उपनल कर्मियों की हड़ताल पर सरकार कठोर, न्यायाधीन है विषय

देहरादून 01 मार्च,। प्रदेश में उपनल द्वारा प्रायोजित आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल को राज्य सरकार द्वारा औचित्यहीन बताया है। जबकि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर उपनल कार्मिकों के मानदेय में वृद्धि की जाती रही, हाल ही में अगस्त 2020 में उनके मानदेय में वृद्धि की गई है।
राज्य सरकार का मानना है कि वर्तमान में विधान सभा सत्र गतिमान होने के साथ ही वित्तीय वर्ष की समाप्ति की ओर है, जबकि कोविड-19 का प्रकोप पूरे देश में व्याप्त है। ऐसे समय में बिना किसी कारण के उपनल कार्मिकों का हड़ताल किया जाना उचित नहीं है।
इस सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड को सम्बोधित पत्र में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो मांगे उपनल आउटसोर्स कर्मियों द्वारा की जा रही है वह मांगे मा. सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है तथा इस तथ्य से सभी पक्ष भिज्ञ हैं।
अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में प्रबन्ध निदेशक उपनल से यह भी अपेक्षा की गई है कि वे इस सम्बन्ध में सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उपनल आउटसोर्स कर्मियों को तत्काल हड़ताल वापस करने के निर्देश जारी करायें। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि हड़ताल वापस के बाद ही उपरोक्त कर्मियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक वार्ता किया जाना उचित होगा।

उपनल प्रबंधन ने दी हड़ताली कर्मचारियों को हटाने की चेतावनी, कहा- काम पर लौटें वरना जाएगी नौकरी

समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश के हजारों उपनलकर्मी हड़ताल पर हैं। इससे कई विभागों की सेवाएं प्रभावित हैं। इस बाबत उपनल प्रबंधन ने हड़ताली उपनल कर्मचारियों को सख्त चेतावनी जारी की है। प्रबंधन ने कर्मचारियों के काम पर नहीं लौटने पर पंजीकृत 70 हजार अभ्यर्थियों को नौकरी पर रखने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।

बता दें, उपनल के माध्यम से प्रदेशभर के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स पर 22 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इन दिनों विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर है। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पतालों, पेयजल, ऊर्जा के निगमों, विश्वविद्यालयों आदि विभागों व निकायों में व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।

हड़ताल का सबसे ज्यादा असर सरकारी अस्पतालों में पड़ रहा है। जिससे मरीजों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। उपनलकर्मियों के तेवर देखते हुए अभी हड़ताल लंबी खिंचने के आशंका है। इस बीच अब विभागों ने उपनल को आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर आ रही दिक्कत के बारे में बता दिया है।

उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) प्रबंधन ने भी अब कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील के साथ ही हड़ताल खत्म न होने पर सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। प्रबंधन का कहना है कि उनके पास 70 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं।

कर्मचारियों के काम पर न लौटने पर नई भर्तियां शुरू की जा सकती हैं। उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा (सेवानिवृत्त) का कहना है कि नए कर्मचारियों को उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर संबंधित विभागों में भेजा जाएगा।

हड़ताली कर्मचारियों से लगातार अपील की जा रही है कि वह काम पर लौट आएं। गत अगस्त में ही उनका वेतन बढ़ाया गया है। सरकार उनके बारे में बेहतर सोच रही है। हड़ताल से जनता को दिक्कत हो रही है, जो ठीक नहीं है। विभागों ने भी कहना शुरू कर दिया है कि उनके कर्मचारी बार-बार हड़ताल पर चले जाते हैं। ऐसे में व्यवस्था बनाने में दिक्कत आती है। हमने विभागों से कह दिया है कि वह डिमांड भेजना शुरू करें, हम संबंधित कार्य के लिए योग्य और अनुभवी पंजीकृत लोगों को आउटसोर्स पर भेजने को तैयार हैं। साथ ही हड़ताल पर गए कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
-ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा (सेवानिवृत्त) प्रबंध निदेशक, उपनल

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