कट आफ डेट पर सुको की मुहर से उप्र में 37 हजार शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ

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उत्तर प्रदेश 69,000 शिक्षक भर्ती: शिक्षा मित्रों को सुप्रीम कोर्ट से झटका…अब बाकी 37 हजार पदों पर भर्ती का रास्ता साफ
राजेश चौधरी।
सुप्रीम कोर्ट से यूपी के शिक्षामित्रों को राहत नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार को मई में घोषित हुए रिजल्ट के मुताबिक 69 हजार असिस्टेंट बेसिक टीचरों की सीटों को भरने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यूपी में 69 हजार में बाकी बचे 37 हजार टीचरों के पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

हाइलाइट्स:
सुप्रीम कोर्ट से यूपी के शिक्षामित्रों को झटका, कोर्ट ने सरकार की कटऑफ को बताया सही
कोर्ट ने रिजल्ट के मुताबिक 69 हजार असिस्टेंट टीचरों की सीटों को भरने की इजाजत दे दी है
इसी के साथ यूपी में 69 हजार में बाकी बचे 37 हजार टीचरों के पदों पर भर्ती का रास्ता साफ
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों की अर्जी

नई दिल्ली 18 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को राहत नहीं मिली और अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस बात की इजाजत दे दी है कि वह मई में घोषित हुए रिजल्ट के मुताबिक 69 हजार असिस्टेंट बेसिक टीचरों की सीटों को भरें। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के बढ़ाए गए 60-65 फीसदी कटऑफ मार्क्स को बरकरार रखा था। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र असोसिएशन ने चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब उत्तर प्रदेश में 69 हजार में बाकी बचे 37 हजार टीचरों के पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने 69 हजार असिस्टेंट टीचरों की भर्ती के तमाम व्यवधान को खत्म कर दिया। अदालत ने यूपी बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार असिस्टेंट टीचरों के भर्ती प्रक्रिया के दौरान कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया था और अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है और हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल शिक्षा मित्रों की अर्जी खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों के लिए कटऑफ बदले जाने से इनकार कर दिया।

यूपी सरकार ने आवेदकों के लिए तय कर दिया था कटऑफ
गौरतलब है कि यूपी बेसिक शिक्षा परिषद ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान सामान्य वर्ग के आवेदकों के लिए कटऑफ 65 फीसदी और अन्य रिजर्व कैटगरी के लिए 60 फीसदी तय कर दी थी। पहले सामान्य के लिए कटऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी थी। शिक्षा मित्रों के असोसिएशन ने इस तरह कटऑफ को बीच परीक्षा में बदले जाने और उसे बढ़ाए जाने को चुनौती दी थी और कहा था कि ये गैर कानूनी है और अनुचित है। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि उनका सेलेक्शन 45 फीसदी और 40 फीसदी के कटऑफ के आधार पर करने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने मानी उत्तर प्रदेश सरकार की दलील

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के उस दलील को रेकॉर्ड पर लिया जिसमें कहा गया था कि कटऑफ बढ़ाने के कारण टीचर भर्ती के पेपर में जो शिक्षामित्र सफल नहीं हो पाए हैं उन्हें अगली परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के बयान को रेकॉर्ड पर लेते हुए यूपी सरकार से इसको लेकर रोडमैप बनाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में हुई बहस के बाद अदालत ने 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट को इस बात को तय करना था कि कि परीक्षा के बीच में क्या कटऑफ फीसदी बदलकर 60-65 फीसदी किया जा सकता है? इस मामले में शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले को बरकरार रखा है और यूपी सरकार ने जो कटअफ तय किया था उसके खिलाफ याचिका खारिज कर दी।

फैसले से 37 हजार पदों पर भर्ती का रास्ता साफ

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 जून को यूपी सरकार से कहा था कि वह सहायक टीचरों की भर्ती के दौरान 37 हजार पदों को फिलहाल न भरें। यूपी में 69 हजार असिस्टेंट टीचरों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। ऐसा अनुमान से बताया जा रहा है कि करीब 37 हजार शिक्षा मित्र थे जिन्हें असिस्टेंट टीचर की परीक्षा में 40 से 45 फीसदी नंबर आए थे। यूपी के सीएम ने 19 सितंबर को 31 हजार 661 पदों पर नियुक्ति एक हफ्ते के भीतर करने को कहा था। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है इसके बाद बाकी के बचे 37,339 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

याचिकाकर्ताओं की क्या थी दलील

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच के सामने शिक्षामित्रों की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव धवन और राकेश द्विवेदी की ओर से दलील दी गई थी कि असिस्टेंट टीचर की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी रखा गया था। लेकिन पेपर के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसदी कर दिया गया। ये गैर कानूनी कदम है क्योंकि पेपर के बीच में कटऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है। साथ ही दलील दी गई थी कि बीएड स्टूडेंट इस असिस्टेंट टीचर की परीक्षा के लिए पात्रता नहीं रखते क्योंकि उन्होंने ब्रिज कोर्स नहीं किया है। असिस्टेंट टीचरों के लिए ये जरूरी है कि आवेदक छह महीने का ब्रिज कोर्स करें।

उत्तर प्रदेश सरकार ने याचिका का किया था विरोध

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की दलील का यूपी सरकार ने विरोध किया था और यूपी सरकार की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने दलील दी थी कि कटऑफ तय करना गलत नहीं है और बीच परीक्षा में भी ये हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 जून को क्या कहा था

सुप्रीम कोर्ट ने 9 जून को यूपी सरकार से कहा था कि वह सहायक टीचरों की भर्ती के दौरान 37 हजार पदों को फिलहाल न भरें। यूपी में 69 हजार असिस्टेंट टीचरों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। ऐसा अनुमान से बताया जा रहा है कि करीब 37 हजार शिक्षा मित्र हैंं जिन्हें असिस्टेंट टीचर की परीक्षा में 40 से 45 फीसदी नंबर आए हैं। यूपी के 69 हजार असिस्टेंट टीचरों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। यूपी सरकार ने टीचरों की भर्ती में एग्जाम के बाद कट ऑफ तय किया था जिसे शिक्षा मित्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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