साथ अपनी फोटो पोस्ट करते हुए एक नारा लिखा। हमने ये ठाना है ‘संविधान, आरक्षण, सौहार्द’ बचाना है ‘बापू-बाबासाहेब-लोहिया’ के सपनों का देश बनाना है।
इस नारे से सपा अध्यक्ष ने जहां बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एकता देने का संदेश दिया है। वहीं, पार्टी इसके संविधान और आरक्षण शब्द को पिछड़ा व वंचित वर्ग को जोड़ने, जबकि सौहार्द से अल्पसंख्यकों को साधने की नीति के लिए उठाया गया कदम बता रही है।