उत्तराखंड कैबिनेट: हरिद्वार कुंभ पहली से 30 अप्रैल, नई ट्रेनें, दूसरे राज्यों से बसें नहीं
उत्तराखंड कैबिनेट: हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक होगा कुंभ, नहीं चलेंगी नई ट्रेन और बाहरी राज्यों की बसें
भराड़ीसैंण दो मार्च।उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में पहुंची सरकार ने मंगलवार को हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन एक अप्रैल से शुरू करने पर मुहर लगा दी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने दो नए विश्वविद्यालयों के गठन को मंजूरी दे दी और केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए ट्रस्ट को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण फैसले भी किए।
विधानसभा में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 12 फैसले लिए गए। सरकार ने केंद्र सरकार की आशा के अनुरूप हरिद्वार महाकुंभ की अवधि को कम से कम रखने पर सहमति जताई। महाकुंभ का आयोजन एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया जाएगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने यह भी माना कि महाकुंभ में टेंट कॉलोनी बनाने की जरूरत नहीं है।
कुंभ मेला क्षेत्र में साढ़े पांच लाख आवास की क्षमता
कैबिनेट बैठक में बताया गया कि 14 जनवरी को हुए स्नान में सात लाख और 11 फरवरी को हुए स्नान में करीब तीन लाख 76 हजार श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अधिकतर श्रद्धालु आवास सुविधा की कमी की समस्या का सामना किए बिना ही स्नान के बाद उसी दिन लौट गए।
मेला क्षेत्र में विभिन्न होटलों, आश्रमों, अखाड़ों में करीब साढ़े पांच लाख लोगों के आवास की क्षमता है। मेला प्रशासन की ओर से करीब 1500 क्षमता के छह रैन बसेरों का निर्माण किया जा रहा है। पीपीपी आधार पर 18 हजार क्षमता के रात्रि शेल्टरों के निर्माण की भी योजना है।
कुंभ मेले में न कोई नई ट्रेन चलेगी, न ही दूसरे राज्यों की बसें
कुंभ मेले के दौरान न तो कोई नई ट्रेन चलेगी और न ही दूसरे राज्यों की नई बसें। कैबिनेट बैठक में यह तथ्य सामने आया। इसके मुताबिक, रेलवे बोर्ड और आसपास के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बाबत पत्र भेजा गया है, ताकि कोविड के मद्देनजर मेले के दौरान भीड़ को नियंत्रण में रखा जा सके।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को मुख्य सचिव ने एक पत्र भेजा है, जिसमें कुंभ मेले के दौरान कोई भी नई ट्रेन न चलाने का निवेदन किया गया है। साथ ही 12 अप्रैल और 14 अप्रैल को शाही स्नानों में हरिद्वार आने वाले ट्रेनों की अनुमति इन तारीखों से एक दिन पहले न दिए जाने और केवल निकासी के मकसद से पर्याप्त संख्या में आउटबाउंड ट्रेनों का संचालन करने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा है कि कुंभ मेले के दौरान इन सभी राज्यों से कोई भी विशेष बस सेवा संचालित न की जाए। उनसे यह भी आग्रह किया गया है कि जो श्रद्धालु कुंभ मेले में आएं, वह स्वास्थ्य जांच कराने के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर ही आएं। सरकारी और प्राइवेट घाट पर स्नान के लिए छह फीट की दूरी रखनी अनिवार्य होगी। गंगा नदी पर 18 किलोमीटर घाटों पर कुल 10 लाख 80 हजार व्यक्ति ही स्नान कर सकते हैं।
केदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट में अपर सचिव समेत 11 नए पद होंगे, पढ़ें कैबिनेट के अन्य फैसले…
उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक मंगलवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में हुई। मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 12 फैसले लिए गए। श्री केदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट अब और मजबूती से काम करेगा। कैबिनेट बैठक में मंगलवार को ट्रस्ट के लिए 11 नए पदों का सृजन करने पर मुहर लग गई। इसमें अपर सचिव सहित 11 महत्वपूर्ण पद भरे जाएंगे।
केदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट में अपर सचिव, संयुक्त सचिव के अलावा विशेष कार्याधिकारी, निदेशक वित्त, तकनीकी विशेषज्ञ/परामर्शदाता, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और लेखाकार के एक-एक पद होंगे। जबकि कनिष्ठ सहायक कम डाटा एंट्री ऑपरेटर और अनुसेवक या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के दो-दो पद होंगे।
ट्रस्ट में मुख्य सचिव पदेन अध्यक्ष या मैनेजिंग ट्रस्टी, सचिव वित्त पदेन कोषाध्यक्ष, सचिव पर्यटन विभाग बतौर पदेन सचिव और औद्योगिकी विकास विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, समाज कल्याण विभाग व संस्कृति विभाग के सचिव बतौर पदेन सदस्य होंगे। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ धाम में विस्तृत मास्टर प्लान के अनुसार निर्माण कार्य चल रहे हैं। ट्रस्ट अगले दो वर्षों में 350 करोड़ से अधिक के काम करवाने जा रहा है।
कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
1. देवभूमि और सूरजमल विश्वविद्यालय बनाएगी सरकार
देवभूमि विश्वविद्यालय देहरादून और सूरजमल विश्वविद्यालय ऊधमसिंह नगर में स्थापित किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इन दोनों विश्वविद्यालयों से संबंधित विधेयकों के प्रस्तावों को सदन में रखे जाने को मंजूरी दे दी। इस समय प्रदेश में 12 राजकीय विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से छह विश्वविद्यालयों का संचालन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से किया जा रहा है।
2. केदारनाथ पुनर्निर्माण को तवज्जो, ट्रस्ट को किया मजबूत
केदारनाथ में पुनर्निर्माण का काम इस समय केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है। मंत्रिमंडल ने ट्रस्ट के लिए 11 अस्थायी पदों को मंजूरी दे दी। इसमें प्रशासनिक पदों के साथ ही तकनीकि विशेषज्ञ और डाटा एंट्री ऑपरेटर तक के पद शामिल हैं। सरकार को अगले दो साल में करीब 350 करोड़ रुपयेे के पुनर्निर्माण कार्य कराने हैं।
3. देवस्थानम बोर्ड में सदस्यों के नामांकन को नियम मंजूर
चारधाम के करीब 51 मंदिरों और यात्रा के संचालन को बने देवस्थानम बोर्ड में सदस्यों को नामित करने की नियमावली को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। इस नियमावली में बोर्ड में नामांकित पुजारियों,वंशानुगत पुजारियों,सनातन धर्म से संबंधित नामांकित सदस्यों,दानदाता सदस्यों की अर्हता को परिभाषित किया गया है।
4. तीन ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पौड़ी जिले की ग्राम पंचायत थलीसैंण, ऊधमसिंह नगर की ग्राम पंचायत लालपुर और ग्राम पंचायत सिरौलीकला को नगर पंचायत बनाने की मंजूरी दे दी। प्रदेश में शहरीकरण का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इन ग्राम पंचायतों में नगर पंचायत बनने पर शहर के समान नागरिक सुविधाएं विकसित करना आसान होगा।
इन मामलों को भी मिली स्वीकृति
1. स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय अधिनियम 2012 के संशोधन विधेयक को सदन में रखे जाने को मंत्रिमंडल ने अनुमति दे दी। विश्वविद्यालय की ओर से हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी आदि में स्कूल शब्द मे संशोधन का आग्रह किया गया था।
2. मंत्रिमंडल ने तय किया है कि भाषा संस्थान का मुख्यालय गैरसैंण में बनाया जाएगा। उत्तराखंड भाषा संस्थान का गठन 2018 में किया गया था। मूल अधिनियम में मुख्यालय देहरादून में बनाना प्रस्तावित था। कैबिनेट ने भाषा संस्थान का मुख्यालय गैरसैंण में स्थापित करने को मंजूरी दी।
3. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 संशोधन विधेयक 2021 और उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1959 संशोधन विधेयक को सदन में रखे जाने को मंजूरी दी गई।