सुल्तानपुर का नाम होगा अब कुशभवनपुर
सुलतानपुर को कुशभवनपुर करने की तैयारी, नगरपालिका से पास हो चुका है प्रस्ताव
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने भी सुलतानपुर का नाम बदलने का समर्थन किया है। शासन ने इस मामले को संज्ञान लेकर रिपोर्ट तलब की थी। जिस पर करीब चार माह पूर्व डीएम रवीश गुप्ता ने गजेटियर का हवाला देते हुए रिपोर्ट कमिश्नरी को भेजा था।
सुलतानपुर 27 अगस्त। उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले का नाम बदलने की कवायद लगभग दो सालों से अधिक समय से चली आ रही है। जिला प्रशासन की ओर से चार माह पूर्व भेजी गई रिपोर्ट के बाद अब शासन इसको मंजूरी देने की तैयारी में जुट गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि योगी सरकार चुनाव से पहले जिले का नाम बदलकर उसे वोट बैंक के रूप में कैश कराएगी
नगरपालिका बोर्ड की बैठक में सबसे पहले पास हुआ था प्रस्ताव
बता दें कि सबसे पहले वर्ष 2018 में नगरपालिका बोर्ड की बैठक में सुलतानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने का प्रस्ताव पास हुआ था। शौर्य फाउंडेशन ने मार्च 2019 में सुलतानपुर पहुंचे तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक को एक किताब के साथ एक पत्र सौंपा था, जिसमें सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर करने का अनुरोध किया था। 28 मार्च 2019 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भी लिखी थी।
सदन में उठा था मुद्दा
वहीं, लंभुआ से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने साल 2019 में सदन में धारा 103 के तहत इस पर चर्चा भी की थी। हाल ही में उन्होंने सुलतानपुर से बीजेपी के तीन और विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर सिफारिश की थी। बीजेपी विधायक देवमणि का कहना था कि अयोध्या से सटे सुलतानपुर जिले को भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था और इसे कुशभवनपुर नाम से जाना जाता था। यही सीताजी ठहरी थीं, उनकी याद में आज भी सीताकुंड घाट है। सुलतानपुर के गजेटियर में भी इस बात का उल्लेख है कि इसका नाम कुशभवनपुर ही था। उस समय मुगलों ने इसका नाम बदल दिया था। ऐसे में इसका पुराना नाम होने से जहां गर्व की अनुभूति होगी तो वहीं सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ेगा।
बीजेपी प्रवक्ता विजय रघुवंशी ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने भी सुलतानपुर का नाम बदलने का समर्थन किया है। शासन ने इस मामले को संज्ञान लेकर रिपोर्ट तलब की थी। जिस पर करीब चार माह पूर्व डीएम रवीश गुप्ता ने गजेटियर का हवाला देते हुए रिपोर्ट कमिश्नरी को भेजा था। अब उसी को राजस्व परिषद ने संज्ञान लेकर शासन में भेजा है।
मिलेगी पुरानी पहचान, कुशभवनपुर होगा जिले का नाम
वैसे भी जिले का नाम बदलने की मुहिम छह साल पहले से चल रही है। इसके लिए कई समितियां भी संघर्षरत है
भगवान कुश के द्वारा बसाई गई नगरी को पुरानी पहचान मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही जिले का नाम कुशभवनपुर हो जाएगा। शासन स्तर पर इसकी कागजी कार्रवाई भी चल रही है। वैसे भी जिले का नाम बदलने की मुहिम छह साल पहले से चल रही है। इसके लिए कई समितियां भी संघर्षरत है।
यह है जिले का इतिहास :
पौराणिक मान्यतानुसार गोमती नदी के तट पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के ज्येष्ठ पुत्र कुश द्वारा कुशभवनपुर नाम का नगर बसाया गया था। खिलजी वंश के सुल्तान ने भारशिवो के राजा नंदकुवर भर एक महान प्रतापी राजा थे इनको खिलजी वंश के सुल्तानों ने वैश्यराजपूतों के साथ मिलकर छल पूर्वक पराजित किया और खिलजी वंश के सुल्तान ने वैश्य राजपूतों को भाले सुल्तान की उपाधि प्रदान की। इसी भाले सुल्तान की उपाधि के नाम पर इस नगर को सुलतानपुर के नाम से बसाया गया। वर्ष 1903 में प्रकाशित सुलतानपुर गजेटियर में भी इसका जिक्र मिलता है। गोमती का किनारे कुश-काश के लिए प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध है।
चल रहा है अभियान : कुशभवनपुर नाम को लेकर वर्ष 2015 में देवमणि द्विवेदी ने मांग उठाई थी। 2017 में जब वह लम्भुआ से भाजपा विधायक बने तो सदन में भी इसे रखा। कई सत्रों तक इसपर बहस भी हुई। उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को सुलतानपुर, कादीपुर, सदर के भाजपा विधायक का हस्ताक्षर युक्त पत्र मुख्यमंत्री जी को सौंपा था। उनका कहना है कि नाम बदलने से जिले का अलग पहचान मिलेगी।
छह जनवरी को नगर पालिका में पारित हुआ था प्रस्ताव : नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल ने बताया कि 12 दिसंबर 2017 को आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम से ही मांग उठाई गई थी। छह जनवरी 2018 में नगर पालिका द्वारा कुशभवनपुर नाम का प्रस्ताव भी पारित किया था। इसे डीजीपी सिविल की आख्या रिपोर्ट के साथ शासन को भेजा गया था। छह दिसंबर 2018 को प्रशासन ने भी अपनी आख्या शासन को भेजी थी।
मिलेगी पहचान
: गोमती मित्र मंडल के प्रदेश अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह मदन व भाजयुमो के काशी क्षेत्र महामंत्री पंडित दीपांकर शर्मा ने कहा कि कुशभवनपुर से जिले की पुरानी पहचान है। भगवान राम के पुत्र की यह नगरी अब पुराने स्वरुप में नजर आएगी। अयोध्या में राममंदिर और कुशभवनपुर जिले का नाम बड़ी उपलब्धि होगी